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कोविड-19 लॉकडाउन के बीच 'आत्म निर्भर भारत' की ओर बढ़ने के उत्कृष्ट प्रदर्शन के तहत एनएचपीसी लिमिटेड द्वारा पश्चिम बंगाल में स्थित अपने 132 मेगावाट के तीस्ता लो डैम-III पावर स्टेशन के यूनिट-II के गैस इंसुलेटेड स्विचगियर (जीआईएस) के इन-हाउस समस्या निवारण और पुनर्स्थापन का कार्य किया गया। यह पहली बार था जब किसी विदेशी मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) की मदद के बिना ऐसा काम सफलतापूर्वक किया गया था। एनएचपीसी ने कार्य को पूर्णतया आंतरिक रूप से पूरा करते हुए करोड़ों रुपए और कीमती समय की बचत की है । श्री ए.के. सिंह, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी ने पावर स्टेशन की टीम को प्रेरित किया और आगे बढ़ने के लिए स्वीकृती प्रदान की ।
पावर स्टेशन द्वारा यह कार्य 03.06.2020 से 06.06.2020 तक युद्ध-स्तर पर करते हुए यूनिट-II का ग्रिड के साथ सफल सिंक्रनाइज़ेशन किया गया था । सुधार कार्य का नेतृत्व पावर स्टेशन के श्री साजिद अख्तर, वरिष्ठ प्रबंधक (ईएंडसी) और श्री अपूर्व कुमार सरकार उप प्रबंधक (विद्युत) द्वारा किया गया ।
जीआईएस एक कॉम्पैक्ट मेटल एनकैप्सुलेटेड स्विचगियर है, जिसमें सर्किट-ब्रेकर, आइसोलेटर, अर्थ-स्विच आदि जैसे घटक शामिल होते हैं, जिन्हें सुरक्षित रूप से सीमित स्थानों पर संचालित किया जा सकता है, जिसमें सल्फर हेक्साफ्लोराइड (एसएफ6) गैस इंसुलेटिंग माध्यम हो। आम तौर पर इस प्रकार के विशिष्ट कार्य विदेशों में मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को आउटसोर्स किए जाते हैं। एनएचपीसी के टीएलडीपी- III पावर स्टेशन के मामले में, जीआईएस की आउटसोर्सिंग मेसर्स सीमेंस, ग्रेनोबल, फ्रांस को निहित किया गया था। कोविड-19 वैश्विक महामारी लॉकडाउन के बीच ओईएम की उपलब्धता की पुष्टि में देरी से करोड़ों रुपए की बिजली के उत्पादन में कमी आ रही थी ।