‘युद्ध, प्रदुषण के विरुद्ध’ महा अभियान की शुरूआत

  • दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल का ‘युद्ध, प्रदुषण के विरुद्ध’ महा अभियान की शुरूआत

  • दिल्ली सरकार कल से पूसा इंस्टीट्यूटी की निगरानी में पराली के डंठल को गलाने के लिए बड़े पैमाने पर घोल तैयार करेगी, इस तकनीक केे सफल होने पर अन्य राज्यों से भी इसे लागू करने के लिए कहेंगे

  • हम आज से एंटी-डस्ट कैंपन भी शुरू कर रहे हैं, जिसके तहत मैकेनिकल स्वीपिंग, गड्ढों की मरम्मत और एंटी-स्मॉग गन की स्थापना समेत कई कदम उठाए जाएंगे

  • दिल्ली में 13 हाॅटस्पाॅट चिंहित किए गए हैं और हर हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग विस्तृत कार्यक्रम बनाए गए हैं

  • दिल्ली सरकार ‘ग्रीन दिल्ली’ एप लांच करेगी, जिस पर कोई भी प्रदूषण फैलाने वाले की फोंटों खींच कर शिकायत कर सकता है और निश्चित समयावधि में शिकायत का निस्तारण किया जाएगा

  • दिल्ली सरकार ट्री प्लांटेशन पाॅलिसी ला रही है, अब पेड़ काटने के बदले 10 नए पौधे लगाने के साथ ही उसमें से 80 प्रतिशत पेड़ों को ट्रांसप्लांट भी करना होगा

  • दिल्ली सरकार की तरह अन्य राज्य सरकारें भी अपने किसानों को पराली का विकल्प दें, ताकि पराली एक समस्या की बजाय किसानों के लिए आमदनी का जरिया बन सके- अरविंद केजरीवाल


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रदूषण के खिलाफ ‘युद्ध, प्रदुषण के विरुद्ध’ महा अभियान की शुरूआत की और अभियान के तहत प्रदूषण पैदा करने वाली गतिविधियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी दी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार कल से पूसा इंस्टीट्यूटी की निगरानी में पराली के डंठल को गलाकर खाद बनाने के लिए बड़े पैमाने पर घोल तैयार करने जा रही है। इस तकनीक केे सफल होने पर हम अन्य राज्यों से भी इसे लागू करने के लिए अनुरोध करेंगे। हम आज से एंटी-डस्ट कैंपने भी शुरू कर रहे हैं, जिसके तहत मैकेनिकल स्वीपिंग, गड्ढों की मरम्मत और एंटी-स्मॉग गन स्थापित करने समेत कई कदम उठाए जाएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 13 हाॅटस्पाॅट चिंहित किए गए हैं और हर हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग विस्तृत कार्यक्रम बनाए गए हैं। दिल्ली सरकार एक ‘ग्रीन दिल्ली’ एप लांच करेगी, जिस पर कोई भी प्रदूषण फैलाने वाले की फोंटों खींच कर शिकायत कर सकता है, जिसकी मानिटरिंग वह खुद करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ट्री प्लांटेशन पाॅलिसी ला रही है, जिसके तहत पेड़ काटने के बदले 10 नए पौधे लगाने के साथ ही उसमें से 80 प्रतिशत पेड़ों को ट्रांसप्लांट भी करना होगा। 

 

