यूएनएससी की खुली बहस में भारत ने दुनिया का ध्यान साइबर स्पेस के गलत इस्तेमाल की तरफ खींचा

डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से आतंकवाद फैलाने का कार्य कर रहे हैं कुछ देश: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला



संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अंतर्राष्ट्रीय शांति और साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर हुई खुली बहस में भारत ने दुनिया का ध्यान साइबर स्पेस के गलत इस्तेमाल की तरफ खींचा। भारत की विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इस ऑनलाइन बैठक को वर्चुअल रूप से संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ''विश्व में डिजिटल प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए कुछ देश अपने राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आतंकवाद फैलाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिशों को अंजाम देने में जुटे हुए हैं।''

विदेश सचिव श्रृंगला कहा कि ''कोविड-19 महामारी के दौरान विश्व भर में लोगों की डिजिटल प्रौद्योगिकी पर निर्भरता बढ़ने के साथ-साथ इससे शांति एवं सुरक्षा के लिए चुनौतियां भी बढ़ गई हैं।'' उन्होंने कहा कि ''सुरक्षा परिषद की स्थापना के वक्त से ही शांति का मतलब नहीं बदला हैहालांकि संघर्ष का स्वरूप एवं उसके उपकरणों में बदलाव जरूर आया है। आज सदस्य देशों को साइबर स्पेस से बढ़ते खतरों का सामना करना पड़ रहा है।''

विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा कि ''आतंकवादी अपनी घृणा और हिंसा की विचारधारा को अंजाम देने के लिए और आतंकवादी हमलों की साजिश रचने एवं उन्हें अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं।'' उन्होंने आगे कहा कि ''आतंकवाद से पीड़ित भारत ने हमेशा इस बात पर गौर किया है कि सदस्य देश साइबर स्पेस का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए होने पर रणनीतिक तरीके से ध्यान दें और उससे निपटें।''

विदेश सचिव श्रृंगला ने सूचना संचार प्रौद्योगिकी के उत्पादों जैसे- की मोबाइललैपटॉपटैबलेट आदि को भी सुरक्षित करने पर बल दिया। सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "हमें साइबर स्पेस में एक सहयोगपूर्ण नियम आधारित दृष्टिकोण अपनाने और इसके खुलेपनस्थिरता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है।"

अपने संबोधन के दौरान विदेश सचिव श्रृंगला ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को लागू करने के लिए भारत द्वारा आधार और यूपीआई जैसी "परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी पहल" को भी सूचीबद्ध किया। को-विन ऐप के उपयोग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "भारत ने अपने के कोविड टीकाकरण अभियान के लिए को-विन ऐप विकसित किया हैजो स्केलेबलसमावेशी और खुला तकनीकी मंच है। जिसे दुनिया भर में स्वास्थ्य समस्याओं को समाप्त करने के लिए और बढ़ाया जा सकता है।"

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