कोविड-19 रोंकने एवं बाढ़ नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के अनुसार हरदोई जिला प्रशासन सक्रिय

मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश  के निर्देशानुसार जनपद में कोविड-19 संक्रमण को रोकने हेतु जिला प्रशासन द्वारा प्रभावी कदम उठाए गये हैं। जनपद में अब तक कोविड-19 संक्रमित रोगियों की संख्या 1991 है। वर्तमान में कुल एक्टिव केसों की संख्या 443 है तथा अब तक 1548 व्यक्ति रिकवर हो चुके है। उ0प्र0 सरकार द्वारा दी गयी गाइडलाइन्स का पालन करते हुए लक्षणयुक्त व्यक्तियों को एल-1/एल-2 अस्पताल तथा लक्षण विहीन लोगों को होम आईसोलेशन या उनके अनुरोध पर एल-1 अस्पताल में रखा जा रहा है। कोविड संक्रमित लोगों की सहायता तथा काउन्सिलिंग हेतु इन्टीग्रेटेट कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है तथा कन्ट्रोल रूम 24×7 कार्यरत है। यहां पर दो पालियों में 24 अर्श काउण्सलर की ड्यिूटी लगाई गई है। इस इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल रूम द्वारा एल-1/एल-2 में भर्ती मरीजों से प्रत्येक दिन संपर्क स्थापित कर उनके स्वास्थ्य तथा अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में फीडबैक लिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों से प्रत्येक दिन दो बार संपर्क स्थापित कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जा रही है। कोरोना मरीजो की शीघ्र पहचान के लिए डोर टू डोर सर्वे कराया जा रहा है और अब तक जनपद में 66,000 से अधिक टेस्ट करवाये जा चुके हैं तथा 1991 मरीजों के सापेक्ष अब तक 16,600 से अधिक प्राइमरी तथा सेकेण्डरी कान्टैक्ट  टेस्ट्स किये जा चुके है।



जनपद में कोविड की रोकथाम हेतु चिन्हित 03 एल-1 अस्पतालों में कुल 450 बेड तथा 01 एल-2 अस्पताल में कुल 100 बेड उपलब्ध है। कोविड की रोकथाम में कार्यरत कोविड वॉरियर्स यथा चिकित्सा कर्मियों हेतु पर्याप्त मात्रा में पी0पी0ई0 किट, मास्क, सैनेटाइजर, ग्लब्स, हेड कैप इत्यादि की व्यवस्था भी कर ली गयी है। शासन द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार सभी कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों, इनके प्राइमरी कान्टैक्ट, स्वास्थ्य कर्मियों इत्यादि को आइवरमैक्टिन दवा की निर्धारित डोज देने की व्यवस्था की गयी है। एल-1/एल-2 अस्पतालों में उच्चकोटि की व्यवस्था तथा समस्याओं के तुरन्त समाधान हेतु स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ साथ मजिस्टेªट की भी ड्यूटी लगाई गयी है और इनके द्वारा प्रतिदिन कुछ मरीजों से बात कर उनका फीडबैक भी लिया जा रहा है।



जनपद के नगरीय क्षेत्र में 243 निगरानी समितियां तथा ग्रामीण क्षेत्र में 1306 निगरानी समितियां कुल 1549 निगरानी समितियां कोविड-19 की रोकथाम हेतु सक्रिय हैं। जनपद में 377 कोविड हेल्प डेस्क सरकारी कार्यालयों, बैंकों, निजी प्रतिष्ठानों एवं पेट्रोल पम्प पर संचालित हैं, जिन पर थर्मल स्कैनर एवं पल्स आक्सीमीटर से जांच की जाती है। कोविड-19 के बचाव के उपायों के सम्बन्ध में लाउडस्पीकर व अन्य माध्यमों से संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं तथा जनता को मास्क व सेनेटाइजर के प्रयोग के लिए अपील की जा रही है।



