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भारत की प्रमुख जलविद्युत कंपनी एनएचपीसी, जिसने सौर ऊर्जा व्यवसाय को शामिल करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाई है, अब उत्तर प्रदेश राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के व्यापक स्तर पर विकास के लिए विशेष बल दे रही है ।
उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास में एनएचपीसी की योजनाओं पर चर्चा करने हेतु ए.के. सिंह, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी ने 12 जून 2020 को लखनऊ में बुंदेलखंड सौर उर्जा लिमिटेड (बीएसयूएल) (एनएचपीसी और उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीएनईडीए) का एक संयुक्त उद्यम) के मुख्यालय का दौरा किया । श्री आर.के. सिंह, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा एवं राज्य मंत्री, कौशल विकास और उद्यमिता द्वारा यूएमआरईपीपी (अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क) की 12 जून 2020 को ली गई समीक्षा बैठक के संदर्भ में ए.के. सिंह, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी ने उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास पर प्रमुख सचिव, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, उत्तर प्रदेश और अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा की । श्री सिंह ने एक अच्छे विकल्प के रूप में बीएसयूएल के माध्यम से त्वरित परियोजना कार्यान्वयन पर बल दिया और कहा कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार यूपीआरईपीपी के तहत उपयुक्त आकार की भूमि (3000 एकड़ या उससे अधिक) प्रदान करती है, तो नवीकरणीय ऊर्जा विकास के हित में तेजी से लगभग 600 मेगावाट क्षमता की परियोजना कार्यान्वयन की कार्रवाई तत्काल शुरु हो सकती है । श्री सिंह ने कहा, "उत्तर प्रदेश एनएचपीसी के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण राज्य है और राज्य में हमारे प्रस्तावित बड़े निवेश स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल सौर ऊर्जा के विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं जो राज्य के लिए अत्यधिक लाभदायक होगा ।"
बीएसयूएल मुख्यालय की अपनी यात्रा के दौरान, श्री ए.के. सिंह, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी ने मनीष सहाय, महाप्रबंधक, एनएचपीसी तथा सीईओ, बीएसयूएल को मिर्जापुर में लगभग 100 मेगावाट की परियोजना के लिए भूमि के सर्वेक्षण हेतु तकनीकी टीम तैनात करने हेतु निर्देश दिया । अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी को सीईओ, बीएसयूएल द्वारा आगामी दो वर्षों में 215 मेगावाट की प्रस्तावित क्षमता वृद्धि योजना के बारे में जानकारी दी गई । इन परियोजनाओं में लगभग 930 करोड़ रुपए के कुल निवेश के साथ कालपी (65 मेगावाट), माधोगढ़ (50 मेगावाट) और प्रतापगढ़ (100 मेगावाट) सौर ऊर्जा परियोजनाएँ शामिल हैं । कालपी और माधोगढ़ परियोजनाओं के लिए शीघ्र ही इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) निविदाएं मंगाई जाएंगी । बीएसयूएल के तहत पहली परियोजना से विद्युत उत्पादन की शुरुआत दिसंबर 2021/जनवरी 2022 तक होने की उम्मीद है । जलविद्युत विकास के मुख्य व्यवसाय के साथ-साथ एनएचपीसी की अखिल भारतीय सौर ऊर्जा विकास में विस्तार करने की महत्वाकांक्षी योजना है ।
इससे पूर्व, बीएसयूएल मुख्यालय में अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी के आगमन पर, मनीष सहाय, महाप्रबंधक, एनएचपीसी तथा सीईओ, बीएसयूएल सहित अन्य वरिष्ठ एनएचपीसी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया । सुरक्षा कर्मियों द्वारा अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी को "गार्ड ऑफ ऑनर" भी दिया गया । इस अवसर पर, ए.के. सिंह और उनकी पत्नी श्रीमती सुधा सिंह ने कार्यालय प्रांगण में पौधे लगाए और भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जयंती के समारोह के हिस्से के रूप में भारत के संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए बैनर पर हस्ताक्षर किए ।