वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान एनएचपीसी ने अब तक का सर्वाधिक 3007 करोड़ रुपए का एकल लाभ अर्जित किया

भारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी और भारत सरकार के मिनी रत्न’ श्रेणी- I उद्यम, एनएचपीसी लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अपने अंकेक्षित वित्तीय परिणाम घोषित कर दिए हैं। निदेशक मंडल ने फ़रीदाबाद में 27 जून, 2020 को आयोजित ई-बैठक में वित्त वर्ष 19-20 के लिए ऑडिट किए गए वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी।


एनएचपीसी ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एकल आधार पर अब तक का सर्वाधिक 3007.17 करोड़ रुपये के कर के बाद शुद्ध लाभ घोषित किया है जोकि पिछले वित्त वर्ष में 2630.55 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2019-20 में बिक्री 8735.41 करोड़ रुपये रही है जोकि पिछले वित्त वर्ष में 8161.18 करोड़ रुपये थी। वर्ष 2019-20 में अनियंत्रित ब्याज़ से पहले समेकित शुद्ध लाभ 3,324.72 करोड़ रुपये रहा जोकि वर्ष 2018-19 में 2,835.79 करोड़ रुपये था। 2019-20 में कंपनी की कुल आय 10,766.64 करोड़ रुपये है जोकि 2018-19 में 9,846.81 करोड़ रुपये थी।


एनएचपीसी के पावर स्टेशनों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में अब तक का उच्चतम 26121 मिलियन यूनिट (एमयू) का विद्युत उत्पादन प्राप्त किया है जोकि पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में 24193 मिलियन यूनिट था।  


एनएचपीसी के निदेशक मंडल ने मार्च 2020 में कंपनी द्वारा पहले से भुगतान किए गए 1.18/- प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश के अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 19-20 के लिए 0.32/- प्रति शेयर के अंतिम लाभांश की भी सिफारिश की है। वित्त वर्ष 19-20 के लिए कुल लाभांश भुगतान 1506.76 करोड़ रुपये है जोकि वित्तीय वर्ष 18-19 के लिए 1466.58 करोड़ रुपये था। एनएचपीसी के पास आज लगभग सात लाख शेयरधारक हैं।


इस अवसर पर श्री ए.के. सिंह, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी ने कहा कि  “एनएचपीसी ने 2022 तक 10,000 मेगावाट की संस्थापित क्षमता और 2024 तक 13,000 मेगावाट की संस्थापित क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है जोकि वर्तमान में 7071.2 मेगावाट है। इसके अलावा, हमारे पास जलविद्युत विकास के मुख्य व्यवसाय के साथ-साथ एनएचपीसी के सौर और पवन ऊर्जा पोर्टफोलियो के विस्तार के लिए पैन-इंडिया योजना है और हम इन स्रोतों के माध्यम से 2022 तक 5,000 मेगावाट की सौर क्षमता हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। ”


एनएचपीसी वर्तमान में एक आक्रामक विस्तार मोड पर है और जलविद्युत, सौर और पवन परियोजनाओं के विकास के लिए नए रास्ते तलाशने के लिए सभी स्तरों पर संबंधित अधिकारियों के साथ संवाद स्थापित कर रही है। एनएचपीसी ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ 449 मेगावाट की डुगर जलविद्युत परियोजना, 260 मेगावाट सच खास, 130 मेगावाट की राशिल और 104 मेगावाट की तांदी परियोजना के क्रियान्वयन के लिए बैठक की है। सिक्किम सरकार के साथ भी 500 मेगावाट की तीस्ता-VI, 120 मेगावाट की रंगित- IV और 520 मेगावाट की तीस्ता- IV के एनएचपीसी द्वारा निष्पादित की जाने हेतु  बैठक की गई है। एनएचपीसी ने हाल ही में नेपाल में संयुक्त रूप से जलविद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए हाइड्रोपावर इनवेस्टमेंट एंड डेवलपमेंट कंपनी, नेपाल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। एनएचपीसी ने आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सौर परियोजनाओं के विकास के लिए उनके शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं एवं राजस्थान में संभावनाओं की तलाश कर रही है


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