सफाई व्यवस्था
जनपद के समस्त नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति सप्ताह शनिवार व रविवार को बृहद सफाई अभियान चलाया जाता है एवं सेनेटाइजेशन व लार्वारोधी छिड़काव कराया जाता हे। नगरीय क्षेत्रों में सफाई कार्य के सत्यापन हेतु 104 जनपद स्तरीय अधिकारियों की ड्यिूटी लगाई गई है तथा ग्रामीण क्षेत्र में सत्यापन का कार्य खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा किया जाता है, जिसकी जिला स्तर पर मॉनिटरिंग जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा की जाती है।
बाढ, राहत एवं बचाव कार्य तथा तटबन्धों का निर्माण
तहसील बिलग्राम के अन्तर्गत ग्राम कटरी बिछुईया एवं कटरी छिबरामऊ में गंगा नदी द्वारा कटाव को रोकने हेतु गंगा नदी के बाएं  तट पर बम्बू क्रेट से किनारों की सुरक्षा हेतु प्रोटेक्शन का कार्य मनरेगा मद से स्वीकृत है, जिसकी लागत रु0 34.96 लाख है। इसके अतिरिक्त गंगा नदी की पुरानी मूल धारा में क्यूनेट के निर्माण का कार्य कराया जा चुका है जिसकी लम्बाई 1.00 किमी एवं चौड़ाई 40 मीटर रखी गई है। गंगा नदी की वर्तमान धारा को बन्द करने हेतु स्क्रीन निर्माण का कार्य मनरेगा मद से कराया जा रहा है, जिसकी प्राकलित धनराशि रु0 113.88 लाख है। यह कार्य नदी में जल प्रवाह को वर्तमान धारा में कम करने का कार्य करेंगा। कटाव की स्थिति के कारण फ्लड फाइटिंग के कार्य किए गये हैं, जिसके अन्तर्गत नायलॉन क्रेट में पुरानी साीमेन्ट की खाली बोरियों को बालू से भरकर नदी द्वारा किए जा रहे कटाव स्थल पर डाला गया है। कार्य स्थल पर कुल 6.00 लाख बैग सीमेन्ट की खाली बोरियों  की उपलब्धता थी जिसमें से 5.00 लाख ई0सी0 बैग का फ्लड फाइटिंग में प्रयोग किया जा चुका है। उपरेाक्त स्थल पर 07 अदद बम्बू स्पर का निर्माण किया गया है। अवशेष ई0सी0 बैग का उपयोग किया जा रहा है।
तहसील शाहाबाद के ग्राम बैजूपूर, खानूपुर में गर्रा नदी पर 330 लाख की लागत से परकूपाइन स्पर बनाये गये हैं। इससे गर्रा नदी के किनारे बसे ग्राम बैजूपूर, खानूपुर आदि में बाढ़ से होने वाला कटान रूक गया।
जनपद हरदोई में गंगा, रामगंगा, गर्रा व नीलम नदी से मुख्य रूप से तहसील शाहाबाद, बिलग्राम एवं सवायजपुर के किनारे स्थिति 823 ग्राम प्रभावित होते हैं। इस वर्ष अभी तक बाढ़ की स्थिति नहीं हैं, किन्तु गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से तहसील बिलग्राम के ग्राम मक्कूपुरवा, गुलाबपुरवा, निहालपुरवा व रघुवीरपुरवा, मजरा कटरी परसोला आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। कटान से कुल 32 आवासीय झोपड़ियों का कटान हो जाने के कारण 32 व्यक्तियों को कुल रू0 1,31,200/- की अनुग्रह धनराशि राहत के रूप वितरित की गयी है।
सम्भावित बाढ़ से निपटने के लिए जनपद स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा चुका है, जो 24×7 संचालित रहेगा। बाढ़ से निपटने हेतु 532 बाढ़ चौकियां तथा 07 राहत शिविर बनाये गये हैं। इन राहत शिविरों में बाढ़ से विस्थापित परिवारों को रखा जाएगा। बाढ़ चौकियों एवं बाढ़ राहत केन्द्रों पर राजस्व, विकास, पुलिस, आपूर्ति, पशुपालन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियांे की ड्यिूटी लगा दी गयी है। बाढ़ पीड़ित व्यक्तियों एवं पालतू पशुओं के लिए ठहरने, भोजन, पानी, चारा, प्रकाश एवं दवाईयों आदि के प्रबन्ध के लिए कार्य योजना बना ली गयी है एवं तद्नुसार व्यवस्था हेतु सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। जानवरांे के चारे के प्रबन्ध के साथ-साथ चारागाहों को भी चिन्हित कर लिया गया है।  
बाढ़ में फसे व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए 14 मोटर बोट, 33 नाव, नाविक एवं गोताखोरांे का प्रबन्ध कर लिया गया है। बाढ़ की स्थिति अनियंत्रित होने पर जनपद सीतापुर एवं बरेली से पी0ए0सी0 वाहिनी की प्रशिक्षित कम्पनियों का उपयोग किया जाएगा। अपरिहार्य स्थिति में मण्डलायुक्त महोदय के माध्यम से शासन की पूर्व अनुमति से सेना की सहायता हेतु अनुरोध किया जाएगा।
बाढ़/अतिवृष्टि के कारण जन/पशुहानि/मकान गिरने अथवा कटने पर जांचोपरान्त नियतान्तर्गत 24 घण्टे के अन्दर सहायता राशि पीड़ित व्यक्ति के खाते में ई-पेमेण्ट के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने के आदेश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गए हैं।


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