बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पुणे शहर अंचल द्वारा “मेगा महाबैंक अदालत” का आयोजन


बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा 13 दिसंबर, 2019 को पुणे शहर अंचल से 'मेगा महाबैंक अदालत' का आरंभ किया गया। यह दिनांक 19 से 21 दिसंबर, 2019 तक पूर्व-निर्धारित दिनांकों पर देश भर में बैंक की सभी शाखाओं में, क्लस्टर अप्रोच आधार पर आयोजित किया जाएगा। पुणे शहर अंचल द्वारा आयोजित आज के 'मेगा महाबैंक अदालत' में लगभग 80 एनपीए उधारकर्ताओं ने भाग लिया। श्री ए. सी. राउत, कार्यपालक निदेशक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने “मेगा महाबैंक अदालत” का उद्घाटन किया। श्री पी. आर. खटावकर, महाप्रबंधक व अंचल प्रबंधक तथा श्रीमती अपर्णा जोगलेकर, मुख्य विधि अधिकारी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थीं।


बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यपालक निदेशक श्री ए. सी. राउत ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि कोई भी  खाता एनपीए बनने में विभिन्न अपरिहार्य परिस्थितियां जिम्मेदार होती हैं, सभी उधारकर्ता इरादतन चूककर्ता नहीं हैं और वे बैंक का ऋण चुकाने के लिए इच्छुक हैं। अतः श्री ए. सी. राउत ने सहभागियों से बैंक की एकबारगी निपटान योजना (ओटीएस) का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि 'ऑन द स्पॉट निर्णय' यह इस ओटीएस योजना की अनूठी विशेषता है, जो खास तौर से एनपीए उधारकर्ताओं के लिए तैयार की गई है।


श्री राउत ने बताया कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र वास्तव में 'एक परिवार एक बैंक' है और यहां तक कि एनपीए उधारकर्ता भी हमारे महाबैंक परिवार का हिस्सा हैं। बैंक के पास कानूनी प्रक्रिया सहित वसूली के लिए कई मार्ग हैं। तथापि, बैंक एनपीए उधारकर्ताओं को दीर्घ कानूनी प्रक्रिया में शामिल नहीं करना चाहता, अत: बैंक ने ऐसी अनूठी ओटीएस योजना लाई है।'


लगभग सभी उधारकर्ता बैंक की इस पहल के प्रति सकारात्मक थे और उन्होने ओटीएस योजना के जरिए निपटान हेतु अपनी इच्छा प्रदर्शित की। इनमें से कुछ उधारकर्ताओं ने स्पॉट पर ही निपटान के अवसर का लाभ उठाया।  


 


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