![चित्र](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjDbvF5HzAIe8Vcxfv93LeH27Cv68w13X70WXg3x29iNru3dF2LHl_jxt2C0FGRqZoG01NZ_a8FAc5uGmCWM_hGK5VoyWaOMQ5L0e0wgum4vrgeHcUI_t1J0QAIhQodeetCmTxMOGHbkZ45VeHS9IxWdBd_WzkdffDhyphenhyphennNId1wiuEAT6-d91NK1f1TP6c/s320/Yoga%20Day.jpeg)
![चित्र](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjDbvF5HzAIe8Vcxfv93LeH27Cv68w13X70WXg3x29iNru3dF2LHl_jxt2C0FGRqZoG01NZ_a8FAc5uGmCWM_hGK5VoyWaOMQ5L0e0wgum4vrgeHcUI_t1J0QAIhQodeetCmTxMOGHbkZ45VeHS9IxWdBd_WzkdffDhyphenhyphennNId1wiuEAT6-d91NK1f1TP6c/s320/Yoga%20Day.jpeg)
एनएचपीसी द्वारा निगम में हिंदी के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से 5 मार्च 2020 को एनएचपीसी कार्यालय परिसर, फरीदाबाद के जल तरंग ऑडिटोरियम में कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ श्री अभय कुमार सिंह, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी ने भारतीय परंपरा के अनुसार दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस अवसर पर श्री निखिल कुमार जैन, निदेशक (कार्मिक), श्री एम.के. मित्तल, निदेशक (वित्त) और श्री जनार्दन चौधरी, निदेशक (तकनीकी) भी उपस्थित थे ।
अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक श्री अभय कुमार सिंह ने इस अवसर पर अपने प्रथम सम्बोधन में निगम के सभी कार्मिकों से निगम के हित में निष्ठा और कर्मठता से कार्य करने का आह्वान किया । उन्होंने कंपनी की वर्ष 2022 तक संस्थापित क्षमता 10,000 मेगावाट तक तथा 2024 तक 13,000 मेगावाट पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए सभी कार्मिकों को एक जुट होकर इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य निष्पादन करने का आह्वान किया । साथ ही सौर ऊर्जा सहित नवीकरणीय ऊर्जा के अन्य स्रोत व पावर ट्रेडिंग आदि से भी अतिरिक्त 10,000 मेगावाट का लक्ष्य 2022 तक प्राप्त करने के लिए भी कार्मिको को उत्साहित किया । उन्होंने निगम को नई ऊचांइयों तक ले जाने का दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए कार्मिकों को नई सोच और नए जोश के साथ कड़ी मेहनत से काम करने के लिए प्रेरित किया । परियोजनाओं का निर्माण तय समय में गुणवत्ता युक्त और त्वरित गति से करने का संकल्प लेने का आग्रह किया । साथ ही, सकारात्मक सोच और पारस्परिक सहयोग से उत्कृष्ट कार्य करने की नई संस्कृति का निर्माण करने का पथ प्रदर्शित किया ।
अध्यक्षीय सम्बोधन के बाद, कवि सम्मेलन की शुरूआत करते हुए सर्वप्रथम कवयित्री श्रीमती ममता शर्मा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । उसके उपरांत हास्य-व्यंग्य के प्रसिद्ध कवि श्री गौरव शर्मा और श्री महेश गर्ग ‘बेधड़क’ तथा हास्य व व्यंग्य के कवि श्री अरूण जैमिनी, मानवीय संवेदना के गीत, श्रृंगार की कवियित्री श्रीमती ममता शर्मा और मानवीय संवेदनाओं के सुप्रसिद्ध गीतकार एवं कवि श्री दिनेश रघुवंशी ने अपनी-अपनी कविताओं से श्रोताओं को विभिन्न काव्य रसों से सराबोर कर दिया ।