मंजीत सिंह एनएमओपीएस से बर्खास्त, 8 जुलाई को जंतर मंतर का कार्यक्रम भी रद्द !!
पेंशन बहाली आंदोलन ,एन एम ओ पी एस, के जनरल सेक्रेटरी ने 2 जुलाई को पत्र जारी करके दिल्ली के अध्यक्ष मंजीत सिंह को संगठन के सभी पदो से हटा दिया है। इसके साथ ही दिल्ली की कार्यकारिणी को भी तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के पत्र दिनांक 02.07.2023 जारी कर कहा है कि मंजीत सिंह के खिलाफ अनुशासन हीनता की शिकायतों के आधार पर यह कार्यवाही की गई है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि मंजीत सिंह बार बार समझाने के बावजूद संगठन के विरुद्ध कार्य करते जा रहे थे। इसी वजह से संगठन से बर्खास्त जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा है। पेंशन बहाली आंदोलन के इतिहास में यह पहली ऐसी कार्यवाही की गई है।
एन एम ओ पी एस ,दिल्ली के प्रवक्ता अरविंद सिंह को तुरंत प्रभाव से दिल्ली का प्रभारी बना दिया गया है।
अरविंद सिंह ने डिप्टी कमिश्नर पुलिस को लिखे पत्र में बताया है कि पेंशन बहाली आंदोलन के शीर्ष नेतृत्व और दिल्ली के सदस्यों से परामर्श करने के बाद आठ जुलाई को मंजीत सिंह द्वारा संगठन विरोधी तत्वों के साथ जंतर मंतर पर घोषित कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया गया है।
अरविंद सिंह ने बताया कि अगले सप्ताह में दिल्ली एन एम ओ पी एस की मीटिंग बुलाई जायगी और सदस्यों से विचार विमर्श के उपरांत नई कार्यकारिणी के गठन का प्रस्ताव राष्ट्रीय कार्यकारिणी भेजा जायेगा। उसके बाद आगामी कार्यक्रम नई कार्यकारिणी द्वारा घोषित किये जायेंगे।
विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि संबंधित पुलिस अधिकारियो को इस निर्णय की सूचना भेजकर स्पष्ट कर दिया गया है कि 8 जुलाई को जंतर मंतर पर होने वाले कार्यक्रम से एन एम ओ पी एस से कोई ताल्लुक नहीं है। इस कार्यक्रम में कुछ ऐसे संगठन एवम नेता शामिल है, जिनके पेंशन बहाली आंदोलन से वैचारिक मतभेद है।
विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में चल रहे पेंशन बहाली आंदोलन की एकदम स्पष्ट मांग है कि पुरानी पेंशन को ही बहाल किया जाए। वे पांच राज्यों में वोट फॉर आरपी एस की रणनीति से पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल कराने में सफलता हासिल कर चुके है।
कुछ सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कुछ सरकारी संरक्षण प्राप्त कर्मचारी संगठन पेंशन की भाजपा द्वारा 2004 में शुरू की गई नई पेंशन योजना एन पी एस में ही कुछ संशोधन करने के प्रस्ताव का समर्थन करने को तैयार है। इन संगठनों से विवाद का मूल बिंदु यही है।
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम का नेतृत्व एन पी एस में कुछ संशोधन करने के प्रस्ताव अथवा संशोधन वादियों के खिलाफ है और पुरानी पेंशन बहाली ही उनकी मांग है।
मंजीत सिंह पेंशन बहाली आंदोलन के नेताओ के बार बार समझाने के बावजूद संशोधन वादियों से संपर्क साध रखे थे और शीर्ष नेताओं की बिना अनुमति के ही उन नेताओ के साथ एन एम ओ पी एस के बैनर के साथ मीटिंग करने पर अड़े हुए थे। इसी अनुशासन हीनता को बर्खास्तगी की वजह बताया जा रहा है।
जानकर सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि पेंशन बहाली की सारी कामयाबी नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के प्रयासों और लंबे संघर्षों से हासिल हुई है। यह संगठन आंदोलन को भ्रमित नहीं होने देना चाहता है। इसलिए मंजीत सिंह को संगठन के सभी पदो से हटाया गया है, और संगठन से बर्खास्त भी कर दिया गया है।
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