लॉक डाउन की अवधि में कर्मचारियों को पूर्ण वेतन देना व्यापारियों के लिए मुश्किल कैट ने वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल से इस विषय पर मध्यस्ता करने का आग्रह किया

एक तरफ ट्रेड यूनियन सरकार पर श्रमिकों और कर्मचारियों को पूर्ण वेतन देने के लिए दबाव बढ़ा रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ आज कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे गए एक पत्र में अप्रैल महीने के लिए अपने कर्मचारियों को पूरी मजदूरी देने के लिए व्यापारियों की असमर्थता का हवाला देते हुए इस मामले में श्री गोयल के हस्तक्षेप का अनुरोध किया है ! कैट ने कहा है की लॉक डाउन की अवधि का पूर्ण वेतन देने में व्यापारियों, लघु उद्योग एवं बड़े उद्योग की चूलें हिल जाएंगी ! 


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी सी भरतिया एवं  राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने श्री गोयल को भेजे पत्र में कहा की सरकार की सलाह का पालन करते हुए और मानवीय दृष्टिकोण लेते हुए देश भर के व्यापारियों ने बहुत अधिक वित्तीय बोझ होने के बावजूद अपने कर्मचारियों को मार्च महीने का पूरा वेतन दिया है !


श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने आगे कहा कि यह संतुष्टि का विषय है कि सरकार देश के सभी वर्गों के  लोगों को इस विषम  परिस्थिति से उबारने के लिए पूर्ण रूप से प्रयत्नशील है ! 25 मार्च से कैट द्वारा आयोजित प्रतिदिन हो रही वीडियो कॉन्फ्रेंस में देश भर के व्यापारी नेताओं ने कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में जब व्यापारियों के व्यापारिक प्रतिष्ठान 25 मार्च से बंद हैं और व्यापारियों के पास अपनी आय का कोई स्रोत नहीं है ऐसे में व्यापारी और किसी भी अधिक वित्तीय बोझ को सहन नहीं कर पाएंगे और इस दृष्टि से अप्रैल महीने का पूरा वेतन अपने कर्मचारियों को देना उनके लिए बेहद ही दुष्कर होगा !


श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने कहा कि देश भर के व्यापारियों को वर्तमान लॉक डाउन के चलते भारी वित्तीय संकट से गुजरना पड़ रहा है और कर्मचारियों को वेतन का पूरा भुगतान दे पाना संभव नहीं है ! यदि  व्यापारियों ने यह भुगतान किया तो व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह वित्तीय दुष्चक्र में फंस जाएगा और धन के प्रवाह के अभाव में ऐसा भुगतान देश के खुदरा व्यापार के लिए विनाशकारी होगा और जिसके कारण अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित होगी !


दोनों व्यापारी नेताओं ने श्री गोयल से आग्रह किया है कि वे जमीनी हकीकत की ओर देखें जहां व्यवसाय पूरी तरह से बंद हैं और ऐसे में व्यापारी कर्मचारियों को कहाँ से वेतन दे पाएंगे। कैट ने अभूतपूर्व मौजूदा स्थिति का  एहसास करते हुए श्री गोयल से कहा की सरकार को एक ऐसा तरीका अपनाना चाहिए जिसके तहत इस महत्वपूर्ण मुद्दे को सभी वर्गों को संतुष्ट करते हुए हल किया जाए।


कैट ने अभी दो दिन पूर्व ही केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन को भेजे एक पत्र में इस मुद्दे पर सुझाव दिया  था की बेहतर होगा यदि सरकार व्यापारियों को अपने कर्मचारियों के साथ वेतन के आपसी समझौते के अनुसार वेतन का भुगतान करने या व्यापारियों को 30% वेतन का भुगतान करने की अनुमति दे जो कर्मचारी की आजीविका के लिए पर्याप्त है अन्यथा वैकल्पिक रूप से सरकार कर्मचारियों के वेतन के भुगतान में  50% योगदान करे , व्यापारी 25% योगदान दें और बाकी 25% कर्मचारियों द्वारा वहन किया जाए ! वर्तमान परिदृश्य के तहत जब कोई व्यापार ही नहीं हो रहा है और व्यापारियों पर अनेक प्रकार के  कई वित्तीय दायित्व हैं तो न्याय की दृष्टि से इस गंभीर मुद्दे पर  सरकार का हस्तक्षेप आवश्यक है !


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