"उद्भव" एवं "कवितायन" के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ उद्भव सांस्कृतिक सम्मान समारोह एवं चंद्र शेखर आश्री की कृति मोम का पुतला का लोकार्पण।


"उद्भव" साहित्यिक संस्था एवं सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं के बौद्धिक एवं सांस्कृतिक मंच "कवितायन" के तत्वावधान में आज "उद्भव सांस्कृतिक सम्मान समारोह" एवं कवि चंद्र शेखर आश्री के कविता संग्रह "मोम का पुतला" का लोकार्पण समारोह एहल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल, मयूर विहार फ़ेज़-1 में संपन्न हुआ। 

 

समारोह में मुख्यअतिथि थीं कनाडा मूल की सुप्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना  मारी इलांगोवन और अध्यक्ष थे सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं निदेशक एहल्कॉन स्कूल्स डॉ.अशोक पांडेय। 


 

विशिष्ट अतिथियों में सुप्रसिद्ध पत्रकार और आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक के.जी. सुरेश, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता वी. शेखर और वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद् डॉ. अरुण प्रकाश  ढौंडियाल।

 

संस्था के अध्यक्ष कवि -डॉ. विवेक गौतम के संयोजन और संचालन में संपन्न हुए इस महत्वपूर्ण आयोजन में देश और विदेश से आए हुए विशिष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान "उद्भव सांस्कृतिक सम्मान" द्वारा किया गया।

 

इस वर्ष का "उद्भव शिखर सम्मान" दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो. डॉ.पूरन चंद टंडन को प्रदान किया गया।


 

उद्भव मानव सेवा सम्मान से अलंकृत होने वाले व्यक्तित्व थे नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के निदेशक विजय कुमार गौतम, भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी कुमार अविकल मनु, मॉरीशस में रहीं पूर्व द्वितीय सचिव (हिंदी एवं संस्कृति) नूतन पांडेय, दैनिक जागरण के पूर्वी दिल्ली के मुख्य संवाददाता सुधीर कुमार, "शब्द" संस्था के निदेशक एवं परामर्शदाता अमित कुमार, लेखक एवं निर्देशक प्रसारण मारवाह स्टूडियोज़ सुशील भारती, शिक्षाविद् और उपप्रधानाचार्य डॉ. अजय कुमार, शिक्षाविद् एवं उपप्रधानाचार्य डॉ. एल.के. दुबे, नेपाल से पधारीं "द पब्लिक" पत्रिका की संपादक वीणा सिन्हा, "आलोकपर्व" पत्रिका के संपादक और "आलोकपर्व"पत्रिका के संपादक राम गोपाल शर्मा, नेपालसरकार के शहरी विकास मंत्रालय के सलाहकार इंजीनियर मनोज कुमार वर्मा, नोएडा की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजू मलिक और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय।

 

इस अवसर पर अपने वक्तव्य में मुख्य अतिथि मारी इलांगोवन ने कहा की साहित्य लेखन और अन्य कलाओं के साथ-साथ नृत्य और शास्त्रीय नृत्य भी अभिन्न रूप से आपस में अंतर-संबंधित हैं। हमें अपने अंतर्मन की आवाज़ को सुनकर यह निश्चय करना चाहिए कि हम कला की किस विधा के लिए जन्मे हैं या बने हैं।


 

समारोह अध्यक्ष डॉ. अशोक पांडेय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उद्भव" और "कवितायन" समाज में श्रेष्ठ कार्य करने वालों का अभिनंदन करती आ रही हैं। उन्होंने कहा इस तरह के सम्मान, अलंकृत होने वाले व्यक्ति के ऊपर और ज़्यादा कर्त्तव्य बोध और ज़िम्मेदारियों का एहसास जगाते हैं। इतनी सुंदर सभा के आयोजन और उसकी अध्यक्षता करने का दायित्व निभाने के सुअवसर पर उन्होंने दोनों संस्थाओं का हार्दिक आभार व्यक्त किया।

 

विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार और विचारक के.जी. सुरेश ने कहा यह सम्मान समारोह एक तरह से धन्यवाद ज्ञापन की तरह ही है। जिस तरीके से अच्छा काम करने के उपरांत हम किसी को धन्यवाद देते हैं, उसी तरह से समाज में श्रेष्ठ आचरण और कार्य करने वालों को सम्मानित करके संस्था धन्यवाद ज्ञापित कर रही है इसलिए बधाई की पात्र है।

 


 अपने वक्तव्य में विशिष्ट अतिथि वी.शेखर ने "कवितायन" और "उद्भव" के सफ़र को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि दोनों संस्थाएँ किस प्रकार अधिवक्ताओं, साहित्यकारों और समाज के विभिन्न क्षेत्र के बेहतरीन लोगों को एक मंच पर लाकर समाज में चेतना फैलाने का काम कर रही हैं।

 

 रुड़की से पधारे साहित्यकार डॉ. अरुण प्रकाश ढौंडियाल ने कहा कि "उद्भव" के संरक्षक के रूप में इस संस्था से जुड़े हुए लंबा समय बीता है। नए लेखकों, कवियों और रचनाकारों को आगे बढ़ाने में जो भूमिका यह संस्था निभा रही है, वह निश्चित रूप से एक बड़ा काम है और सराहनीय भी।

 

इस अवसर पर कवि चंद्र शेखर आश्री ने अपने नवीनतम संग्रह "मोम का पुतला" में से कुछ कविताओं का वाचन उपस्थित श्रोताओं के समक्ष किया। जिन्हें भूरी-भूरी प्रशंसा के साथ-साथ तालियों का समर्थन भी मिला। यह चंद्र शेखर आश्री की चौथी कृति है। सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता श्री आश्री समाजसेवा से भी जुड़े हुए हैं।

 

समारोह में आए हुए सभी अतिथियों का आभार सजग प्रकाशन के अध्यक्ष शिव सचदेवा ने किया।

 

समारोह में जिन गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही उनमें  हिंदी-सेवी कवि आशीष कंधवे, दिल्ली अध्यापक परिषद् के पूर्वी जिला अध्यक्ष नंद किशोर शर्मा, राजेन्द्र गोयल, प्रवीण धींगरा, मदन पाल, डॉ. अशोक कुमार गौड़, अर्चना दुबे, दिनेश उप्रेती, ललिता बावा निशा सिंह, नरेश शर्मा, मोनिका,अरविंद द्विवेदी, राजेंद्र सिंह चौहान, एस.के. शर्मा, ए.पी.डिमरी, सुभाष जखमोला, राजीव सिन्हा अनिल गुप्ता, सीमा गुप्ता, अनंत प्रचेता, गगन भारद्वाज, अमोल प्रचेता सुविधा शर्मा, दिनेश अविनाशी, दीपक पांडेय, संजय तिवारी, श्रद्धा पांडेय, एन.के. झंवर, शंभू झा, गौरव शर्मा, पुष्पा सिन्हा, शर्मा लाल चौरसिया,अमित कौशिक, सुनील गौतम, नरेंद्र प्रताप गौतम, आदि प्रमुख थे।

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