क्या करें ! काफी पीएं या नहीं?- डॉ रुप कुमार बनर्जी


कॉफी जितना विवादास्पद पेय कोई और नहीं है। जहां इसे नुकसानदेह बताते हैं वहीं दूसरी इसकी तारीफ करते नहीं थकते और दलील देते हैं कि कॉफी अल्जाइमर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाती है l चाहे एस्प्रेसो हो, कैपुचिनो या फिर लाटे माकियाटो, सुबह सुबह की पहली कॉफी का आनंद उसे पसंद करने वाले ही जान सकते है l कुछ लोग तो कॉफी के इतने दीवाने होते हैं कि एक कप पिए बगैर बिस्तर से ही बाहर नहीं निकलते।कैफीन के कारण तंत्रिका तंत्र में हलचल होती है और दिल की धड़कन बढ़ती है। इससे दिमाग में खून की मात्रा बढ़ती है और इस तरह ज्यादा ऑक्सीजन भी मिलती है जिससे लोग फिट और स्वस्थ महसूस करने लगते हैं और अच्छे मूड से सोच सकते हैं।बताया जाता है कि कॉफी से माइग्रेन जैसा सिरदर्द भी खत्म हो सकता है । इस दर्द का कारण मस्तिष्क में अच्छे से खून नहीं पहुंच सकना,माइग्रेन की स्थिति में शिराएं चौड़ी हो जाती हैं, ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और दिमाग को खून नहीं मिलता।कैफीन के कारण दिमाग की शिराएं संकरी हो जाती हैं और खून तेजी से दौड़ता है लेकिन सिर्फ हल्के सिरदर्द के लिए ही कैफीन वाला एक ही कप काम करता है वही एक बड़ा नुकसान भी है कि अगर कॉफी की आदत लग जाए तो एक कप नहीं पीने पर सिरदर्द हो भी सकता है। अगर रोज मिलने वाला कैफीन अचानक एक दिन गायब हो जाए तो शिराएं फिर फैल जाती हैं और भयानक सिरदर्द शुरू हो सकता है।


क्यों बचें कॉफी से


सामान्य तौर पर कॉफी का पेड़ कैफीन बनाता है ताकि वह अपनी फलियों को कीड़ों से बचा सके। यानी कैफीन कीड़ों के लिए जहर का काम करता है  लेकिन कॉफी के दीवाने तो इससे अच्छा महसूस करते हैं। इसलिए कई रिसर्चर और चिकित्सक कहते हैं कि कॉफी स्वास्थ्य के लिए बिलकुल अच्छी नहीं है चूंकि कैफीन के कारण एड्रीनल ग्लैंड एड्रीनलीन बनाने लगते हैं तो रोज कॉफी पीने वालों का शरीर हमेशा तनाव में ही रहता है शरीर की मांसपेशियां हमेशा तनाव में रहती हैं और खून में ग्लूकोज बढ़ जाता है ताकि ऊर्जा पैदा होती रहे। धड़कन और सांसे तेज होने लगती है,अगर लगातार तनाव वाले हारमोन ज्यादा पैदा होते रहें तो कभी न कभी यह दिल को थका सकता है। ज़्यादा कॉफी का सेवन कुल मिला कर तनाव ही पैदा करती है। कॉफी आनुवांशिक परेशानियों वाले लोगों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है।

डायबीटिज और अल्जाइमर


कहा गया है इससे टाइप 2 डायबीटिज की आशंका कम होती है,पार्किन्संस या अल्जाइमर की भी।इसमें सिर्फ कैफीन ही नहीं बल्कि एंटी ऑक्सीडेंट और कुछ रासायनिक तत्व भी काम करते हैं, जो कॉफी में अहम भूमिका निभाते हैं। पराबैंगनी किरणों और जहरीली गैसों के कारण शरीर में पहुंचने वाले हानिकारक तत्व पैदा होते हैं जो कोशिकाओं को नष्ट करते हैं, कॉफी इन हानिकारक तत्वों को ही खत्म कर देती है।कुल मिलाकर काफी पीएं मगर एक सीमा में।


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