शिक्षा विभाग के पिलर हैं शिक्षक" - शिक्षा निदेशक
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय ने दिल्ली अध्यापक परिषद् सहित सभी शिक्षक संगठन के प्रतिनिधिमंडल को सुबह 11.30 बजे  बुलाकर recruitment rules पर विस्तृत विचार विमर्श की।


इस अवसर पर सभी शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में पुराने RR को ही बने रहने देने का आग्रह शिक्षा निदेशक से किया। 

परिषद् के अध्यक्ष वेदप्रकाश ने अपनी बात को मजबूती से रखते हुए कहा कि पुराने RR के अनुकूल ही प्रोन्नति होनी चाहिए, क्योंकि नई शिक्षा नीति के आने से स्वतः ही सब कुछ बदलने वाला है। इसलिए अभी RR में किसी प्रकार का बदलाव उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर बदलना ही है तो वर्तमान RR की त्रुटियों को सुधारा जाए, जिसमें संस्कृत और हिंदी के अध्यापकों को भी अन्य विषय से स्नातकोत्तर करने पर दूसरे विषय में पीजीटी के रूप में प्रोन्नति हो,साथ ही  फ़िज़िकल टीचर भी अगर बीएड. के साथ किसी विषय से स्नातकोत्तर पास करते हैं तो उन्हें भी संबधित विषय मे प्रोन्नति दी जानी चाहिए।

परिषद् का स्पष्ट मत था कि कोई TGT अगर बीएड के साथ जिस विषय में स्नात्कोत्तर की उपाधि लेता है, उसे इसी विषय में पीजीटी प्रोन्नत की जाये।  Society for Teachers Cause के प्रतिनिधि ने प्रोन्नति में 50%अंक की बाध्यता का विरोध किया, तो वहीं GSTA के अध्यक्ष सी.पी. सिंह ने नगर निगम से 75% TGT   में प्रोन्नति का विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के विद्यालय में कार्यरत सहायक शिक्षक का कोटा बढ़ाया जाये। जिससे कि एक साथ ज्वाइन करने वाले निगम अध्यापक और दिल्ली सरकार के अध्यापक के प्रोन्नति में कोई भेद भाव न रहे।शिक्षक न्याय मंच के महासचिव मिथिलेश मिश्रा ने   विभागीय परीक्षा की मांग रखी  और अन्य सभी विषयों का समर्थन किया।Sc/St संगठन ने उप्रधानचार्य को ग्रुप बी में रखने की वकालत करते हुए कहा कि ग्रुप अ में उपप्रधानाचार्य को रखने से कोटे में प्रधानाचार्य के पद पर प्रोन्नत होने पर कोटे के लाभ नहीं मिल पाता है। 


शिक्षा निदेशक ने सभी बातों पर अपनी सहमति देते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि आपके जायज सुझावों के लिए मुझे अगर किसी के पास जाना पड़े, या हाथ जोड़ना पड़े तो मैं वह भी करूँगा। शिक्षक हित और सम्मान मेरी और मेरी पूरी टीम की पहली प्राथमिकता है।उन्होंने कहा कि, शिक्षा विभाग में शिक्षक ही पिलर हैं, जिस पर सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था का दारोमदार है। 

सभी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य उनके इस उद्गार से प्रफुल्लित हो उठे क्योंकि पहली बार किसी शिक्षा निदेशक ने शिक्षक को शिक्षा व्यवस्था का औपचारिक रूप से पिलर माना है। 

इस अवसर पर शिक्षा निदेशक ने आश्वस्त किया है कि 15 दिन के अंदर इसी संदर्भ में एक बार पुनः बैठेंगे और इस दिशा में क्या प्रगति हुई और क्या अड़चने हैं, उस पर चर्चा करेंगे। 

सभी शिक्षक संगठनों के सदस्यों ने अपनी-अपनी बात रखते हुए वर्तमान RR के त्रुटि को दूरकर यथास्थिति बनाए रखने की मांग रखी। सभी अध्यापक प्रतिनिधि बैठक के उपरांत अपने शिक्षा निदेशक के कार्यशैली की प्रशंसा किये बिना नहीं रह सके।

इस अवसर पर दिल्ली अध्यापक परिषद् के अध्यक्ष वेद प्रकाश के साथ महामंत्री राजेन्द्र गोयल,राजकीय निकाय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह व मंत्री ज्ञानेंद्र मावी उपस्थित रहे। 

 

अजय कुमार सिंह

अध्यक्ष,राजकीय निकाय

दिल्ली अध्यापक परिषद

टिप्पणियाँ