देश का नाम इंडिया की जगह भारत

कनफेडेरशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपने " भारतीय सामान -हमारा अभिमान" राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत आज  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को आज भेजे गए एक पत्र में आग्रह किया है की देश का नाम इंडिया के स्थान पर भारत करने का आग्रह किया ! कैट ने कहा है की भारत का नाम देश की उच्च परंपरा, संस्कृति और गौरव को दर्शाता है और राष्ट्रीयता की भावना को और अधिक दृढ़ करता है ! और गुप्त भी है।


प्रधान मंत्री मोदी को अपने पत्र में कैट प्रधानमंत्री का ध्यान भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 (i) की ओर उनका  ध्यान आकर्षित किया है, जो विशेष रूप से कहता है कि "इंडिया , जो भारत है, राज्यों का एक संघ होगा" जो संविधान निर्माताओं की इस भावना को स्पष्ट परिलक्षित करता है की लोग देश को भारत के नाम से ही जानें , इसीलिए शब्द भारत जोड़ा गया! 


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि संविधान के उक्त अनुछेद में इंडिया और भारत दोनों नामों का उपयोग किया गया है। इसलिए देश का नाम बदलने के लिए संविधान में संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है और भारत शब्द को इंडिया के स्थान पर प्रतिस्थापित किया जा सकता है और यह कार्य एक अधिसूचना जारी करके किया जा सकता है !


श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने देश के गौरव की पुनर्स्थापना के लिए प्रधान मंत्री मोदी के विशाल प्रयासों की सराहना करते हुए कहा की उनके नेतृत्व में भारत दुनिया भर में सबसे शक्तिशाली देशों में से एक देश के रूप में स्थापित हुआ है। व्यापारिक समुदाय को भरोसा है कि उनके नेतृत्व में भारत न केवल अपनी भूगोल सीमा के भीतर मजबूत होगा, बल्कि पूरे विश्व में एक आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में उभरेगा।


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