एनएचपीसी ने 500 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

नएचपीसी ने यूएमआरईआरपीपी के तहत ओडिशा में 500 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए जीईडीसीओएल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ।



एनएचपीसी लिमिटेडभारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी ने 20 जुलाई 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यूएमआरईपीपी के तहत ओड‍िशा में 500 मेगावाट फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए ओड‍िशा में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में राज्य का एक प्रमुख पीएसयूग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ ओड‍िशा लिमिटेड (जीईडीसीओएल) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं । श्री दिब्य शंकर मिश्रामाननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)ऊर्जाउद्योग और एमएसएमईओड‍िशा सरकार इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। श्री ए.के. सिंहसीएमडीएनएचपीसीश्री विष्णुपद सेठीअध्यक्ष व प्रबंध निदेशकजीईडीसीओएलडॉ. सौरभ गर्गसीएमडी (जीआरआईडीसीओ) और श्री निकुंज बिहारी धलमुख्य सचिवऊर्जा विभाग, ओड‍िशा सरकार भी उपस्थित थे ।


इस अवसर पर बोलते हुएश्री ए.के. सिंहसीएमडीएनएचपीसी ने ओड‍िशा की विशाल फ्लोट‍िंग सौर ऊर्जा क्षमता का संयुक्त रूप से दोहन करने के लिए एनएचपीसी को जीईडीसीओएल के भागीदार के रूप में विचार करने के लिए ओडिशा सरकार का आभार व्यक्त किया । उन्होंने यह भी बताया कि एनएचपीसी सौर व पंप स्टोरेज के संयोजन के साथ ओडिशा में हाइब्रिड परियोजनाओं को विकसित करने के लिए इच्छुक है और सीएमडीएनएचपीसी ने यह भी कहा कि इस तरह की हाइब्रिड अवधारणाएं स्टोरेज बैक-अप के साथ संभाव्य प्रास्तावों में परिणत हो सकती हैं जो ग्रिड को स्थिरता भी प्रदान कर सकती हैं ।


श्री दिब्य शंकर मिश्रामाननीय मंत्री महोदयऊर्जा ने दोनों संगठनों को बधाई दी है और आशा व्यक्त की है कि  यह समझौता ज्ञापन राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा आकांक्षाएं, जो जलवायु परिवर्तन और कार्बन तटस्थता के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप योजना बनाई जा रही है, को गति देगा ।


इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर एनएचपीसी की ओर से, श्री आर.के. जायसवालकार्यपालक निदेशक (नवीकरणीय ऊर्जा) और  जीईडीसीओएल की ओर से श्री जी.आर. दासमुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा  हस्ताक्षर  किए गए । श्री रतीश कुमारनिदेशक (परियोजनाएँ)श्री एन.के. जैननिदेशक (कार्मिक)श्री एम.के. मित्तलनिदेशक (वित्त)श्री वाई.के. चौबेनिदेशक (तकनीकी)श्री जे.के. महापात्राएनएचपीसी के स्वतंत्र निदेशक और श्री विवेक पटनायकआईएएस (सेवानिवृत्त) ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा समझौता ज्ञापन समारोह में भाग लिया।


यह एमओयू एक ऐसा फ्रेमवर्क प्रदान करता है जिसके अंतर्गत, जीईडीसीओएल और एनएचपीसीएक साथ मिलकर कार्य करेंगे और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क्स  (यूएमआरईपीपीयोजना के तहत संयुक्त उद्यम  के माध्यम से ओडिशा राज्य के विभिन्न जलाशयों में कुल 500 मेगावाट क्षमता (चरणबद्ध तरीके से) की तकनीकी-व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं की खोज करनेयोजना बनाने और विकास  करने के लिए एक संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसीगठन करने में सहयोग करेंगें । कुल अनुमानित निवेश 2500 करोड़ रुपए का किया जाएगा।  डीपीआर तैयार करने और ईपीसी रिवर्स नीलामी प्रक्रिया के साथ ईपीसी बिडिंग के माध्यम से कार्य अवार्ड करने सहित प्रत्येक एसपीवी परियोजना की परिकल्पना के लिए इन्क्यबेशन अवधि लगभग 7-8 महीने होगी । प्रत्येक कल्पित परियोजना को पूरा करने के लिए अनुमानित समय लगभग 18 माह का होगा । परियोजना के पहले चरण का कार्य मार्च 2022 तक शुरू होने की संभावना है ।


ओडिशा में फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास से राज्य के लोगों और राज्य सरकार दोनो को लाभ मिलेगा क्योंकि इससे रोजगार सृजन होगा और इसके परिणामस्वरूप सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा विकास संबंधी गतिविधियां  प्रारम्भ होंगी ।


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