पिछले 5 साल में दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने मिल कर अच्छा काम किया, जिसकी बदौलत 25 प्रतिशत प्रदूषण कम हुआ- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अक्टूबर का महीना शुरु हो गया है। हम सब जानते हैं कि अक्टूबर, नवंबर, दिसबंर में दिल्ली में प्रदूषण बढ़ जाता है। इन दो-तीन महीने में प्रदूषण के बढ़ने का एक बड़ा कारण होता है कि आसपास के राज्यों के अंदर जो पराली जलती है, उस पराली का धुंआ दिल्ली में आता है। मैं कई बार यह सोचता हूं कि किसान अगर पराली जलाने के लिए मजबूर होता है, तो सबसे ज्यादा धंुआ उस बेचारे किसान और उसके परिवार को बर्दाश्त करना पड़ता है। दिल्ली तक आते-आते धुंआ थोड़ा कम हो जाता होगा और गांव के लोगों को बर्दाश्त करना पड़ता है, किसानों को बर्दाश्त करना पड़ता है। पराली के ऊपर आसपास के राज्य जो भी राज्य काम कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली के अंदर जो अपना प्रदूषण है, इसको कम करने के लिए हम जो कुछ भी कर सकते हैं, हमें करना चाहिए। पिछले 5 साल के अंदर दिल्ली के अपने दो करोड़ लोगों ने मिल कर बहुत अच्छा काम किया, बहुत मेहनत की। बहुत लगन के साथ काम करके दिल्ली के लोगों ने अपना प्रदूषण बढ़ने नहीं दिया। पूरी दुनिया के अंदर हर शहर में ट्रैफिक बढ़ने, इंडस्ट्रियल गतिविधियां बढ़ने, आर्थिक गतिविधियां बढ़ने आदि से प्रदूषण बढ़ रहा है। दिल्ली ने एक शानदार काम यह करके दिखाया है कि हमारे यहां ट्रैफिक भी बढ़ा, हमारे यहां औद्योगिक गतिविधियां भी बढ़ीं, हमारे यहां आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ी, हमारे यहां सब कुछ बढ़ा, लेकिन दिल्ली के अंदर प्रदूषण बढ़ने की बजाय, दिल्ली में 2014 से 2019 के बीच प्रदूषण वास्तव में कम हुआ है। 2014 में पीएम-2.5 का औसत 154 था और 2018-19 में इसका औसत 115 था। यह 25 प्रतिशत कम हो गया है। यह आप सभी दिल्ली के लोगों ने करके दिखाया है। पिछले 5 साल में दिल्ली के लोगों ने बहुत बड़े-बड़े काम करके दिखाएं हैं।

 

कोरोना के दौर में प्रदूषण हमारे लिए और भी ज्यादा जानलेवा हो सकता है- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस यह साल प्रदूषण हमारे लिए जानलेवा भी हो सकता है। चारों तरफ कोरोना फैला हुआ है। इस कोरोना के दौर में यह प्रदूषण हमारे लिए जानलेवा हो सकता है। पिछले साल में हमने कई सारे कदम उठाए। हमने बिजली 24 घंटे किए। 24 घंटे बिजली करने की वजह से जितने भी छोटे-छोटे जनरेटर चला करते थे, वह सारे बंद हो गए, उससे प्रदूषण कम हुआ। केंद्र सरकार ने ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल हाईवे बनाया। उसकी वजह से काफी सारे ट्रक जो रात में दिल्ली में प्रवेश किया करते थे, वह प्रवेश करना बंद हो गए हैं। दिल्ली के अंदर इंडस्ट्रीज गंदा ईंधन का इस्तेमाल करती थी, ऐसा ईंधन इस्तेमाल करती थीं, जिससे प्रदूषण बहुत फैला था, उससे धुंआ बहुत ज्यादा निकलता था। उसको हम लोगों ने बंद किया है। पीएनजी साफ सुथरा ईंधन होता है, हमने सभी इंडस्ट्री पर दबाव डालकर पीएनजी के उपर शिफ्ट कराया। कुछ इंडस्ट्री अभी रह गई हैं, उस भी काम चल रहा है। उससे काफी प्रदूषण कम करने में मदद मिली है। जिसने निर्माण साइट होते थे, वहां पर चालान कर के उनके यहां का धूल का प्रदूषण कम कराया। दिल्ली में बहुत बड़े स्तर पर पौधारोपण करवाया। सुप्रीम कोर्ट के ग्रेडेड एक्शन प्लान को लागू किया, लेकिन अभी अपने को संतुष्ट नहीं होना है। अभी अपने को प्रदूषण को और कम करना है। खासकर इस साल जब कोरोना का यह साल है, इस कोरोना के साल में अपने को अपने बच्चों और अपने परिवार के लिए प्रदूषण को कम करना है। कोरोना में सबसे ज्यादा फेफड़े प्रभावित होते हैं और अगर फेफड़े की बीमारी है, तो उसमें प्रदूषण और भी ज्यादा जानलेवा हो सकता है।

 

 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज से हम प्रदूषण के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं। आज से एक अभियान ‘युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध’ चालू कर रहे हैं, इसमें आप सभी लोगों का सहयोग चाहिए। जैसे हमें पिछले पांच साल में आप सभी लोगों का सहयोग मिला। आप लोगों के सहयोग और भागीदारी से हम लोगों ने प्रदूषण कम किया। अब आने वाले अगले तीन-चार महीने में हम प्रदूषण के विरुद्ध युद्ध छेड़ेंगे। आज मैं आपको कुछ बिंदु बता रहा हूं, लेकिन हम आने वाले समय में और नई-नई गतिविधियां जोड़ते जाएंगे।

 

