मतदाता जागरूकता से ही लोकतंत्र की रक्षा संभव

 भारतीय मतदाता संगठन के संस्थापना दिवस 15 जनवरी की पूर्व संध्या पर दुनिया के "लोकतंत्र रक्षक (डेमोक्रेसी वारियर्स)" को सम्बोधित करते हुये, मतदाता संगठनों, लोकतंत्र रक्षकों, प्रबुद्ध नागरिकों, कानून विशेषज्ञों को जोश के साथ मतदाता जागरूकता एवं क़ानूनी तरीके से दुनिया के लोकतंत्रों में भयंकर दरारों, विकृतियों, अलोकतंत्रीय प्रवृतियों, एकाधिकार प्रवृति एवं सत्ता संघर्ष, हिंसक घटनायें, परिवारवाद और अपराधिकरण को रोके।                

उन्होंने कहा की सभी कार्यकर्ताओं  को सजग एवं सक्रिय होने की आवश्यकता है। अमेरिका में अभी जो कुछ धनबल, बाहुबल एवं हिंसा के माध्यम से शांतिपूर्वक सत्ता परिवर्तन को बाधित करने का काम हुआ, वह अत्यंत भारी चिंता का विषय है। दुनिया के दो बड़े देश रूस एवं चीन में तो जीवन पर्यन्त सत्ता में रहने के लगभग सफल प्रयास भी हो गए। भारत में भी परिवारवाद, राजनैतिक अपराधिकरण, सत्ता संघर्ष, धनबल और बाहुबल का व्यापक दुरपयोग भी लोकतंत्र की गुणवत्ता के लिए घातक है।  भारत को आने वाले समय में दुनिया में लोकतंत्र के प्रेरणादायक आदर्श स्थापित करने होगें। अब दुनिया लोकतान्त्रिक व्यवस्था के लिए भारत की तरफ देखेगें, कि अमेरिका की तरफ। वास्तव में लोकतान्त्रिक विकास के अभियान यू.एन.. (संयुक्त राष्ट्र संघ) को चलाना चाहिए, इसी से विश्व में अहिंसा स्थापित होगी। अत: भारत के लोकतान्त्रिक रक्षक, शिक्षा विद्ध, विधिज्ञाता, प्रबुद्ध नागरिक, सरकार और राजदूत - कूटनीतिज्ञ आगे आये। यह समय की पुकार है। भारत को इसका श्रेय मिल सके यह भारत के चुनाव चुनाव आयोग, मतदाताओं, सरकार, संसद एवं न्यायलयों की जिम्मेवारी है। आशा है भारत इसमें अवश्य पहल करेगा।  

भारतीय मतदाता संगठन के "मतदाता मित्र" एवं "लोकतंत्र रक्षक" वर्तमान संगठन अध्यक्ष विपिन गुप्ता जी, अश्विनी उपाध्याय जी, श्री रमाकांत जी गोस्वामी, श्री राजेंद्र स्वामी, श्री प्रमोद सैनी, श्री ललित गर्ग, श्री वेंकट गुप्ता, श्री सत्यदेव चौधरी एवं पूरी टीम इस जिम्मेवारी के लिए तन-मन-धन के साथ आगे बढ़े। सफलता आपकी अवश्य होगी। शुभकामनाएं, उत्तरायण एवं मकर संक्रांति की बधाई।     

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