धारा 144 के बाबजूद अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति का जंतर मंतर दिल्ली पर धरना एवं प्रदर्शन।


अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के आहवान पर 22  सितम्बर को सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक विशाल धरना एवं प्रदर्शन  किया गया  धरने की अध्य्क्षता मैथिल इंजीनियर राजीव शर्मा ने की। प्रमुख मांगों में पृथक मिथिला  राज्य , संवैधानिक भाषा  मैथिली  में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा  मिथिला का सर्वांगीण  विकास है  अन्य त्वरित मांगें सुशान्त सिंह राजपूत के केस  के दोषियों  को सजा, बाढ़ का स्थायी निदान आईआईटी आईआईएम की स्थापना,पलायन पर रोक के साथ रोजगार  मैथिली  शिक्षक की बहाली, मिथिलाक्षर लोककला एवं मिथिला पेंटिंग को संरक्षण और सवर्द्धन मैथिली भाषा में रेडियो टीवी पर 24x7 प्रसारण शामिल है। संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. वैद्यनाथ चौधरी "बैजू ने कहा कि मिथिला के सर्वागीण विकास के लिये मिथिला राज्य ही एकमात्र समाधान है। उन्होंने मिथिला मखान के जीआई टैग और दरभंगा में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना पर बिहार सरकार को आड़े हाथ लिया है।



संघर्ष समिति के अन्तर्राष्ट्रीय संयोजक प्रोअमरेन्द्र कुमार झा एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी इंजीनियर शिशिर कुमार झा ने कहा कि भाषायी, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, राजनैतिक आजादी के बिना मिथिला का विकास असंभव है। पृथक मिथिला राज्य ही एकमात्र विकल्प है। हमारा मुख्य नारा:भीख नहिं अधिकार चाही. हमरा मिथिला राज्य चाही। 



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