बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा शिवनेरी किला, जुन्नर में 'आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग' के लिए वित्तीय समावेशन क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन
बैंक ऑफ महाराष्ट्र देश का सार्वजनिक क्षेत्र का अग्रणी बैंक है। बैंक ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर उनकी जन्मस्थली शिवनेरी किला, जुन्नर, जिला पुणे में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए वित्तीय समावेशन क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया। बैंक "आजादी का अमृत महोत्सव" के आयोजन के उपलक्ष्य में ईडब्ल्यूएस हेतु विभिन्न आउटरीच कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। उक्त कार्यक्रम दिनांक 19 और 20 फरवरी को पुणे पश्चिम अंचल, बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा आयोजित "महाबैंक आपके द्वार" वित्तीय समावेशन अभियान का एक हिस्सा है। अंचल की सभी 61 शाखाओं ने पुणे जिले की पिंपरी-चिंचवड़, मावल तालुका, मुलशी तालुका, खेड़ तालुका, आंबेगांव तालुका, हवेली तालुका और जुन्नर तालुका के क्षेत्रों को कवर करनेवाले इस कार्यक्रम में सहभाग लिया।





बैंक ने विभिन्न प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत कार्यक्रम में उपस्थित लगभग 350 एसएचजी सदस्य लाभार्थियों को लगभग रु.4.00 करोड़ की मंजूरी दी। कार्यक्रम का नेतृत्व बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यपालक निदेशक ए. बी. विजयकुमार ने किया। समारोह के मुख्य अतिथि एस. वाई. माली, खंड विकास अधिकारी (बीडीओ), पंचायत समिति जुन्नर; जतिन देसाई, उप महाप्रबंधक, रिटेल ऋण; राहुल वाघमारे, अंचल प्रबंधक; अमित गोयल, उप अंचल प्रबंधक, पुणे पश्चिम अंचल;  श्रीकांत कारेगांवकर, अग्रणी जिला प्रबंधक, पुणे और महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एमएसआरएलएम) तथा महाराष्ट्र आर्थिक विकास महामंडल (एमएवीआईएम) के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

ए. बी. विजयकुमार, कार्यपालक निदेशक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बैंक सेवारहित और वंचित वर्गों तक पहुंचने का निरंतर प्रयास कर रहा है। विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने वाले ग्राहकों के विभिन्न वर्गों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न प्रमुख कार्यक्रम अनुकूल रूप से तैयार किए गए हैं। श्री विजयकुमार ने लोगों के कल्याण के लिए उत्कृष्ट रूप से कार्यान्वित वित्तीय समावेशन क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के लिए बैंक के पुणे पश्चिम अंचल की टीम की सराहना की।


वित्तीय समावेशन आउटरीच कार्यक्रम स्थलों पर, विभिन्न सरकार प्रायोजित कार्यक्रम यथा - पीएमएमवाई, पीएमएवाई, पीएम-स्वनिधि, पशुपालन और मत्स्य पालन, पीएमजेडीवाई, पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई, एपीवाई, स्टैंड अप इंडिया, विभिन्न एसएचजी संबंधित योजनाएं, डिजिटल प्रोडक्ट आदि का संवर्धन किया गया और मौके पर ही गरीब तथा जरूरतमंद लाभार्थियों को मंजूरी प्रदान की गई। वर्तमान में जारी 'जनसुरक्षा सैचुरेशन अभियान' के संदर्भ में इन वित्तीय समावेशन आउटरीच कार्यक्रमों का अधिक महत्व है, जिसका लक्ष्य पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई और एपीवाई योजनाओं के अंतर्गत कवर न किए गए पात्र वयस्क व्यक्तियों को कवर करना है।

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