गृह विज्ञान से संवरा जा सकता है घर और कैरियर
नव-अंशिका फ्री-ऑनलाइन कैरियर की छठी कड़ी में कुशीनगर कृषि विज्ञान केन्द्र की विशेषज्ञा डॉ.अंजली साहू ने दी जरूरी टिप्स 
नव-अंशिका संस्था की ओर से कोरोना के संकटकाल में संचालित ऑनलाइन फ्री-कैरियर गाइडेंस सिरीज की छठी कड़ी में रविवार 18 जुलाई को गृह विज्ञान के क्षेत्र में रोजगार के अवसर की जानकारी, कुशीनगर कृषि विज्ञान केन्द्र की विशेषज्ञा डॉ.अंजली साहू ने दी। उन्होंने बताया कि गृह विज्ञान की जानकारी से महिला अपना जीवन बेहतर रूप से जी सकती है। आवश्यकता पड़ने पर गृह विज्ञान उसके लिए जीविका का साधन भी बन सकता है। रुचि के अनुरूप इसमें व्यवसाय स्थापित किया जा सकता है या फिर नौकरी के लिए अपार संभावनाओं का लाभ भी उठाया जा सकता है।

डॉ.अंजली साहू ने बताया कि भारतीय शिक्षा में गृह विज्ञान महिलाओं का पसंदीदा विषय रहा है। इसमें पाक शास्त्र, पोषण, गृह अर्थशास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, बच्चों की परवरिश, मानव विकास, आन्तरिक सज्जा, गृह-निर्माण, वस्त्र और परिधान आदि की तालीम दी जाती है। जब बीते दिनों बालकों को कृषि, लोहारी, बढ़ईगिरी, मशीनों की मरम्मत की शिक्षा दी जाती थी वहीं महिलाओं को दक्ष नारी बनाने के लिए गृह विज्ञान की प्रबल आवश्यकता महसूस की जाने लगी थी।

गृह विज्ञान के माध्यम से महिलाएं विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों में शिक्षक बन सकते हैं। योग्यता के आधार पर सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय अध्यापक, परास्नातक अध्यापक, असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं। इसके साथ ही बाल आहार एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सामुदायिक विकास परिजना अधिकारी के पद प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही विभिन्न कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रशिक्षक बन सकते हैं। गृह विज्ञान के अध्ययन के बाद उपभोक्ताओं के अधिकारों के सलाहकार, बचत व निवेश योजनाओं के प्रतिनिधि, फर्नीचर, उपकरणों व अन्य घरेलू सामान, सरकारी इम्पोरियम, हस्तकला केन्द्रों, घरेलू चीजों के उत्पादन केन्द्र के कर्मचारियों, नर्सरी स्कूल, डे-केयर सेन्टर, क्रेच व बालवाड़ी के कर्मचारी, अतिथि गृह, होटल और कार्यालयों की देखरेख कर्मियों, ड्राइक्लीनिंग की दुकान के कर्मचारी, कैन्टीन या खाद्य सामग्री के स्टोर कर्मचारी, वस्त्र या परिधान बनाने वाली इकाई में, डिजायनिंग इकाई के कर्मचारी के रूप में नौकरी कर सकते हैं।

दूसरी ओर स्वरोजगार के अवसर सृजित करने हो तो घरेलू हस्तकला, सजावटी सामग्री के उत्पादक, नर्सरी स्कूल, डे केयर सेन्टर, बालवाड़ी व क्रैच के मालिक, अतिथि आवास गृह के मालिक, कपड़ों की सिलाई और सिले-सिलाए कपड़ों की फिनिशिंग करने वाले केन्द्र, ड्राइक्लीनिंग की दुकान के मालिक, कैंटीन मालिक, पैक भोजन सामग्री केन्द्र या आहार आपूर्तिकर्ता सेवा केन्द्र, बेकरी या खाद्य प्रसंस्करित इकाई, केटरिंग सेवा या उसके प्रबंधक के रूप में सेवाएं दी जा सकती है। मैंग्जीन समाचार पत्र ही नहीं ऑनलाइन क्षेत्र में भी लेखक के रूप में अपार संभावनाएं है। सरकार की ओर से भी वर्तमान में कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है जिनकी मदद से आसानी से कैरियर संवारा जा सकता है।

नव-अंशिका फाउंडेशन संस्था की अध्यक्षा नीशू त्यागी ने बताया कि गूगल मीट पर हुए इस कार्यक्रम का प्रसारण facebook.com/nishu.tyagi.7792 पर भी शेयर किया गया। इस कड़ी में रीनू जैन जोशी क्राफ्ट वर्क, सुनील विष्ट सामान्य ज्ञान और शिक्षा की जानकारियां देंगी। इस वृहद अभियान से जुड़ने के लिए फोन नम्बर 9335222238 पर संपर्क किया जा सकता है। पंजीकृत सदस्यों के लिए निजी ऑनलाइन सत्रों की भी सुविधा दी जा रही है। उन्हें ई-प्रमाण पत्र भी दिये जाएंगे। इस सत्र में नव-अंशिका फाउंडेशन की उपाध्यक्ष नीरा लोहानी, सचिव सतपाल, हेमलता, थिएटर एवं फिल्म वेलफेयर एसोशियेशन के सचिव डी.सिद्दीकी, बाल नृत्यांगना अंशिका त्यागी, चन्द्र प्रभा मायर, निमिषा अवस्थी,  नीरू गुप्ता, नीलम श्रीवास्तव, माही यादव सहित अन्य शामिल हुए।
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