विद्युत भारत का भविष्य है; खाना पकाने में बिजली के उपयोग की योजनाएं गरीबों के लिए होंगी मददगारः विद्युत मंत्री आर.के. सिंह


माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) (विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा) एवं राज्य मंत्री (कौशल विकास और उद्यमिता), आर.के. सिंह ने बताया कि सरकार खाना पकाने में विद्युत यानि बिजली के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है, क्योंकि इससे समाज के गरीब वर्ग को अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करने के लिए सस्ते विकल्प मिलेंगे। इससे न केवल देश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होगा बल्कि आयात पर निर्भरता कम करने में भी मदद मिलेगी।



‘‘विद्युत भारत का भविष्य है और आने वाले समय में देश की ज़्यादातर बुनियादी सुविधाएं विद्युत ऊर्जा पर ही निर्भर होंगी। सरकार ने मंत्रालया स्तर पर एक पावर फाउन्डेशन के गठन की प्रस्तावना भी दी है, जिसके तहत खाना पकाने के काम में सिर्फ विद्युत ऊर्जा का उपयोग ही किया जाएगा। इससे न केवल हमारी अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर होगी बल्कि आयात पर निर्भरता कम करने में भी मदद मिलेगी। हमारी सरकार गरीबों के कल्याण के लिए कार्यरत है और यह कदम समाज के गरीब वर्ग को खाना पकाने के लिए सस्ते विकल्प उपलब्ध कराएगा।’’ श्री सिंह ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा।


नई दिल्ली से बात करते हुए मंत्री जी ने सरकार के दृष्टिकोण पर रोशनी डाली। इस अवसर पर मंत्री जी ने एनपीजीसीएल, नबीनगर में एक सर्विस बिल्डिंग, एनटीपीसी द्वारा विकसित एक शाॅपिंग परिसर (जो बाढ़ के लोगों को अपनी सेवाएं मुहैया कराएगा) तथा एनटीपीसी बरौनी में एक मेन प्लांट कैंटीन (जो एनटीपीसी कर्मचारियों एवं एसोसिएट्स को अपनी सुविधाएं मुहैया कराएगी) का उद्घाटन किया। मंत्री जी ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लाॅकडाउन के दौरान भी गरीबों को ध्यान में रखते हुए अपने अभियानों जैसे पीएम आवास योजना और हर घर बिजली पर काम करना जारी रखा है।


श्री सिंह ने एनटीपीसी के विभिन्न प्रयासों की सराहना की, जो देश के आर्थिक विकास की दिशा में इस विद्युत उत्पादक कंपनी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।


‘‘पिछले सालों के दौरान एनटीपीसी द्वारा किए गए कार्यों को देश भर में सराहा गया है। एनटीपीसी को इसके पेशेवेर प्रयासों के लिए जाना जाता है, इसने न केवल बिहार में बल्कि देश भर में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। हमेशा से सार्वजनिक उपक्रमों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जाते रहे हैं, किंतु अगर एनटीपीसी के परफोर्मेन्स पर नज़र डालें तो साफ है कि इसके प्रयास अन्य निजी कंपनियों से भी बेहतर रहे हैं, एनटीपीसी हमेशा से प्रगति और मुनाफे के पथ पर बढ़ती रही है। मैं एनटीपीसी के प्रति आभारी हूं, जिसने राष्ट्र निर्माण हेतु बिहार एवं अन्य राज्यों की प्रगति में उल्लेखनीय साझेदार की भूमिका निभाई है।’’


श्री आर.के. सिंह ने बताया, ‘‘एनटीपीसी का विस्तार जारी रहेगा और यह अपने पेशेवर अंदाज़, अद्भुत क्षमता के साथ आदर्श नियोक्ता के रूप में नए मानक स्थापित करती रहेगी।’’


उन्होंने एनटीपीसी द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की, जिसने लाॅकडाउन के दौरान चैबीसों घण्टे बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित किया। उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान डिस्काॅम कंपनियों के लिए निर्धारित शुल्क स्थगित कर दिए गए तथा भारत की इस सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक ने राज्यों को भी शुल्क में छूट दी। उन्होंने कहा कि देश के लिए एनटीपीसी की प्रतिबद्धता ही है जो देश भर के प्रतिष्ठित आईआईटी एवं एनआईटी संस्थानों से प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को इस आदर्श कंपनी के साथ काम करने केे लिए आकर्षित करती है।


उद्घाटन समारोह के दौरान गुरदीप सिंह, सीएमडी, एनटीपीसी ने कहा, ‘‘श्री आर के सिंह के नेतृत्व में एनटीपीसी खाने पकाने में विद्युत के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। हमें विश्वास है कि हम देश भर में इसी माॅडल का अनुकरण कर सकेंगे।’’ उन्होंने बताया, ‘‘लाॅकडाउन के दौरान एनटीपीसी ने न केवल अपने कर्मचारियों बल्कि अनुबंधात्मक श्रमिकों को भी समय पर भुगतान किया, इन कर्मचारियों को भोजन, आश्रय एवं चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गईं। हमने सुनिश्चित किया कि लाॅकडाउन के दौरान देश में बिजली की निर्बाध आपूर्ति जारी रहे।’’ उन्होंने बताया ‘‘बिहार में एनटीपीसी की 3800 मेगावाॅट परियोजना निर्माणाधीन है, जो राज्य की प्रगति में उल्लेखनीय योगदान देगी।’’


एनटीपीसी के कर्मचारियों एवं एसोसिएट्स को ज़रूरी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए ये नई सुविधाएं स्थापित की गई हैं। इससे बिहार राज्य में प्लांट के आस-पास के क्षेत्रों में लोगों के जीवनस्तर में सुधार आएगा।


उद्घाटन समारोह में विद्युत मंत्रालय, बिहार प्रशासन के अधिकारियों, एनटीपीसी के निदेशकों एवं अधिकारियों तथा बाढ़, नबीनगर एवं बरौनी से पूर्वी मुख्यालय के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।


उद्घाटन समारोह के अवसर पर एनपीजीसीएल, नबीनगर में सर्विस बिल्डिंग, बाढ़ में शाॅपिंग काॅम्पलेक्स तथा एनटीपीसी बरौनी में मेन प्लांट कैंटीन पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया।


कुल 62.9 गीगावाॅट की इन्स्टाॅल्ड क्षमता के साथ एनटीपीसी ग्रुप के 70 पावर स्टेशन हैं, जिनमें 24 कोयला, 7 संयुक्त सायकल गैस/ लिक्विड ईंधन, 1 हाइड्रो और 13 नवीकरणीय स्टेशन तथा 25 सब्सिडरी एवं संयुक्त उद्यम पावर स्टेशन शामिल हैं। ग्रुप की 20 गीगावाॅट क्षमता निर्माणाधीन है, जिसमें 5 गीगावाॅट नवीकरणीय ऊर्जा शामिल है।


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