शिक्षक के महत्त्वपूर्ण कौशल
शिक्षक समाज को नयी दिशा, दशा व आयाम प्रदान करते हैं | वह समाज के आदर्शों, मूल्यों व उसकी परम्पराओं को सुरक्षित रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है,समुदाय का परामर्शदाता होता है तथा विद्यार्थियों और उनके माता -पिता के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है।

शिक्षक के आचरण में कुछ महत्त्वपूर्ण कौशल समावेशित होते हैं जो उसे विशिष्टता प्रदान करते हैं।


1.धीर कौशल

शिक्षक का धैर्यवान होना अति आवश्यक है। शिक्षक विभिन्न प्रकार बौद्धिक क्षमताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं | कुछ छात्र सरलता से सीख जाते हैं तो कई बार छात्र असंतुष्ट रहते जिससे वे कक्षा में व्यवधान उत्पन्न करते हैं ऐसी स्थिति शिक्षक को धैर्य के साथ छात्रों को संतुष्ट करना चाहिए|

शिक्षक को अपने रोष को सरलता में परिवर्तित कर धैर्य से आत्मनियत्रंण रखना चाहिए |

2.संप्रेषण कौशल –

शिक्षक को मौखिक और लिखित संप्रेषण में कुशल होना चाहिए| सशक्त मौखिक संचार से पाठ सामग्री को कुशलता से प्रस्तुत करने पर छात्र सरलता से सीख जाते हैं |लिखित संचार श्रेष्ठ होने पर छात्र श्यामपट में सरलता से देखकर लिखने के सफल होते हैं कक्षा के मध्य शिक्षक द्वारा प्रोत्साहित करने से छात्र में आत्मविश्वास की वृद्धि होती हैं। नियमित आचार-विचार की सजगता से इसमें सुधार हो सकता हैं।

3. सृजनात्मक व रचनात्मक कौशल -

कक्षा में शिक्षक का दायित्व पाठ्यक्रम को निर्धारित समय पर पूर्ण करवाना ही नहीं है अपितु अपने विचारों व अवधारणाओं को विस्तार से समझाने के लिए पाठ्यक्रम से मिलती जुलती किसी अन्य कहानी ,लेख या चित्र का उपयोग करके छात्रों को समझाना चाहिए| इससे छात्र भी कक्षा में सहज होकर स्वयं प्रश्नों का निर्माण कर उत्तर ज्ञात करने में सफल होंगे |उनकी सृजनात्मक क्षमता का विकास संभव होगा |

शिक्षक नियमित रूप से अभ्यास करके छात्रों से जुड़कर आपसी विचारमंथन कर अपनी क्षमता को बढ़ा सकते हैं |

4. नेतृत्व कौशल -

शिक्षक को एक कुशल नाविक के समान होना चाहिए,जिस प्रकार नाविक कुशलता से अपनी नाव पतवार से बाहर ले आता है | उसी प्रकार शिक्षक भी छात्रों को कुशल नेतृत्व द्वारा नियंत्रित कर उनको अभ्यास के लिए प्रेरित कर सकता हैं |

शिक्षक को नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन के लिए शिक्षण के अतिरिक्त विद्यालय की सहपाठगामी गतिविधियों में भाग लेना चाहिए |

5. संगठनात्मक कौशल -

शिक्षक को पढ़ाते समय अपनी समस्त शिक्षण सामग्री एकत्र करके ,समस्त छात्रों की पूर्व जानकारी एकत्र करके ही पाठ को प्रारम्भ करना चाहिए| शिक्षक की संगठन शैली से प्रभावित होकर छात्र स्वयं संगठित होना सीखेंगे |

सत्र के प्रारंभ में कक्षा का कैलेंडर तैयार करें, योजनाबद्ध तरीके से अध्ययन सामग्री एकत्र करनी चाहिए |

6.समायोजिक कार्य कौशल

शिक्षक का दायित्व केवल एक छात्र को नहीं अपितु वह समूह को शिक्षित करना हैं |कक्षा में आत्मीयता व प्रभावी ढंग से पढ़ाते समय व छात्रों से चर्चा करते हुए वह छात्रों को समूह में कार्य करने की क्षमता उत्पन्न कर देते हैं |

समूह में कार्य क्षमता को विकसित करने के लिए अपने साथी शिक्षकों से बातचीत करनी चाहिए |

7. सुनियोजित समय प्रबंधन कौशल -

शिक्षक जितने नियोजित तरह से कार्य करेंगे छात्र भी उतने ही नियोजित तरीके कार्य करने में कुशल होंगे | सुनियोजित ढंग से कार्य करने से कार्य के मध्य आयी कठिनाईयों का पता नहीं चलता व विषय में रोचकता बनी रहती हैं |

निरंतर कार्यों को नियोजित तरह से करने की आदत डालें तथा सदैव उसका पालन करें |

8. समालोचना कौशल -

शिक्षक को विद्यार्थियों के साथ स्वयं का विवेचन कर अपनी कमियों को स्वीकार कर उसे दूर करने का निरंतर प्रयास करना चाहिए व गुणों का प्रसार करना चाहिए | जिससे वह अपने शिक्षण संस्थान व छात्रों को प्रगति के पथ पर ले जाने में सफल हो पायेगा|

स्वयं के कार्य प्रक्रिया पर मंथन कर अपनी कमियों को स्वीकार कर उन्हें दूर करने का प्रयास करें |

9. जिज्ञासा कौशल –

शिक्षक की जिज्ञासु प्रवृत्ति उसे निरंतर सीखने ,विषय व समसामयिक क्रियाविधियों से जोड़े रखता जिससे विद्यर्थियों में विषय के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न होती हैं।

जिज्ञासु प्रवृत्ति बनाए रखने हेतु निरंतर पठन -पाठन में नवीनता का संचार जारी रखना चाहिए |

10. तकनीकि कौशल

आज शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रह गयी अपितु शिक्षा का डिजिटली करण हो गया जिसके अनुसार शिक्षक को विषय के साथ -साथ तकनीकी कौशल का पर्याप्त ज्ञान होना आवश्यक है | इससे वे विषम परिस्थितियों में कंप्यूटर की सहायता से ऑनलाइन कक्षा द्वारा छात्रों की कठिनाईयों को दूर कर सकते हैं |

शिक्षक को अपने तकनीकि ज्ञान में वृद्धि हेतु अधिक अभ्यास कर निपुणता हासिल करना चाहिए|

अंत में मैं केवल इतना ही कहना चाहूंगी कि शिक्षक इन कौशलों की सहायता से न केवल अपने अंदर गुणात्मक वृद्धिकर सकता है अपितु समाज में भी नव ज्योति प्रज्ज्वलित कर एक नई सुबह का आगज करने में सक्षम हो पाएंगे|


बबिता सिंह जादौन

वरिष्ठ हिन्दी अध्यापिका

सेठ आनंदराम जैपुरिया स्कूल ,कानपुर।
टिप्पणियाँ