दिल्ली सरकार कल से पूसा इंस्टीट्यूटी की निगरानी में पराली के डंठल को गलाने के लिए बड़े पैमाने पर घोल तैयार करेगी- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने अभी थोड़ी देर पहले सभी विभागों की बैठक ली थी। अब सभी विभाग इस युद्ध में शामिल हो गए हैं, तीनों एमसीडी शामिल हैं, पीडब्ल्यूडी विभाग, दिल्ली सरकार, डीपीसीसी, पर्यावरण विभाग, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, ट्रांसपोर्ट विभाग समेत सभी विभाग शामिल हैं। इस अभियान को सभी विभाग और दिल्ली की जनता मिलकर सफल बनाएगी। इसमें सबसे पहली चीज पराली है। हर साल पराली की समस्या से हम लोग जूझते हैं। सब लोगों ने बहुत कोशिश की, आस पास की राज्य सरकारें भी बहुत कोशिश कर रही हैं। केंद्र सरकार भी बहुत कोशिश कर रही है, लेकिन इस साल हमारा पूसा रिसर्च इंस्टीट्यूट ने पराली एक बहुत सस्ता और सरल उपाय तलाशा है। उन्होंने एक घोल बनाया है, उस घोल को अगर आप पराली के ऊपर छिड़काव कर दें, तो पराली का डंठल गल जाता है और वह खाद में बदल जाता है। इस बार दिल्ली के अंदर जितनी भी खेती होती है, जहां गैर बासमती धान के खेतों में पराली होती है, वहां पर दिल्ली सरकार खुद यह घोल बनवा कर खुद छिड़काव करने जा रही है। अगर दिल्ली में इस बार यह प्रयोग असफल हो जाता है, तो फिर हम आसपास की सरकारों को भी कह सकते हैं कि हमने प्रयोग किया है और सफल रहा है, इसलिए आप भी कर कर सकते हैं। इस तरह शायद इस पराली की समस्या से हम सब लोगों को निजात मिल सकती है। इस तरह दिल्ली में यह धोल बनाने का कार्यक्रम कल से शुरू होने जा रहा है। दिल्ली सरकार पूसा इंस्टीट्यूट की निगरानी में बहुत बड़े स्तर पर यह घोल तैयार करने जा रही है। कल जब घोल बनना शुरू होगा, उसे मैं स्वयं देखने के लिए वहां जाऊंगा। 

 

सभी संबंधित एजेंसियों को अपने क्षेत्र में सड़कों के गड्ढे शीघ्र भरने के निर्देश दिए- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दूसरा, मिट्टी उड़ती है, उसकी वजह से भी काफी प्रदूषण होता है। मिट्टी को उड़ने से रोकने के लिए एंटी डस्ट कैंपेन आज से शुरू कर रहे हैं। इसके तहत कई सारे एक्शन प्लान है, जो कंस्ट्रक्शन साइट हैं, जहां पर निर्माण कार्य चल रहा है, वहां से बहुत मिट्टी उड़ती है। वहां पर मिट्टी उड़ने से रोकने के लिए हमारे निरीक्षक टीमें जाएंगी। निर्माण साइट पर मिट्टी को उड़ने से रोकने के लिए कई सारे कई कदम उठाने होते हैं, अगर उन्होंने वो सारे कदम नहीं उठाए हैं, तो उनका चालान करते है और उनके साथ सख्ती करते हैं, ताकि निर्माण साइड से मिट्टी न उड़े। उसी तरह से दिल्ली के विभिन्न इलाकों में एमसीडी बहुत सारे मैकेनिकल स्वीपर चलाते हैं, ताकि झाड़ू लगाने की वजह से जो मिट्टी उड़ती है, मैकेनिकल स्वीपर चलाने से मिट्टी को उड़ने से रोका जा सके हैं। सड़कों पर जो गड्ढे हैं, उस पर ट्रैफिक चलता है, तो उससे मिट्टी उड़ती है। आज मैंने सभी को आदेश दिया है कि जिस एजेंसी के अंडर में आती है, वो सभी लोग सड़कों के गड्ढें भरें, ताकि मिट्टी को उड़ने से रोका जा सके। काफी बड़े स्तर पर दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर एंटी स्माॅग गन लगाए जा रहे हैं ताकि धूल को उड़ने से रोका जा सके। इसके अलावा भी एंटी डस्ट कैंपेन के तहत और भी बहुत सारे कदम उठाए जा रहे हैं।

