प्रवासी मजदूरों को उनके गावो में भेजने के लिए राजघाट पर धरना।


प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए राजघाट पर यशवंत सिन्हा, पूर्व भाजपा नेता व वित्त मंत्री, संजय सिंह, सांसद आम आदमी पार्टी, दिलीप पांडे, विधायक तीमार पुर आदि नेताओ एवम अनेक कार्यकर्ताओ के साथ धरना दिया। यशवंत सिन्हा जी ने बताया कि सेना की मदद लेकर मजदूरों को सुरक्षित उनके घर पहुंचवाया जाए।कनफेडरेशन ऑफ गोवर्नमेंट एम्प्लीईज़ एसोशियेशन्स के अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने आज शाम ही एक पत्र प्रधानमंत्री को लिखकर यह माग की थी , जिसमें यह मांग की गई है कि मजदूर हताश और निराश होकर गांव की ओर पलायन कर रहे हैं। ऐसा भी देखने में आया है कि रास्ते में वह दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं और कई मजदूर अपनी जान गवा चुके हैं । कनफेडरेशन यह भी मांग करता है की सभी मजदूरों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाया जाए और इसके लिए यदि सेना की आवयश्कता हो तो उसकी मदद ली जाए और यह सुविधा निशुल्क होनी चाहिए गरीब मजदूर जो बेचारा अभी अपनी आजीविका खो चुका है और उसके पास खाने तक को पैसे नहीं हैं तो उससे किराया लेने का तो प्रश्न ही नहीं होना चाहिए  इस संबंध मे  मानवीय आधार पर यह निर्णय लेना चाहिए किसी भी प्रकार से गरीब मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाया जाए। 



डीएन सिंह ने बताया कि वे पीएम को लिखे पत्र की कॉपी देने और यशवंत सिन्हा और संजय सिंह जी आदि नेताओ का मजदूरों की सुध लेने के लिए साधुवाद देने आए थे। लेकिन पुलिस ने वहां खड़े सभी लोगो को बस में बैठने को कहा और उन्हें राजेन्द्र नगर थाने ले गए। इस तरह का रवैया लोकतन्त्र के खिलाफ है। क्या मजदूरों को घर पहुंचाने को कहना क्या कोई अपराध है ?

टिप्पणियाँ