संतुलित भोजन यानि स्वस्थ जीवन - डॉ रूप बनर्जी !

-विनय कुमार मिश्र 

संतुलित भोजन या बैलेंस डाइट वह है जिससे शरीर को सुचारू रूप से चलने के लिए संपूर्ण पोषण मिल सके। संतुलित भोजन के लिए हर रोज शरीर की जरूरत के हिसाब से कैलोरी, विटामिन, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट लेना जरूरी होता है। इन पोषक तत्वों के अभाव में व्यक्ति का शरीर कमजोर होने लगता है और अलग- अलग बीमारियों से घिर जाता है। इस संबंध होम्योपैथी के प्रसिद्ध डॉ रूप कुमार बनर्जी ने बताया की कैलोरी , भोजन का वह हिस्सा है जो शरीर को ऊर्जा देता है साथ ही शरीर में ऊर्जा को बचा कर भी रखता है। भोजन में मौजूद कैलोरी से ही शरीर चलता-फिरता और अपने सब काम करता है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन लगभग 2000 कैलोरी की आवश्यकता होती है जिससे उसका शरीर बिना थके काम कर सके। हालांकि व्यक्ति की प्रतिदिन की कैलोरी की मात्रा उसकी उम्र, जेंडर और शारीरिक मेहनत पर भी निर्भर करती है। पुरूषों को महिलाओं की अपेक्षा अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है।

संतुलित भोजन में क्या लिया जाय :- संतुलित भोजन में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जिनमें विटामिन, मिनरल, और पोषक तत्व उच्च मात्रा में हों और वसा तथा शुगर कम मात्रा में हो। नीचे कुछ खाद्य पदार्थ बताए जा रहे हैं जो संतुलित भोजन का अभिन्न हिस्सा हैं, जिन्हें रोज के भोजन में शामिल कर, शरीर को जरूरी पोषक त्त्व दिए जा सकते हैं।
फल :- फलों में न केवल पोषक तत्वों की उच्च मात्रा होती है बल्कि यह जल्दी पचने वाले, आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं। भूख लगने पर बिना झंझट तुरंत इन्हें खाया जा सकता है। फलों को मौसम के अनुरूप ही खाएं जिससे केवल स्वाद ही न मिले आपको ताजे और शरीर को फायदा पहुंचाने वाले फल मिल सकें।
सब्जियां :- सब्जियां खनिज और विटामिन पाने का सबसे आसान तरीका है। ऐसे में रोज के भोजन में ज्यादा से ज्यादा सब्जियों को शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ विभिन्न रंगों की सब्जियों से आपको अलग-अलग पोषक तत्व मिल जाते हैं। पालक, बीन्स, ब्रोकली आदि ज्यादा से ज्यादा खाएं।
अनाज :- मैदा से बने खाद्य पदार्थों की जगह ब्राउन राइस और ब्राउन ब्रेड आदि को अपने खाने में शामिल करें। साबुत अनाज, जैसे दलिया आदि भी शरीर को बेहद फायदा पहुंचाता है। साबुत दालें भी रोजाना खानी चाहिए।
प्रोटीन :- मीट और बीन्स, प्रोटीन के प्राथमिक स्रोत हैं, जो शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं साथ ही दिमाग को भी तेज बनाते हैं। लो फैट मीट जैसे चिकन, मछली आदि स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर होते हैं। अंडे, दालें, सूखे मेवे, टोफू, पनीर आदि भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। वैसे शाकाहार अपेक्षाकृत बेहतर है ।
डेयरी उत्पाद :- डेयरी उत्पादों में कैल्शियम, विटामिन डी और दूसरे पोषक तत्व होते हैं हालांकि वसा भी डेयरी उत्पादों में अधिक होती है। ऐसे में लो फैट दूध और अन्य उत्पाद जिनमें वसा की मात्रा कम हो, का इस्तेमाल किया जा सकता है।
वसा और कम मीठा :- वसा और चीनी, दोनों ही शरीर को ऊर्जा देते हैं लेकिन जब हम उन्हें जरूरत से ज्यादा खाते हैं तो हमारे शरीर में ज्यादा मात्रा में ऊर्जा संचारित हो जाती है, इतनी कि हम खर्च नहीं कर पाते। इसी का नतीजा है कि शरीर में वसा एकत्र होने लगती है और शरीर मोटा होने लगता है। इस वजह से शरीर में टाइप 2 डायबिटीज, हृदय संबंधी रोग, कैंसर और स्ट्रोक जैसी बीमारियां हो जाती हैं।इसके साथ ही अपनी थाली में भोजन लेने से पहले यह सोचें की कौन सी वस्तु आपके लिए फायदेमंद है। संतुलित भोजन स्वस्थ जीवन का आधार है ! 

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