गुर्दा रोग में होमियोपैथी अत्यंत कारगर-डॉ रूप कुमार बनर्जी(होम्योपैथिक चिकित्सक)


पिछले कुछ सालों में किडनी के रोगी बहुत तेजी से बड़ रहे हैं। कई बार सही जानकारी नहीं होने के कारण या देर से इलाज के कारण बहुत से रोगियों की मौत हो जाती है। मैंने एक छोटी सी कोशिश की है किडनी फेल होने के बारे में कुछ जानकारी देने कि ताकि समय पर रोगी को इलाज मिल सके और उसकी जिन्दगी को बचाया जा सके।


क्या होता है किडनी फेल होना- हमारे शरीर में दो गुर्दे यानी किडनी होती हैं। जिनका मुख्य काम रक्त को छान कर विषैले पदार्थों को मूत्र के द्वारा शरीर से बाहर करना हैं। इसके अलावा  किडनी के अन्य कार्य भी होते हैं जैसे ब्लड-प्रेशर को कंट्रोल करना, शरीर के इलेक्ट्रोलाइट को बैलेंस करना, रेड ब्लड सेल के प्रॉडक्शन को स्टिम्यलेट करना। जब किडनी विषैले पदार्थों को किसी कारण से बाहर निकालने में असमर्थ होती है तो उसे किडनी फेल होना कहते हैं।


किडनी फेल होने के प्रकार-


ये मुख्यत: 2 प्रकार होते हैं


1-ऐक्यूटरीनल फेलियर -जब अचानक से किडनी विषैले पदार्थों को निकालना बंद कर दे।
2-क्रोनिक रीनल फेलियर : जब किडनी बहुत लम्बे समय से अपना कार्य ना कर पा रही हो।


कारण : अचानक किडनी में रक्त की सप्लाई  कम हो जाना, उल्टी, दस्त, पसीना या किसी अन्य  कारण से शरीर में  पानी की कमी होना , किसी दवाई के साइड-इफ़ेक्ट के कारण , कम पानी पीने के कारण, जलने के कारण शरीर में पानी की कमी होने से, किसी बीमारी के कारण जैसे डायबीटीज, हृदयरोग, किडनी स्टोन आदि, ब्लैडर या युरेटर में कोई रुकावट आने के कारण (यूरिन वापस किडनी में जाता है जिससे किडनी डैमेज होती है) , हाइपर टेंशन , गलत खान-पान के कारण


लक्षण - अक्सर कुछ लोगो की आँखों के नीचे सूजन आ जाती हैं, जो कि किडनी के कार्य में रुकावट आने का संकेत होता हैं। इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। , आँखों के नीचे सूजन आना , हाथ-पैरों में और चेहरे पर सूजन आना , थकान लगना ,सांस लेने में तकलीफ होना , कमजोरी लगना , भूख कम लगना , वजन कम होना , रात में बार-बार पेशाब आना , पेशाब में खून आना, पेशाब की मात्रा कम या ज्यादा होना , रक्त की कमी होना, नींद ठीक से ना होना!


होम्योपैथिक चिकित्सा - होम्योपैथिक में किडनी रोग के लिए बहुत सारी औषधियां हैं, जो रोगी के शारीरिक और मानसिक लक्षण देख कर दी जाती हैं। ये तो सच है कि किडनी रोग एक गंभीर रोग है, जिसमें सही समय पर इलाज नहीं मिलने पर रोगी की मृत्यु तक हो सकती है। अत: स्वयं इलाज करने की चेष्टा न करें, किसी सुयोग्य चिकित्सक से अवश्य संपर्क करे l


टिप्पणियाँ