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उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडु ने आज सुझाव दिया कि बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए सुबह के नाश्ते के एक हिस्से के रूप में या मिड डे मील योजना में दूध दिया जा सकता है। श्री नायडु ने इस संबंध में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी से बात की एवं यह सुझाव दिया। मंत्री ने उपराष्ट्रपति को आश्वस्त किया कि केंद्रीय सरकार सभी राज्यों को मिड डे मील योजना में दूध को शामिल करने की अनुशंसा करने पर विचार करेगी।
इससे पूर्व, पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव श्री अतुल चतुर्वेदी ने आज उपराष्ट्रपति निवास पर उपराष्ट्रपति से मुलाकात की और कोविड-19 महामारी के बाद पोल्ट्री एवं डेयरी क्षेत्रों को समस्याओं से उबरने एवं उनकी सहायता करने के लिए उठाये जाने वाले विभिन्न कदमों की जानकारी दी।
उन्होंने उपराष्ट्रपति को सूचित किया कि सरकार पोल्ट्री क्षेत्र में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित कर रही है और रियायतों एवं नीतिगत अंतःक्षेपों के जरिये उन्हें सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पशुपालन विभाग भी पोल्ट्री उद्योग के लिए ऋणों को पुनगर्ठित करने की आवश्यकता को लेकर वित मंत्रालय को अनुशंसा करने पर विचार करेगा।
उन्होंने श्री नायडु को यह भी जानकारी दी कि संगठित क्षेत्र में दुग्ध सहकारी संघों द्वारा खरीद बढ़ा दी गई है। सरकार कार्यशील पूंजी ऋणों पर सहकारी संघों को प्रति वर्ष दो प्रतिशत की ऋण छूट भी उपलब्ध करा रही है। इसके अतिरिक्त, समय पर पुनर्भुगतान के मामले में अतिरिक्त दो प्रतिशत ऋण रियायत का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उपराष्ट्रपति के सुझाव पर सचिव ने उन्हें आश्वस्त किया कि निजी डेयरियों को भी ऐसी ही सुविधा देने पर विचार किया जाएगा।
उपराष्ट्रपति को उपलब्ध अवसंरचना के बेहतर उपयोग के द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से पशु फार्म, भेड़ व बकरी पालन फार्म तथा क्षेत्रीय चारा केंद्रों को विकसित करने की विभाग की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्हें नवीनतम प्रयोगशाला उर्वरण प्रौद्योगिकी के जरिये पशु नस्ल में सुधार लाने की भी जानकारी दी गई।