एक दूसरे से दूरी बनाए रखना और व्यावहारिक शिष्टाचार, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी ‘सामाजिक टीका’: डॉ. हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने आज लॉकडाउन 3.0 के आखिरी दिन कहा कि मजबूत नेतृत्व में आक्रामक और समय रहते किए गए उपायों के साथ हमारी नीतिगत दृढता ने उत्साहजनक परिणाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 14 दिन में मामलों के दोगुना होने की रफ्तार जहां 11.5 दिन थी, वहीं पिछले 3 दिन में यह दर घटकर 13.6 दिन हो गई है। उन्होंने बताया कि मृत्यु दर घटकर 3.1% हो गई और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने की दर बढ़कर 37.5% हो गई। डॉक्टर हर्षवर्धन ने यह भी बताया कि (कल के आंकडों के अनुसार) कोविड-19 के रोगियों की संख्या आईसीयू में 3.1%, वेंटीलेटर पर 0.45% और ऑक्सीजन पर 2.7 प्रतिशत है।


डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि पूरे देश में आज 17 मई 2020 को कोरोना के कुल 90,927 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 34,109 लोग ठीक हो गए हैं और 2872 लोगों की इस बीमारी की चपेट में आने से मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 4987 नए मामलों की पुष्टि हुई है।


डॉक्टर हर्षवर्धन ने जोर देते हुए कहा कि 373 सरकारी और 152 निजी प्रयोगशालाओं के जरिए देश में कोरोना जांच की क्षमता बढ़ कर प्रतिदिन एक लाख तक पहुंच गई है। अब तक कोविड-19 के लिए कुल 22,79,324 लोगों की जांच कराई जा चुकी है, जिसमें से 90,094 लोगों की जांच कल ही हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 8 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोई नया मामला दर्ज नहीं कराया गया है। इनमें अंडमान एवं निकोबार प्रायद्वीप, अरुणाचल प्रदेश, दादरा एवं नागर हवेली, चंडीगढ़, लद्दाख, मेघालय, मिजोरम और पुदुचेरी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दमन एवं दीउ , सिक्किम, नगालैंड और लक्षद्वीप में अब तक कोरोना का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।


डॉ हर्षवर्धन ने भारत में कोविड-19 की रोकथाम और उस पर नियंत्रण के लिए विकसित किए गए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर जानकारी देते हुए कहा कि देश में कोविड-19 से निपटने के के लिए अभी 1,80,473 बेड (आइसोलेशन बेड- 1,61,169 और आईसीयू बेड- 19304) वाले 916 समर्पित कोविड अस्पताल और 1,28,304 बेड (आइसोलेशन बेड- 1,17,775 एवं आईसीयू बेड- 10,529) वाले समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसके अलावा 9,536 क्वॉरेंटाइन केंद्र और 5,64,632 बेड वाले 6309 कोविड देखभाल केंद्र उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/केंद्रीय संस्थानों को 90.22 लाख एन95 मास्क और 53.98 लाख व्यक्त्तिगत सुरक्षा उपकरण (पी पी ई) उपलब्ध कराए हैं।


डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि जब भारत में हालात सामान्य हो जाएंगे तब भी साबुन से लगातार कम से कम 20 सेकंड तक हाथ की सफाई करना या अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर लगाना, सार्वजनिक जगह पर नहीं थूकना, अपने कार्यस्थल को सैनिटाइज करना, सार्वजनिक जगहों पर खुद के साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा के लिए हमेशा चेहरे को ढक कर रखने के लिए फेस कवर का इस्तेमाल करना, सामान्य सोशल स्वास्थ्य को सुनिश्चित रखना जैसे सामान्य स्वास्थ्य उपायों पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक दूसरे से दूरी बनाए रखना हमारे पास उपलब्ध सबसे ज्यादा लाभकारी सामाजिक टीका है और इसलिए दूसरों से बातचीत करते हुए ‘2 गज की दूरी’ बनाए रखने और वर्चुअल जमावड़े के विकल्प को तरजीह देकर सामाजिक जमावड़े से खुद को बचाने की सलाह दी जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि जब बहुत जरूरी हो तब ही घर से बाहर यात्रा पर निकलें और संक्रमण से बचने के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।


पूरी सावधानी से साफ-सफाई के साथ भोजन पकाने से कोविड-19 के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है। भारत के खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने साफ पेयजल में कच्चे फल एवं सब्जियों को धोने, मांस को पूरी तरह पकाने, कच्चा मांस एवं पका मांस को काटने के लिए अलग-अलग चाकू का इस्तेमाल करने, खाना खाने वाले बर्तन, पानी के बोतल या कप को किसी के साथ साझा करने से बचने, एंटीबैक्टीरियल ब्लीच पाइप से टेबल जैसी सतहों की सफाई करना जैसे कुछ सामान्य उपाय करने की सलाह दी है।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस महामारी की शुरुआत से ही हर रोज बिना किसी स्वार्थ के सेवा में लगे डॉक्टरों, नर्सों, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ रोग पहचानने वाले चिकित्सकों, प्रयोगशाला के तकनीशियनों एवं वैज्ञानिकों और अन्य कर्मचारियों जैसे अग्रिम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रति अपना आभार प्रकट किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वे देश के लोगों की जान बचाने के लिए अपने कर्तव्य का पालन करते हुए जोखिम भरी स्थिति में रात-दिन काम कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने कहा कि देश के लोगों को चाहिए कि वे इन अग्रिम स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं के योगदान का गुणगान करें। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 से जुड़े कलंक या अपमान भाव को नजरअंदाज कर हमें लोगों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे समय रहते कोरोना के लक्षण प्रकट होने की रिपोर्ट कराएं। इससे रोग की समय रहते पहचान करने और उपचार करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य लाभ की दर में भी सुधार होगा। उन्होंने निगरानी में लगे अधिकारियों के समर्पण और गंभीरता की भी प्रशंसा की और आम लोगों के साथ मिलकर कोरोना से जंग को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।


डॉ हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि यह लड़ाई देश के हर शख्स के पूर्ण सहयोग से ही जीती जा सकती है। इसलिए उन्होंने आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने पर जोर दिया जो स्वत: आकलन करने और कोविड-19 सक्रिय मामलों पर निगरानी रखने में मदद करेगा।


इसके अलावा, उन्होंने कोविड-19 को लेकर किसी भी तरह की गलत सूचनाओं, अफवाहों और बेसिर पैर के दावों का शिकार नहीं होने का सुझाव भी दिया। उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, आईसीएमआर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और प्रेस आसूचना कार्यालय की वेबसाइटों और ट्विटर हैंडलों पर मौजूद प्रमाणिक जानकारी लेने की सलाह दी।


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