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दिव्यांगजनों को सहायता एवं सहायक उपकरण प्रदान करने के लिए एनएचपीसी, भारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी और एलिम्प्को के बीच श्री निखिल कुमार जैन, निदेशक (कार्मिक) एनएचपीसी और श्री डी.आर. सरीन, सीएमडी, एलिम्प्को की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया । देश भर के 07 (सात) स्थानों यानी बांदीपोरा (जम्मू व कश्मीर), पश्चिम सियांग और कांबले (अरुणाचल प्रदेश), लखीमपुर और धीमाजी (असम), पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) और चुराचंदपुर (मणिपुर) में लगभग 2000 दिव्यांगजनों को सहायता एवं सहायक उपकरण प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर बोलते हुए श्री एन.के. जैन, निदेशक (कार्मिक) एनएचपीसी ने कहा, "मुख्यधारा के समाज के साथ जुड़ने और जीवन में नए अवसरों को तलाशनें के लिए दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एनएचपीसी और एलिम्प्को के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।"
इससे पहले भी एनएचपीसी ने बारामूला, जम्मू व कश्मीर में 6 फरवरी 2019 को एक शिविर का आयोजन किया था, जिसमें 200 से अधिक विकलांग व्यक्तियों को सहायता और सहायक उपकरण प्रदान किए गए थे।
पिछले 2 वर्षों के दौरान अपने सीएसआर आउटरीच में एनएचपीसी ने जम्मू व कश्मीर के बारामूला, बांदीपुरा, कठुआ, रियासी, जम्मू, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मंडी, चंबा, उत्तराखंड के टनकपुर, पिथौरागढ़, टिहरी गढ़वाल, सिक्किम के सिंगताम, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी एवं दार्जिलिंग, असम के लखीमपुर एवं सोनितपुर, अरुणाचल प्रदेश के जीरो जैसे देश के विभिन्न स्थानों में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए दिव्यांगजनों (पीडब्ल्युडी) सहित 7000 बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण भी प्रदान किया है।
चालू वर्ष के दौरान, एनएचपीसी का विशेष ध्यान जम्मू-कश्मीर पर है और 30 करोड़ रुपये विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने एवं बागवानी नर्सरी का आधुनिकीकरण इत्यादि जैसे सीएसआर गतिविधियों के लिए आवंटित किया गया है। एक विशेष घ्यान लगभग 2000 बेरोजगार युवाओं और 500 दिव्यांगजनों (पीडब्ल्युडी) को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया गया है।
एनएचपीसी ने 3 (तीन) आकांक्षात्मक जम्मू व कश्मीर में जिला बारामूला, हिमाचल प्रदेश में जिला चंबा और पश्चिम सिक्किम, सिक्किम में भी सीएसआर गतिविधियाँ कर रहा है। विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने, 30 सरकारी प्राथमिक विद्यालय और 22 सरकारी मध्य विद्यालय का निर्माण, बागवानी नर्सरी का आधुनिकीकरण, आईटीआई के उन्नयन के लिए टूल्स और उपकरण प्रदान करने आदि के लिए 42.42 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।