 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट पॉइंट हैं, जहां प्रदूषण ज्यादा है। उनको चिन्हित किया गया है। इसके बाद उन हॉटस्पॉट के अंदर जहां-जहां कॉलोनी ज्यादा हैं, उनको चिन्हित किया गया है और सभी हॉटस्पॉट का एक अलग कार्यक्रम बनाया गया है, सरकार ने उसकी विस्तार से प्लानिंग की है कि इस हॉटस्पॉट के अंदर प्रदूषण किस वजह से फैल रहा है? यहां पर मिट्टी ज्यादा उड़ रही है या यहां ट्रैफिक ज्यादा है या यहां पर खुली हुई मिट्टी ज्यादा है, कंस्ट्रक्शन ज्यादा हो रहा है या किस वजह से प्रदूषण है। हर हाॅटस्पाॅट विशेष प्रोग्राम बना करके उसको वहां पर लागू किया जाएगा, ताकि वहां पर प्रदूषण को रोका जा सके।

 

ग्रीन दिल्ली एप पर आने वाली शिकायतों का निश्चित समय सीमा के अंदर निस्तारण होगा- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम इस बार एक ‘ग्रीन दिल्ली’ एप बना रहे हैं। यह एप इसी महीने बनकर तैयार हो जाएगा। आप उस एप को अपने फोन में डाउनलोड कर लीजिए। अगर आपको कहीं किसी तरह का प्रदूषण दिखाई दे, आपको कहीं कूड़ा जलता दिखे, आपको दिखे कि कोई ट्रक ज्यादा प्रदूषण फैला रहा है, आपको कोई इंडस्ट्री दिखे या कोई भी ऐसी गतिविधि दिखे, जिससे आपको लगे कि वह प्रदूषण फैला रही है तो आप उसकी फोटो खींचकर उस एप पर शिकायत कीजिए। हर शिकायत के लिए हमने डेटलाइन निर्धारित कर रखी है। मेरे पास इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट आया करेगी कि कितने शिकायतों का निस्तारण हुआ और कितनी शिकायतें अभी लंबित हैं। हम प्रदूषण के खिलाफ एक वाॅर रूम बना रहे हैं। मैं जितने भी कदमों की घोषणा कर रहा हूं और आने वाले दिनों में और भी गतिविधियों की घोषणा इस ‘युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान के अंदर शुरू होने जा रही हैं, उसकी मानिटरिंग इस वाॅर रूम से की जाएगी और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट हमारे पास आएगी कि कौन सी गतिविधि कितनी सफल हो रही है, कौन सी गतिविधि कितनी की जा रही है और कौन नहीं कर रहा है। 

 

नई पाॅलिसी लागू होने के बाद पेड़ काटने पर एजेंसी को उसके 80 प्रतिशत पेड़ ट्रांसप्लांट करने होंगे- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके अलावा हम ट्री प्लांटेशन की एक पॉलिसी बना रहे हैं। पेड़ काटे जाते हैं। कई बार सड़क या बिल्डिंग बनाने के लिए पेड़ काटने जरूरी भी हो जाते हैं। अभी तक यह पॉलिसी थी कि यदि एक पेड़ कटेगा, तो उसकी एवज में 10 नए पौधे लगाए जाएंगे, इन 10 नए पौधों को बड़े होने में काफी समय लगेगा, जबकि जिस पेड़ को काटा गया, वह काफी बड़ा और हरा भरा था। इसलिए अब हम अगले एक सप्ताह में एक पाॅलिसी ला रहे हैं कि अगर कोई एजेंसी काटती है, तो उसको उसमें से 80 प्रतिशत वहां से ट्रांसप्लांट करके नई जगह लगाने पड़ेंगे। हमारे पेड़ कम नहीं होने चाहिए, एक पेड़ के बदले 10 पौधे लगाए ही जाएंगे, साथ ही जो पेड़ कटेंगे, उसके कम से कम 80 प्रतिशत पेड़ ट्रांसप्लांट करके लगाए जाने चाहिए। मैने कुछ दिन पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी की घोषणा की थी। भारत की ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया मैं सबसे अच्छी पॉलिसी है, यह पाॅलिसी भी बहुत जल्द अब लागू हो जाएगी और उसके तहत लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने में सब्सिडी मिलनी शुरू हो जाएगी। यह सारी चीजें हैं, जो दिल्ली के लोग, दिल्ली सरकार के साथ मिलकर के लागू करेंगे। 

 

