न्यू ईयर, इलेक्शन ईयर

दिल्ली के लिये 2020 के न्यू ईयर के पहले लगभग दो महीने जबर्दस्त राजनीतिक सरगरमी के  के रहने वाले हैं। दिल्ली विधानसभा के आगामी चुनाव की आहट के मद्देनजर दिल्ली की नयी पार्टी ने काफी दिन से राजधानी की दो पार्टियों के वर्करों और नेताओं के दल बदल करवाने और उनके दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने की खबरें छपवा कर अपनी हवा बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। इतना ही नहीं हर रोज फुल पेज विज्ञापनों की बहार से भी उसकी दिल्ली की जनता तक पहुंच बनाने की कोशिश जारी है। इसके अलावा नयी पार्टी की सरकार न केवल वकीलों को फायदा देकर मुफ्तखोरी का दायरा बढ़ा रही है अपितु नई बसें, नयी सुविधायें भी थोक में दे रही है। लगभग हर रोज नई घोषणा से मतदाता कितने प्रभावित होंगे , यह तो समय ही बतायेगा। उधर देश की सबसे पुरानी पार्टी दिल्ली में अपने अध्यक्ष के नेतृत्व में सप्ताह में तीन चार दिन दिल्ली की नयी पार्टी या फिर भगवा पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन के लिये सड़कों पर उतर रही है। इतना करने के बावजूद अभी इस पार्टी को यह महसूस नहीं हो रहा कि वह आगे बढ़ रही है। इसलिये उसने ऐलान किया है कि वह सत्ता में आने पर दिवंगत नेत्री और 15 वर्ष तक सी एम रही हस्ती के नाम पर पेंशन योजना शुरू करेगी और दिल्ली में 600 यूनिट बिजली मुफ्त देगी। वह ऐसा तभी कर पायेगी जब बहुमत आयेगा और उसकी सरकार बनेगी। इसके अलावा पार्टी में पहले की तरह गुटबंदी जारी है।  भगवा पार्टी दिल्ली सरकार से 21 वर्ष के बनवास के बाद इस बार विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिये पूरा दम लगा रही है। इसके लिये देश की सबसे बड़ी सरकार दिल्ली के हित में एक के बाद एक अहम फैसला ले रही है। भले ही भगवा पार्टी का विरोध करने वाले दल 1731 कच्ची कॉलोनियो में मालिकाना हक देने, रजिस्टरी करने और नियमित करने के फैसले को कमतर मानें मगर दिल्ली के गरीब और मध्यम वर्ग को इससे दीर्घकालीन फायदा होने वाला है। जहां झुग्गी वहां मकान , लैंड पूलिंग और मास्टर प्लान में किये गये संशोंधनों से लोग खुश होंगे। इसके अलावा दिल्ली की अधिकांश जनता नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर खुशी जाहिर कर रही है। दिल्ली नगर निगमों के निर्णयों से भी भगवा दल को मदद मिलने की आशा है। भगवा दल ने दिल्ली की मौजूदा सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया है तो नयी पार्टी की सरकार ने धूमधाम से अपना रिपोर्ट कार्ड जारी किया है । अभी तीनों दल अपना अपना घोषणा पत्र  जारी करेंगे और प्रचार भी करेंगे। इससे मतदाता अपनी राय बना सकेंगे।


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