एनएचपीसी, भारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी ने 27.11.2019 को आईआईटी (आईएसएम), धनबाद के साथ अनुसंधान व विकास कार्यों के लिए श्री जनार्दन चौधरी, निदेशक (तकनीकी), एनएचपीसी एवं प्रो. राजीव शेखर, निदेशक, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की गरिमामयी उपस्थिति में करार ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए। एनएचपीसी की ओर से श्री गोबिंद वैद्य, कार्यपालक निदेशक (आरएंडडी), एनएचपीसी और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की ओर से प्रोफेसर शालिवाहन, डीन (आरएंडडी), आईआईटी (आईएसएम) धनबाद ने इस करार ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, एनएचपीसी को अपनी विशेषज्ञता के अंतर्गत अनुसंधान और विकास तथा परामर्श सेवाएं प्रदान करेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री जनार्दन चौधरी, निदेशक (तकनीकी), एनएचपीसी ने आपसी विकास के अंतर्गत अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए उद्योग-अकादमिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी एनएचपीसी, बेस और पीक पॉवर आपूर्ति, दोनों के माध्यम से ग्रिड के संतुलन हेतु आवश्यकता उपलब्ध करवा रही है। सिस्टम में अक्षय ऊर्जा के प्रस्तावित बड़े पैमाने पर एकीकरण के पश्चात, जलविद्युत की आवश्यकता और बढ़ जाएगी क्योंकि यह ग्रिड को स्थिरता प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा कि एनएचपीसी अपने संयंत्रों के टरबाइन भागों में क्षरणता की समस्या का भी सामना कर रही है और गाद से संबन्धित समस्याओं से निपटने के लिए सहयोगात्मक अनुसंधान एनएचपीसी के लिए उपयोगी हो सकता है।
इस अवसर पर श्री राजीव शेखर, निदेशक आईआईटी (आईएसएम) धनबाद ने आईआईटी-आईएसएम द्वारा खनन के क्षेत्र में अपनाई गई तकनीक और नीतिगत दृष्टि को विस्तृत किया और सुझाव दिया कि इसी तरह का दृष्टिकोण जलविद्युत क्षेत्र में भी अपनाया जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने पावर फ्लो एनालिसिस के लिए टीम की स्थापना में रुचि दिखाई।

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