न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने डॉ.विवेक गौतम को दिया "न्यायमूर्ति प्रेम शंकर गुप्त हिंदी साहित्य साधना सम्मान"
हिंदी में 13 हज़ार से अधिक निर्णय लिख चुके इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गौतम चौधरी ने कि हिंदी को बढ़ावा देने की शुरुआत स्वयं से ही होनी चाहिए। इसके लिए ज़रूरी है कि सभी लोग अपने हस्ताक्षर हिंदी में करना शुरू कर दें।

अपने महत्वपूर्ण वक्तव्य के साथ-साथ "अखिल भारतीय हिंदी विधि प्रतिष्ठान" के तत्वावधान में न्याय भवन जनपद न्यायालय गाज़ियाबाद में आयोजित भव्य समारोह में न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने साहित्यकार एवं शिक्षाविद् डॉ.विवेक गौतम को तथा न्याय जगत के कुछ अन्य व्यक्तित्वों को उनकी अथक एवं उल्लेखनीय हिंदी-सेवाओं के लिए "न्यायमूर्ति प्रेम शंकर गुप्त हिंदी साहित्य साधना सम्मान-2023." से अलंकृत किया।





इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा, अतिरिक्त जिला जज आलोक पांडेय, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश त्यागी, संस्था के महासचिव दर्शनानंद गौड़ एवं उपाध्यक्ष धनेश प्रकाश गर्ग सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता और अधिकारीगण उपस्थित थे।
टिप्पणियाँ