अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रोफेसर अमरेन्द्र कुमार झा के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने राज्य सभा सांसद और राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार झा के पंडारा रोड नई दिल्ली के आवास का घेराव किया. गुस्साये मिथिला सेनानियों ने सांसद मनोज झा का पुतला उनके आवास के सामने फूंका.





16 दिसम्बर 2021 को सांसद ने केन्द्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर मैथिली भाषा को कमजोर करने का प्रयास किया. सभी जानतें हैं कि अंगिका और बज्जिका मैथिली भाषा की उपबोली है. राजद पार्टी हमेशा मिथिला को बांटकर राजनीति करती आयी है. राजद के निशाने पर सर्वप्रथम मैथिली भाषा अपने शासन काल से रहा है. संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा० बैद्यनाथ चौधरी बैजू, अंतरराष्ट्रीय संयोजक प्रोफेसर अमरेन्द्र कुमार झा और राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी ईंजीनीयर शिशिर कुमार झा ने राजद पार्टी के इस विघटनकारी और अलगाववादी नीति को उसके मानसिक संकीर्णता और दिवालियेपन को दर्शाता है. सांसद मनोज झा के इस कदम से संघर्ष समिति के मिथिला राज्य आंदोलन और मैथिली भाषा को कमजोर नहीं किया जा सकता है. आज पूरे देश में रह रहे मैथिलों में आक्रोश है. दिल्ली में भी आंदोलनकारी मनोज झा के इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे.
पुतला दहन में प्रोफेसर झा के अलावा कवि विमलजी मिश्र, एडवोकेट प्रदीप झा, विजय आजाद, संजीव झा, सजन कुमार झा, हीरालाल प्रधान, भगवंत झा,मनीष झा, ललन सिंह, अर्चना , नीलू झा , सुमन , मनीष झा , मिहिर झा  प्रमुख थे
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