

दो देशों की यात्रा के अंतिम चरण में मालदीव से मॉरीशस पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर का शिव भक्त रूप देखने को मिला। यहां के प्रसिद्ध गंगा तालाब स्थित शिव मंदिर में पहुंचकर उन्होंने भगवान शिव का जलाभिषेक करने के साथ पूजा अर्चना की। इस दौरान उनके साथ मॉरीशस के विदेश मंत्री एलन गाना, संस्कृति मंत्री अविनाश तेलेक और कृषि मंत्री मनेश गोबिन भी मौजूद रहे।
भारतीय विदेश
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ''गंगा तालाब मॉरिशस में बसे हिन्दू समुदाय के लोगों के लिए
पवित्रतम स्थान है। मॉरीश में इसका वही महत्व है जो भारत में गंगा का है। विदेश
मंत्री एस. जयशंकर ने यहां पहुंचकर न सिर्फ भगवान शिव की ही पूजा अर्चना की बल्कि
तालाब के बीच में स्थित माता लक्ष्मी की प्रतिमा के भी दर्शन किए और हनुमान जी की
मूर्ति के सामने भी माथा टेका।''
क्या है गंगा तालाब
मॉरीशस के सावने
जिले के पर्वतीय इलाके में स्थित गंगा तालाब को ग्रांड बेसिन भी कहा जाता है। इसकी
खोज 1897 में झुम्मन गिरी नाम
के एक साधु ने की थी। तभी से यह मॉरीश की कुल जनसंख्या के 70 प्रतिशत अप्रवासी भारतीयों की आस्था का
केंद्र है। इस तलाब के तट पर भगवान शिव, हनुमान और माता लक्ष्मी का एक भव्य मंदिर भी स्थित है।
महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान शिव का दर्शन करने के लिए सभी तीर्थयात्री अपने घर
से इस तलाब तक नंगे पैर चल कर जाते हैं। 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी गंगा तालाब पहुंचकर भगवान
शिव का दर्शन किया था।
वाराणसी का दल मॉरीश
के लोगों को सिखाएगा गंगा आरती
पिछले वर्ष भारत आए
मॉरीशस के राष्ट्रपति अनिरूद्ध जगन्नाथ ने वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती
देखी थी। जिससे अभिभूत होकर उन्होंने मॉरीशस में गंगा तालाब पर राष्ट्रीय पर्व
शिवरात्रि पर गंगा आरती कराने की इच्छा प्रकट की थी। इसके लिए उन्होंने वाराणसी
में गंगा आरती करने वाले पंडितों द्वारा मॉरीशस के लोगों को गंगा आरती का
प्रशिक्षण दिए जाने की बात कही थी।