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खुद से दोस्ती करना शायद बहुतों के लिए नया हो। लेकिन यह सिर्फ एक वाक्य नहीं है, बल्कि स्वयं में एक परिभाषा है जो आपका रिश्ता खुद के साथ जोड़ती है। आमतौर पर हम सभी अपनी खुशियां दूसरों में ढूंढते हैं। हर एक की यह इच्छा होती है कि उसकी लाइफ में भी एक पार्टनर हो, जिसके साथ वह अपनी खुशियां शेयर कर सके। लेकिन हर किसी की लाइफ में ऐसा व्यक्ति नहीं होता या फिर वह व्यक्ति ताउम्र साथ देगा, इसके बारे में भी कुछ नहीं कहा जा सकता, तो क्यों ना आप अपनी खुशियां दूसरों में ढूंढने की बजाय खुद में ही ढूंढे। बस आप अपना साथी बन जाएं और उन खुशियों को दूंढ़ निकालें। अब एक सवाल मन में उठता है कि अकेला रहना और खुद का दोस्त बनने में क्या अंतर है। दोनों एक ही तो हैं। नहीं। इनमें अंतर है। सिंगल या अकेला शब्द नकारात्मक है, जो आपको अकेले होने का अहसास कराता है। जिससे आपका मन दुखी होता है। वहीं दूसरी ओर खुद का दोस्त यानि सेल्फ पार्टनर का मतलब है कि आप अकेले नहीं है। आप उन सभी खुशियों को खुद के साथ महसूस कर रही/ रहे हैं, जो आप किसी दूसरे के साथ महसूस करते । इस तरह खुद का साथी यानि सेल्फ पार्टनर बनकर आप अपने शर्तों पर अपने रिश्ते को इंजाय कर रहे हैं। इस तरह अकेलेपन को आसानी से दूर कर सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि आप खुद की पार्टनर यानि साथी कैसे बनें और खुद के साथ रिश्ते को किस तरह इंजाॅय करें।
खुद का करें उत्साहवर्धन- इसमें खुद का उत्साहवर्धन करना बहुत आवश्यक है l जब आप किसी के साथ एक रिश्ते में होती/ होते है तो यही उम्मीद रहती हैं कि वह आपको ढेर सारा प्यार करे और उत्साहित करे। अब यही चीज आप खुद के लिए करें। जैसे आप विशेष दिनों पर खुद के लिए गिफ्ट खरीदें या फिर मूवी सिनेमा के लिए जाएं। आप चाहें तो जिम,पार्लर या स्पा सेशन भी जा सकते हैं। इस तरह खुद का अतिरिक्त ख्याल रखकर आप स्वयं से प्यार करना सीख सकते हैं। कोशिश करें कि आप खुद का इतना ख्याल करें, जितनी आप एक रिश्ते में होकर अपने शायद अपने पार्टनर की करते।
दोस्तों से करें पुन: दोस्ती- परिवार व दोस्त वह छिपे हुए खजाने हैं, जो हमें हमेशा आनंद ही देते हैं। तो अब समय है कि आप उनके साथ पुन: नव संबंध स्थापित करें। अपने पुराने दोस्तों को फोन करें और उनके साथ मस्ती करें। आप अपने करीबी रिश्तेदारों से भी मिलने जा सकते हैं।
तमाम या कोई एक शौक पालें- अमूमन लोग अपने व्यस्त जीवन का बहाना बनाकर अपनी खुशियों से दूर होते चले जाते हैं। लेकिन अगर आप सच में खुद की दोस्त बनना चाहते हैं तो बहाने बनाना बंद करें। खुद के लिए वक्त निकालना सीखें और अपनी हॉबी को थोड़ा समय दें।
समान सोच वालों से दोस्ती वाला गैंग बनाए- आपकी तरह बहुत सारे होंगे जो अपना साथी बनने की कोशिश कर रहे हैं l उनको खोज कर एक गैंग बनाएं और बिंदास मस्ती करें।
अपने जीवन के लक्ष्यों का निर्धारण करे- कभी भी निराशावादिता का शिकार न बने। सकारात्मक सोच रखते हुये अपने जीवन के लक्ष्यों का, दिनचर्या के लक्ष्यों का निर्धारण करे ताकि आपकी अपनी व्यवस्था अकेले होने के कारण चरमराये नहीं। यानि कुल मिलाकर वो सबकुछ करें जो और जीवन का आनंद लें जिससे आपको संतुष्टि मिले ना कि अकेलापन !
डा. रुप कुमार बनर्जी।