सीएमडी, एनएचपीसी ने मणिपुर के माननीय मुख्यमंत्री से मुलाकात की

ए.के. सिंह, सीएमडी, एनएचपीसी लिमिटेड ने यमुना कुमार चौबे, निदेशक (तकनीकी) एनएचपीसी लिमिटेड के साथ, मुख्य सचिव की उपस्थिति में 24 दिसंबर को मणिपुर के माननीय मुख्यमंत्री से उनके आधिकारिक निवास पर मुलाकात की। बैठक के दौरान, माननीय मुख्यमंत्री महोदय को आगामी लोकतक डाउनस्ट्रीम जलविद्युत परियोजना, जो मणिपुर सरकार और एनएचपीसी का संयुक्त उद्यम, एलडीएचसीएल द्वारा ली जा रही है, की स्थिति के बारे में बताया गया। यह आगामी परियोजना 66 मेगावाट क्षमता की होगी जो नोने जिले के ताओसांग गांव में स्थित है। इस परियोजना के लिए विद्युत क्रय करार (पीपीए) 31 अगस्त 2020 को एनएचपीसी और एमएसपीडीसीएल  के बीच हस्ताक्षरित किया गया था। अब यह परियोजना अग्रिम चरण में है जिसके लिए पीआईबी और सीसीईए मंजूरी की प्रतीक्षा की जा रही है तथा परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण को जल्द से जल्द पूरा किए जाने की आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण के संबंध में, माननीय मुख्यमंत्री जी ने इस प्रक्रिया में तेजी लाने और शीघ्रातिशीघ्र इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किसी भी प्रकार की सहायता देने के लिए सीएमडी महोदय को आश्वासन दिया है। इसके अलावा, दोनों गणमान्य व्यक्तियों द्वारा मणिपुर की जलविद्युत क्षमता का अन्वेषण करने पर भी चर्चा की गई, जिसके लिए एनएचपीसी ने मणिपुर राज्य को पर्याप्त विद्युत वाला राज्य बनाने के लिए नई परियोजनाएं लेने का प्रस्ताव दिया है।





सीएमडी और निदेशक (तकनीकी) महोदय ने माननीय ऊर्जा मंत्री थोंगम बिश्वजीत सिंह से मुलाकात की और आगामी परियोजना और मणिपुर के समग्र विद्युत परिदृश्य के बारे में चर्चा की। ऊर्जा मंत्री जी ने इस परियोजना को शुरू करने और पूरा करने के लिए सभी  प्रकार की सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। माननीय मंत्री महोदय ने तिपाईमुख परियोजना शुरू करने के लिए अपनी गहरी रुचि दिखाई है।

मुख्य सचिव महोदय के साथ एक अलग बैठक आयोजित की गई जिसमें लोकतक डाउनस्ट्रीम प्रोजेक्ट (66 मेगावाट) के लंबित पीआईबी और सीसीईए मंजूरी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।

तीनों गणमान्य व्यक्तियों से मिलने पर, आगामी लोकतक डाउनस्ट्रीम परियोजना को पूरा करने के लिए सभी सहयोग देने का आश्वासन दिया गया है।  सीएमडी महोदय ने यह भी उल्लेख किया कि लोकतक डाउनस्ट्रीम की प्री बिड मीटिंग में कई पार्टियों और अच्छी कंपनियों ने भाग लिया है। यद्यपि अच्छे संविदाकार भागीदारी के लिए अभी भी संकोच कर रहे हैं।  हालाँकि सभी को अंतिम बोली में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बैठक के दौरान यह आश्वासन दिया गया कि मणिपुर में अब किसी भी परियोजना को शुरू करने और कार्य करने में कोई समस्या नहीं है।  कुछ लोग धारणा बनाए हुए हैं, जो सच नहीं है। यह परियोजना राज्य के विकास और विद्युत परिदृश्य में सुधार के लिए एक बड़ा बढ़ावा देने में सहायक होगी।

वर्तमान में एनएचपीसी लिमिटेड के पास संयुक्त उद्यम में ली गई परियोजनाओं सहित स्वामित्व आधार पर 24 पावर स्टेशनों से 7071.2 मेगावाट की संस्थापित क्षमता है। मणिपुर में 105 मेगावाट की संस्थापित क्षमता का लोकतक पावर स्टेशन को 1983 से एनएचपीसी द्वारा संचालित किया जा रहा है।


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