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हमारे सशस्त्र बलों और उनके परिवारों को समर्थन प्रदान करने और उन्हें सक्षम बनाने के लिए देश के सबसे बड़े बैंक- भारतीय स्टेट बैंक ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में योगदान करने के लिए आगे कदम बढ़ाया है। भारतीय स्टेट बैंक ने बैंक के परोपकारी दायित्वों को पूरा करने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत युद्ध के दिग्गजों/पूर्व सैनिकों/युद्ध में शहीद सैनिकों की विधवाओं की आश्रित लड़कियों के कल्याण के लिए 10 करोड़ रुपये का योगदान करने का निर्णय लिया है। प्रति वर्ष 7 दिसंबर को मनाए जाने वाले सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर बैंक केंद्रीय सैनिक बोर्ड - केएसबी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा, जिसमें बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए धन का उपयोग करने का प्रावधान भी होगा।
इस व्यवस्था के तहत 8333 आश्रित बालिकाओं को एक वर्ष तक 1000 रुपये प्रति माह प्रदान करने के लिए 10 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे। इस पहल का मकसद सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ अभियान के तहत बालिका शिक्षा के राष्ट्रीय उद्देश्य को बढ़ावा देना है। बैंक का उद्देश्य युद्ध के दिग्गजों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना भी है, ताकि ऐसे परिवारों की समग्र प्रगति सुनिश्चित की जा सके।
एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश खारा ने कहा, ‘‘एसबीआई में हम समाज और राष्ट्र को फलने-फूलने में मदद करने में विश्वास करते हैं। इस प्रगतिशील अर्थव्यवस्था में हम हमारे राष्ट्र की बेटियों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार की पहल को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए हम केंद्रीय सैनिक बोर्ड - केएसबी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं और इस तरह सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ अभियान के प्रति अपना समर्थन व्यक्त कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे विनम्र प्रयासों से युद्ध के दिग्गजों और उनके परिवारों के जीवन में बदलाव आएगा।‘‘
उन्होंने आगे कहा, ‘‘जब हमारे सैनिकों और नागरिकों को बड़े पैमाने पर समर्थन देने की बात आती है, तो एसबीआई हमेशा सबसे आगे रहा है।‘‘