निर्यातकों की आईजीएसटी रिफंड की समस्या को देखते हुए सीबीआईसी ने सुविधा दी

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने निर्यातकों की आईजीएसटी रिफंड में आ रही समस्याओं को देखते हुए लंबित मामलों को मंजूरी देने की समय सीमा बढ़ा दी है। यह सुविधा उन मामलों में मिलेगी जिनमें जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी में रिकॉर्ड मिलान नहीं होने से मामले आइसगेट को स्थानांतरित नहीं हो पाए हैं। समय सीमा बढ़ने से रिफंड रूकने की समस्या नहीं रह जाएगी। यह निर्यातकों द्वारा चार्टर्ड अकाउंटेट से हलफनामा / प्रमाणपत्र और रिफंड जमा करने और रिफंड के बाद ऑडिट जांच पर निर्भर करेगा। यह सुविधा 04/2021 को जारी किए गए परिपत्र के जरिए लागू कर दी गई है। जो कि 31 मार्च 2021 तक सभी शिपिंग बिल पर लागू होंगे।

सीबीआईसी ने इनवॉयस मिलान में आने वाली “एसबी-005 त्रुटि”  की दिक्कतों को देखते हुए, सीमा शुल्क अधिकारी के इंटरफेस के जरिए मिलान की सुविधा स्थायी रूप से कर दी है। इसके लिए 5/2021 के परिपत्र में जारी किया गया। अभी तक शिपिंग बिल के लिए सीमा शुल्क अधिकारी के जरिए मिलान की सुविधा 31 दिसबंर 2019 तक ही उपलब्ध थी।

निर्यातक इनवॉयस के मिलान में आ रहे त्रुटि (त्रुटि कोड एसबी-005) को ठीक करने के लिए दी जाने वाली नई सुविधा को सभी शिपिंग बिल के लिए हासिल कर सकते हैं। यह सुविधा किसी भी तिथि पर मिलेगी। इसके लिए निर्यातकों को नाम मात्र का शुल्क देना होगा।

सीबीआईसी, बिजनेस में आ रही दिक्कतों को हल करने के लिए लगातार सक्रिय नजरिया अपना रहा है। यह देखा जा रहा है कि जीएसटी-3बी रिटर्न फाइल करते समय दस्तावेजों में लिपिकीय / मानवीय रुप से हुई त्रुटियों को संशोधित करने की  सुविधा नहीं है। इस कारण कई निर्यातकों को आईजीएसटी रिफंड को हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे सभी लंबित आईजीएसटी रिफंड दावों को हल करने के लिए , सीबीआईसी ने एक परिपत्र 04/2021-सीमा शुल्क दिनांक 16.02.2021 और दूसरा परिपत्र 05/2021-सीमा शुल्क दिनांक 17.02.2021 को जारी किए हैं।

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