बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा 148वीं एसएलबीसी बैठक का आयोजन

हेमन्त टम्टा, कार्यपालक निदेशक तथा अध्यक्ष, एसएलबीसी, महाराष्ट्र राज्य की अध्यक्षता में 148 वीं तिमाही एसएलबीसी बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत घोषित किए गए विभिन्न आर्थिक पैकेजों, महात्मा जोतिराव फुले शेतकरी कर्जमुक्ति योजना (एमजेपीएसकेवाई), कर्ज माफी योजना 2019 के कार्यान्वयन तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए वार्षिक ऋण योजना, फसल ऋण संवितरण के अंतर्गत प्रगति पर विचार-विमर्श किया गया। 
वंदिता कौल, संयुक्त सचिव, वित्तीय सेवाएँ विभाग, भारत सरकार, मुख्य सचिव, महाराष्ट्र सरकार तथा भारतीय रिजर्व बैंक, महाराष्ट्र सरकार, नाबार्ड, सदस्य बैंकों के विभिन्न वरिष्ठ प्राधिकारीगण तथा एलडीएम बैठक में उपस्थित थे।
बैठक के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं हेतु, कोविड-19 महामारी के बावजूद विशेषतः लॉकडाउन अवधि के दौरान, सतत सहयोग के लिए बैंकों के प्रयासों की सराहना की। 15 अगस्त, 2020 को फसल ऋण संवितरण, आबंटित लक्ष्य का 59% है जो विगत वर्ष की तुलना में बेहतर है। तथापि, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में बैंकों को सलाह दी कि खरीफ मौसम की बची हुई अवधि के दौरान फसल ऋण के अंतर्गत अधिक वित्तपोषण करें। महाराष्ट्र सरकार ने 30 सितंबर, 2020 तक नए
वित्तपोषण के अंतर्गत सभी पात्र एमजेपीएसकेवाय, 2019 कर्ज माफी लाभार्थियों के शीघ्र कवरेज के लिए भी ज़ोर दिया। अच्छी वर्षा, पिछले देय चुकता कर चुके एमजेपीएसकेवाय, 2019 लाभार्थी किसान तथा आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेजों इत्यादि जैसे अनुकूल कारक निवेश ऋण के अंतर्गत वित्तपोषण संवर्धन के लिए सदस्य बैंकों को बहुत ज़रूरी अवसर प्रदान कर रहे हैं।
बालासाहेब टाव्हरे, उप महाप्रबंधक तथा सदस्य सचिव, एसएलबीसी, महाराष्ट्र ने बैठक में उपस्थित सभी सहभागियों का स्वागत किया तथा बैठक की कार्यसूची से  प्रमोद आर. दातार, महाप्रबंधक तथा संयोजक, एसएलबीसी, महाराष्ट्र ने अवगत कराया। भरत बर्वे, सहायक महाप्रबंधक, एसएलबीसी, महाराष्ट्र के धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात बैठक समाप्त हुई।


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