भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' में सहयोग करेगा फ्रांस

इसरो और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस के बीच समझौता




भारत और फ्रांस ने गुरुवार को एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन 'गगनयानमें सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सेंटर नेशनल डीइट्यूड्स स्पेतियल्स’ (सीएनईएस) के बीच हुआ। इसकी घोषणा भारत की यात्रा पर आए फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां इव लि द्रीयां के इसरो मुख्यालय के दौरे के दौरान की गई। इसरो ने सीएनईएस को गगनयान मिशन की तैयारी में मदद करने और इस क्षेत्र में अपने एकल यूरोपीय संपर्क के रूप में काम करने के लिए कहा है।

भारतीय टीम को प्रशिक्षण देगा फ्रांस

फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि समझौते के तहत सीएनईएस भारत के 'फ्लाइट फिजीशियनऔर सीएपीसीओएम मिशन नियंत्रण टीमों को सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण एप्लीकेशन के विकास के लिए फ्रांस सीएडीएमओएस केंद्र में तथा अंतरिक्ष अभियानों के लिए सीएनईएस के ताउलेस अंतरिक्ष केंद्र में तथा जर्मनी के कोलोग्ने स्थित यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री केंद्र (ईएसी) में प्रशिक्षण देगा।

चिकित्सा उपकरणों में भी सहयोग करेगा फ्रांस

समझौते के तहत सीएनईएसइस मिशन के दौरान वैज्ञानिक प्रयोग योजना के क्रियान्वयनभारतीय अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा फ्रांसीसी उपकरणोंउपभोज्य वस्तुओं को चिकित्सा उपकरणों का इस्तेमाल किए जाने जैसी चीजों में सहयोग करेगा।  

खरे उतर चुके हैं फ्रांसीसी उपकरण

सीएनईएस द्वारा विकसित फ्रांसीसी उपकरण परीक्षणों में खरे उतर चुके हैं और ये अब भी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) में काम कर रहे हैं तथा ये भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के काम आएंगे। यही नहीं सीएनईएस फ्रांस निर्मित अग्निरोधी बैग भी उपलब्ध कराएगा जो उपकरणों को विकिरण से बचाएंगे।

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गगनयानमिशन के तहत 2022 में भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारतीय भूमि में अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। हालांकिकोविड-19 महामारी की वजह से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण मिशन में विलंब हो चुका है।

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