आखिर क्यों नहीं नौनिहालों को पढ़ाया जाता देश भक्ति, भारतीय संस्कृति आदि का पाठ !

एक अपील मैं आप सब से करना चाहूँगा कि हमारी आने वाली पीढ़ी को देश भक्ति का पाठ जरुर पढ़ाएँ। क्योंकि हमारे बच्चे जो स्कूल जाते हैं वह भी अपने देश के किसी देश भक्त के विषय में,घटना के विषय में भली भाति नहीं जानते हैं।हम उन्हें आगे बढ़ाने,अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए,अच्छे संस्थान में दाखिला दिलाते है लेकिन वहाँ बच्चा क्या सीखता है सबको पता है।हमारे पास भी समय नहीं है कि हम रामायण, महाभारत,शिवाजी आदि ग्रंथों,महापुरूषों के विषय में कुछ बता सके, समझा सके।देश भक्तों के बलिदान की कहानियाँ अपने बच्चों को बता सके,देशभक्ति की शिक्षा दे सके और इसके विषय में उन्हें पूरी जानकारी से अवगत करा सका।हमारे स्कूल पाठ्यक्रम भी कुछ ऐसे बनाए जा रहे हैं जिसमें देश भक्ति सीखने-सिखाने बताने वाली कोई बात कही नहीं होती है। लगता है ये ऐसा न करने की कसम खा लिए है।इससे हमारे समाज का स्तर गिर रहा है और हम इसका परिणाम भी भुगत रहे हैं।आज छोटे-छोटे बच्चों के मन में घृर्णा,बैर,अपराधी आदि-आदि पनप रहा है।जिस मन में एक उमंग , ललक, संयोग,मित्रता आदि की भावना होनी चाहिए उसमें यह सब होना वाकई चिंता का विषय नहीं है तो क्या है ? आज बड़े छोटे सभी संस्थानों,कालेजो,स्कूलों में क्या होता है कि 15 अगस्त,26 जनवरी को ध्वजारोहण करके,राष्ट्रगान करके, मिठाइयां बाँट करके और उस दिन को अवकाश घोषित करने के साथ-साथ हम अपने कर्तव्यों कि इतिश्री कर लेते है।स्कूलो कॉलेजों में होता है तो वही सांस्कृतिक कार्यक्रम जिसका नाम भर रहता है सांस्कृतिक कार्यक्रम।इन कार्यक्रमों के विषय में पूछिए मत। क्या  सिखाया , समझाया , बताया गया देश भक्ति के विषय में यह सबको पता है । कहां सीखेंगे जानेंगे हमारे नौनिहाल देश भक्ति के विषय में रामजाने । ऐसे गढ़ रहे हैं हम अपने नौनिहालों को जो देश भक्ति नहीं जान सकते , जो देश भक्तों को नहीं जान सकते , जो महापुरुषों को नहीं बता सकते , जो 15 अगस्त 26 जनवरी के विषय में कुछ बोल नहीं सकते बता नहीं सकते । ऐसे भारत का निर्माण कर रहे है हम।



     आज देशभक्ति, राष्ट्रीयता , संस्कार अादि विलुप्त होते जा रहे हैं। कारण जो भी हो लेकिन एक बात स्पष्ट है ये हमारे लिए शुभ नही हैं और इसके परिणाम भी हमें भुगतने पड़ रहे है।जिस उम्र में बच्चों के अंदर बचपना होना चाहिए उस उम्र में वह वैम्नश्यता, अपराध,बदले की भावना आदि आदि कुरितियों में जी रहें ।आखिर इसका जिम्मेदार कोई एक तो नहीं हो सकता। कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में हम सभी इसके जिम्मेदार हैं। आज इस बात का संकल्प लेने की जरूरत है की हम अपने बच्चों को देश भक्ति की भावना, राष्ट्रीयता,संस्कार,कर्तव्य, नैतिकता आदि का पाठ पढ़ायेगे और ऐसे भारत का निर्माण करने में सहयोग,योगदान देंगे जो विश्व धर्मगुरु कहलायेगा। जहां पर जातिवाद, पक्षपात, भेदभाव आदि का कोई स्थान नहीं होगा सिर्फ मानवता, इंसानियत और समानता होगी तथा हम सिर्फ और सिर्फ मानवता के पुजारी कहलायेगे। 


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