

एनएचपीसी लिमिटेड की राजभाषा कार्यान्वयन समिति की वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही बैठक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्री ए.के. सिंह, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक महोदय की अध्यक्षता में दिनांक 23 जून, 2020 को आयोजित की गई । इस बैठक में श्री रतीश कुमार, निदेशक (परियोजनाएं), श्री निखिल कुमार जैन, निदेशक (कार्मिक), श्री महेश कुमार मित्तल, निदेशक (वित्त), श्री वाई.के. चौबे, निदेशक (तकनीकी) तथा श्री ए.के. श्रीवास्तव, सीवीओ एवं निगम मुख्यालय के सभी विभागाध्यक्ष और निगम के क्षेत्रीय कार्यालयों/ परियोजनाओं/ पावर स्टेशनों के सभी प्रमुख भी ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया।
इस ई-बैठक में निगम मुख्यालय सहित एनएचपीसी के सभी परियोजनाओं/ पावर स्टेशनों/ कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की स्थिति की गहन समीक्षा की गई । इस अवसर पर एनएचपीसी की हिंदी पत्रिका ‘राजभाषा ज्योति’ के नवीनतम अंक (अक्तूबर, 2019 - मार्च, 2020) का विमोचन भी अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक महोदय के कर-कमलों से किया गया। इसके अतिरिक्त, अभियांत्रिकी भूविज्ञान तथा भू-तकनीकी विभाग की ‘जलविद्युत परियोजनाओं में भूकंपीय सुरक्षा का महत्व- भूकंपीय निगरानी एवं विश्लेषण के क्षेत्र में एनएचपीसी के प्रयास’ विषय पर हिंदी में तकनीकी रिपोर्ट का विमोचन भी अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी द्वारा किया गया।
बैठक में अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक महोदय ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा “हिंदी के प्रयोग को बढ़ाना तथा उसका प्रचार-प्रसार करना हमारा संवैधानिक दायित्व है और हमें अपने कार्यालयीन कार्यों में हिंदी का प्रयोग करने में गर्व का अनुभव होना चाहिए।“ उन्होंने आगे कहा कि “हमारे विभागों/ अधीनस्थ कार्यालयों में राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन में अच्छा काम हो रहा है लेकिन ई-आफिस आदि मॉड्यूल में भी हिंदी कार्यों को और उतरोत्तर बढ़ाने की आवश्यकता है।“ श्री अविनाश कुमार, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) ने अपने स्वागत उद्बोधन में समिति गत तिमाही के दौरान आयोजित की गई राजभाषा गतिविधियों की संक्षेप में जानकारी दी। इस ई-बैठक में एनएचपीसी के विभिन्न विभागों तथा परियोजनाओं, पावर स्टेशनों व कार्यालयों से 70 अधिकारियों ने भाग लिया।
यह भी उल्लेखनीय है कि एनएचपीसी के उच्च प्रबंधन द्वारा सकारात्मक सहयोग और समग्र निगम में राजभाषा कार्यान्वयन के प्रति निष्ठापूर्वक किए गए कार्यों के परिणामस्वरूप एनएचपीसी को भारत सरकार के राजभाषा कार्यान्वयन के क्षेत्र में सर्वोत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदान किए जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार ‘राजभाषा कीर्ति पुरस्कार’ से आठ बार सम्मानित किया गया है।