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वाई.के. चौबे ने 1 अप्रैल, 2020 को भारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी और भारत सरकार की एक अनुसूची 'ए' उद्यम एनएचपीसी लिमिटेड में निदेशक (तकनीकी)के रूप में पदभार ग्रहण किया। निदेशक (तकनीकी), एनएचपीसी के रूप में उनकी नियुक्ति से पहले, वह एनएचपीसी में कार्यपालक निदेशक (संविदा)के पद पर कार्यरत थे। श्री चौबे आईआईटी, खड़गपुर से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। उन्होंने 1985 में 540 मेगावाट की चमेरा-I जलविद्युत परियोजना (अब चमेरा-I पावर स्टेशन), हिमाचल प्रदेश में परिवीक्षा कार्यपालक (सिविल)के रूप में एनएचपीसी में कार्यभार ग्रहण किया। श्री चौबे अपने करियर में निरंतर प्रगति करते रहे और अब उन्होंने निदेशक (तकनीकी)के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है।
श्री चौबे 34 वर्षों से अधिक अवधि के दौरान विभिन्न क्षमताओं में एनएचपीसी के विभिन्न विभागों (संविदा, डिजाइन एवं इंजीनियरिंग)और निर्माणधीन परियोजनाओं में कार्यरत रहे हैं। उनके पास अवधारणा से लेकर कमीशनिंग तक जलविद्युत परियोजना के विकास के सभी पहलुओं का अनुभव है और उन्होंने एनएचपीसी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कार्यपालक निदेशक (संविदा)के रूप में, श्री चौबे प्रमुख सविंदाओं (सिविल, हाइड्रो-मैकेनिकल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल, सोलर आदि)को अंतिम रूप देने और उनको अवार्ड करने के साथ-साथ कार्य अवार्ड से पूर्व और बाद के चरणों से संबंधित संविदात्मक मुद्दों का निपटारा करने के लिए उत्तरदायी रहे हैं। श्री चौबे का कैरियर डिजाइन एवं इंजीनियरिंग विभाग में 25 वर्षों से अधिक का रहा है, जिसमें उन्होंने विभिन्न क्षमताओं पर पीएफआर/एफआर/डीपीआर और हाइड्रो-इलेक्ट्रिक/रिवर वैली परियोजनाओं के निर्माण चरण डिजाइन के लिए योजना और लेआउट इंजीनियरिंग में कार्य किया है।
श्री चौबे ने एनएचपीसी की दो प्रतिष्ठित परियोजनाओं अर्थात 540 मेगावाट की चमेरा-I परियोजना हिमाचल प्रदेश (कनाडा के एसएनसी/एसीआरईएस के सहयोग से निर्मित) और 480 मेगावाट की उड़ी जलविद्युत परियोजना, जम्मू व कश्मीर (उड़ी सिविल-एक स्वीडिश कंसोर्टियम द्वारा टर्नकी आधार पर कार्यान्वित) के निर्माण में भी कार्य किया है । श्री चौबे ने 2014 में चीन के बीजिंग में तीसरी चीन-भारत सामरिक आर्थिक वार्ता के लिए योजना आयोग के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यदल के एक विशेषज्ञ सदस्य के रूप में भी योगदान दिया। पोलावरम प्रोजेक्ट अथॉरिटी के अनुरोध पर, वर्ष 2017 में पोलावरम बहुउद्देश्यीय परियोजना के कॉफर बांध की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए उन्होंने एनएचपीसी विशेषज्ञ टीम का नेतृत्व किया।
श्री चौबे को एनएचपीसी द्वारा ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी प्रोग्राम के तहत 1993 में स्टॉकहोम, स्वीडन भेजा गया था। उन्होंने आईकोल्ड-2004, सियोल, दक्षिण कोरिया और आईकोल्ड- 2016, जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में भी भाग लिया । श्री चौबे 25 जून, 2019 से बुंदेलखंड सौर उर्जा लिमिटेड के बोर्ड में नामित निदेशक भी हैं