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इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लेने के लिए फर्जी और नकली इनवॉयस बनाने वालों के खिलाफ चल रहे धर-पकड़ अभियान के तहत पूर्वी दिल्ली संभाग के केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (सीजीएसटी) अधिकारियों नेबड़े पैमाने पर फैले नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इसके लिए अधिकारियों ने 15 जनवरी 2021 से 17 जनवरी 2021 के बीच वृहद स्तर डाटा विश्लेषण, लोगों की पहचान और 21 जगहों पर सर्च आपरेशन किया। जिसके जरिए फर्जी तरह से आईटीसी का फायदा दिलाने के लिए 2017 से काम कर रही कंपनियों का पता चला है।
इस तरह की फर्जी कंपनियों को अरविंद कुमार चला रहे थे। जिनके जरिए वह फर्जी तरह से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के लिए 4 से 4.5 फीसदी कमीशन लेकर इनवॉयस बनाने का काम कर रहे थे। जांच में पाया गया कि अरविंद कुमार और उनके सहयोगियों द्वारा करीब 46 कंपनियां चलाई जा रहीं थी। यह कंपनियां किसी तरह का कोई बिजनेस नहीं कर रही थी। जिनका गठन ही आईटीसी का फर्जी तरीके से फायदा दिलाने के लिए किया गया था। इनके जरिए 82.23 करोड़ रुपये का अवैध तरीके से आईटीसी का लाभ लिया गया। जिसके लिए 541.13 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाए गए। जिनकी संख्या आगे की जांच में बढ़ने की संभावना है।
अरविंद कुमार को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत गिरफ्तार कर 17 जनवरी 2021 को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। मजिस्ट्रेट ने उन्हें 31 जनवरी 2021 तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस संबंध में आगे की जांच जारी है।
केंद्रीय कर जीएसटी के लागू होने के बाद से अब तक दिल्ली क्षेत्र से 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिनके जरिए 3766.69 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है।