बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा वित्तीय समावेशन अभियान को बढ़ावा,

श्री क्षेत्र धर्मस्थल ग्रामीण विकास परियोजना बीसी ट्रस्ट के साथ समझौता ज्ञापन

बैंक ऑफ महाराष्ट्र देश का सार्वजनिक क्षेत्र का अग्रणी बैंक है। बैंक द्वारा अपनी अनुषंगी इकाई ग्रामीण महिला व बालक विकास मंडल (जीएमबीवीएम) का श्री क्षेत्र धर्मस्थल ग्रामीण विकास परियोजना बीसी ट्रस्ट (एसकेडीआरडीपी) के साथ गठजोड़ किया गया है। इस गठजोड़ के माध्यम से बैंक ने महाराष्ट्र राज्य में स्व-सहायता समूह के क्रेडिट लिंकेज पर ध्यान दिया है और सेवारहित तथा वंचित लोगों 
हेतु प्रौद्योगिकी के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है।

इस कदम से, बैंक सेवारहित समुदाय को वित्तीय समावेशन सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न मॉड्यूलों में बैंक वित्त के माध्यम से क्रेडिट लिंकिंग, स्व-सहायता समूहों को सहयोग और प्रोत्साहन को बढ़ावा देगा। बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा दूरदराज तक वित्तीय उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए एसकेडीआरडीपी के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रवर्तित बीसी/ बीएफ मॉडल (बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट/ बैंकिंग फेसिलिटेटर मॉडल) को अपनाया जाएगा। बैंक ऑफ महाराष्ट्र की अनुषंगी इकाई ग्रामीण महिला व बालक विकास मंडल (जीएमबीवीएम) देश भर में स्व-सहायता समूह के प्रोत्साहन और सहयोग के लिए कार्य करेगी। इसके अतिरिक्त, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने एसकेडीआरडीपी के साथ समझौता ज्ञापन भी किया है, जो एसएचजी बैंक क्रेडिट लिंकेज के लिए बेलगाम जिले में बैंक हेतु बीसी/ बीएफ के रूप में कार्य करेगा।

ए. एस. राजीव, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने इस गठजोड़ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “हमारा लक्ष्य अंतिम छोर पर मौजूद व्यक्ति सहित समाज के सभी वर्गों तक पहुंचना और बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना है। यह कदम वित्तीय समावेशन के उद्देश्य को पूरा करने और वंचित वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हमारे प्रयासों को मजबूत करेगा।”

ए. बी. विजयकुमार, कार्यपालक निदेशक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने कहा कि “प्रौद्योगिकी के साथ मिलकर इस गठजोड़ के माध्यम से, बैंक पिरामिड के सबसे नीचे मौजूद लोगों को सहजता से अपनी सेवाएं प्रदान कर सकेगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हुए सामाजिक और आर्थिक उत्कर्ष के व्यापक लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक होगा।”

आशीष पाण्डेय, कार्यपालक निदेशक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने कहा कि “बैंक 360-डिग्री विकास पर ध्यान दे रहा है और यह तभी प्राप्त किया जा सकता है जब हम समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक सेवाएं प्रदान करें। हम प्रौद्योगिकी के माध्यम से बैंक वाले और बैंकरहित सेगमेंट के अंतर को दूर करने की परिकल्पना करते हैं और यह आने वाले दिनों में गेम चेंजर साबित होगा।” सोर्सिंग और मॉनिटरिंग पर गठजोड़ से आने वाले दिनों में संस्था विकास और प्रगति कर सकेगी।
इस गठजोड़ पर  एल एच मंजूनाथ, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, एसकेडीआरडीपी बीसी ट्रस्ट ने कहा कि, "एसकेडीआरडीपी जात-पांत और सामाजिक स्थिति पर विचार किए बिना कर्नाटक के सभी समुदायों तक पहुंच सकेगी ऐसे लोग, जिन तक अभी पहुंचा नहीं गया है तथा निर्धनों के जीवन तक पहुंचने वाले कुछ अनूठे मॉडल विकसित करने के बाद, ग्रामीण महिला व बालक विकास मंडल (जीएमबीवीएम) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के साथ यह साझेदारी स्व सहायता समूह को क्रेडिट लिंकेज में मदद करेगी।" "एसकेडीआरडीपी बीसी ट्रस्ट के स्व सहायता समूह के क्रेडिट लिंकेज में तीन दशक के लंबे अनुभव से जीएमबीवीएम रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम के नियोजन से लाभ उठा सकेगा 
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के बारे में
बैंक ऑफ महाराष्ट्र देश के सार्वजनिक क्षेत्र का अग्रणी बैंक है, जिसका मुख्यालय पुणे में है। पूरे देश में बैंक की 2137 शाखाओं का नेटवर्क है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र सभी पीएसबी के बीच वित्तीय वर्ष-21 और वित्तीय वर्ष-22 हेतु वर्ष-दर-वर्ष आधार पर व्यवसाय वृद्धि यथा ऋण व जमा वृद्धि में शीर्ष स्थान पर रहा है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र वित्तीय वर्ष-23 में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है और 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त 9 माह के दौरान सभी पीएसबी के बीच ऋण वृद्धि और आस्ति गुणवत्ता के मामले में नंबर 1 रहा है।
अधिक विवरण कृपया हेतु www.bankofmaharashtra.in देखें।
एसकेडीआरडीपी बीसी ट्रस्ट के बारे में
श्री क्षेत्र धर्मस्थल ग्रामीण विकास परियोजना बीसी ट्रस्ट (एसकेडीआरडीपी बीसी ट्रस्ट) कर्नाटक राज्य में कार्यरत एक एनजीओ है जो बैंक वित्त के साथ स्व सहायता समूह क्रेडिट लिंकिंग के सहयोग और संवर्धन हेतु प्रयासरत है। पिछले चार दशकों से सेवारत एसकेडीआरडीपी बीसी ट्रस्ट ने वंचित समुदाय को वित्तीय समावेशन सेवाएं प्रदान करने के लिए कई मॉड्यूल विकसित किए हैं। इसने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रवर्तित बीसी/ बीएफ मॉडल (बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट/ बैंकिंग फेसिलिटेटर मॉडल) को अपनाया है और बीसी मॉडल के माध्यम से जरूरतमंदों तक वित्तीय उत्पादों को पहुंचाने में राष्ट्रीयकृत बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ साझेदारी कर रहा है। वर्तमान में रु.17000 करोड़ के क्रेडिट पोर्टफोलियो के प्रबंधन के साथ एसकेडीआरडीपी बीसी ट्रस्ट निश्चित ही देश का सबसे बड़ा एनजीओ सेक्टर है।
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