दिल्ली के 300 किमी के दायरे में चल रहे कोयले के पाॅवर प्लांट और ईंट भट्ठों पर संबंधित राज्य सरकारों को लगाम लगाने की जरूरत- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने पड़ोसी राज्यों से अपील करते हुए कहा कि अगर हवा खराब होती है, तो हवा यह नहीं देखती है कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश या बिहार की है। हवा इधर से उधर जाती है और उधर से इधर आती है। प्रदूषण भी इधर से उधर जाता है और उधर से इधर आता है। इसलिए जब तक हम सारे मिलकर हवा साफ नहीं करेंगे, तब तक इसका प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। मैं दो तीन चीजों पर आसपास की सरकारों से निवेदन करना चाहता हूं। पहला यह कि कोशिश करें कि पराली जलाने का सिलसिला है, वह रूके। मैंने पंजाब के बहुत से किसानों से बात की है। किसान कहते हैं कि हम खुद दुखी होते हैं। वो कहते हैं कि प्रदूषण आप तक तो बाद में पहुंचता है, पहले तो हमारे बच्चों के फेफड़ों में प्रदूषण जाता है, लेकिन हम करें क्या? हमें इसके लिए सरकारों से मदद चाहिए। मैं सभी सरकारों से निवेदन करना चाहता हूं कि जैसे दिल्ली सरकार ने इसका एक विकल्प निकाला है, हर सरकार अपने-अपने स्तर पर इसका एक विकल्प निकाल करके अपने किसानों की मदद करें, ताकि यह पराली आज एक समस्या बन गई है, यह पराली किसानों के लिए एक अवसर बन सकती है। यह किसानों के लिए आमदनी का जरिया बन सकती है। हमारे दिल्ली के लगभग 300 किलोमीटर के दायरे में कोयले से बिजली बनाने के लिए 11 प्लांट चल रहे हैं। इस पाॅवर प्लांट से दिल्ली में बहुत ज्यादा प्रदूषण दिल्ली में आता है। दिल्ली में कोयले के दो प्लांट चलते थे, हमने दोनों को बंद करा दिया। अब दिल्ली एक ऐसा शहर हो गया, जहां कोयले का एक भी पाॅवर प्लांट नहीं है, लेकिन हमारे दिल्ली के आसपास 300 किलोमीटर के दायरे में आसपास के राज्यों में 11 पाॅवर प्लांट चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिसंबर 2019 तक इन प्लांट्स से प्रदूषण बंद हो जाने चाहिए, लेकिन अभी तक उस आदेश का पालन नहीं हुआ है। मेरी सभी राज्यों से हाथ जोड़कर विनती है कि इस प्रदूषण को खत्म किया जाए। दिल्ली के आसपास बहुत सारे ईटों के भट्ठे चल रहे हैं, वहां से भी बहुत प्रदूषण आ रहा है, इनके ऊपर भी लगाम लगाने की जरूरत है।

 

 सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी विभागों के साथ बैठक कर प्रदूषण को नियंत्रित करने के निर्देश दिए

इससे पहले, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर को कम करने को लेकर पर्यावरण विभाग, विकास विभाग, पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनडीएमसी, ट्रांसपोर्ट विभाग, ट्रैफिक पुलिस, डीडीए, डीएसआईडीसी और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, डीडीसी के वाइस चेयरमैन जस्मीन शाह भी मौजूद रहे। पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी, नार्थ एमसीडी, साउथ एमसीडी, ईस्ट एमसीडी, ट्रांसपोर्ट समेत अन्य विभागों ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर की गई कार्रवाई के बारे में मुख्यमंत्री को प्रजेंटेशन के जरिए जानकारी दी। साथ ही सभी विभागों ने आने वाले दिनों प्रदूषण बढ़ने की संभावना के मद्देनजर उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी दी। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी विभागों से कहा कि कोरोना काल में वायु प्रदूषण बढ़ता है, तो दिल्ली निवासियों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए हमें अपने स्तर पर हर मुमकिन कोशिश करनी है कि किसी भी हालत में प्रदूषण का स्तर न बढ़े। जिस तरह से हम सभी ने मिल कर पिछले साल तक 25 प्रतिशत प्रदूषण को कम करने में सफलता हासिल की है, उसी तरह इस बार हमें पूरी लगन और एकजुट होकर काम करते हुए प्रदूषण स्तर को और भी कम करना है, ताकि कोरोना संकट से जूझ रहे दिल्ली निवासियों के लिए प्रदूषण गंभीर खतरा न बन सके। सीएम अरविुंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि हम सभी विभागों को हर स्तर पर सहयोग देने के लिए हमेशा तैयार हैं। प्रदूषण को लेकर की जाने वाली कार्रवाई के दौरान किसी भी तरह की समस्या आती है, तो विभागीय अधिकारी मुझसे संपर्क कर सकते हैं।

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