मिथिला विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार ?

दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों से जुड़े  लोगों ने धरना-प्रदर्शन कर कुलपति के विरुद्ध बिगूल फूंक दिया है।




धरना प्रदर्शन का आयोजन विश्वविद्यालय बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में किया गया था । इस धरना प्रदर्शन में सभी राजनीतिक दलों के अलावा विभिन्न संगठनों के लोगों ने हिस्सा लिया । वे विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार , लालफीताशाही , अराजकता एवं लूट खसोट के खिलाफ काफी आक्रोशित थे । इस संबंध में मिथिलांचल के जाने माने समाचार सेवी अरविन्द पाठक ने कहा कि भष्टाचार में डूबे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एस. पी. सिंह को तत्काल    बर्खास्त कर उन्हें शीघ्र  गिरफ्तार किया जाना चाहिए ।


श्री पाठक ने कहा कि इस आंदोलन की रूप रेखा नाई सीरे से गत 19 सितम्बर 2019 को दरभंगा के  महाराजा महेश ठाकुर महाविद्यालय में मधुबनी, दरभंगा एवं समस्तीपुर के सभी राजनीतिक दलों एवं प्रबुद्ध  जनों की बैठक में तय की गयी।


उन्होंने कहा कि इस बैठक में आंदोलन को तेज करने के लिए " विश्वविद्यालय बचाओ संघर्ष मोर्चा " का भी  गठन किया गया है और धरना प्रदर्शन भी किया गया।


श्री पाठक ने कहा कि कुलपति के खिलाफ मामला अनुकंपा पाल्यों  के लंबे धरना -प्रदर्शन से सामने आया था और इसकी चर्चा देशभर में हुई थी ।


उन्होंने कहा कि उस समय मैंने महामहिम राष्ट्रपति एवं राज्यपाल से संपूर्ण मामले की सी.बी.आई. जाँच की भी मांग की थी ।इसका समर्थन तत्कालीन स्थानीय सांसद श्री आजाद ने भी किया था ।दरभंगा से दिल्ली तक आंदोलन जोर पकड़ लिया था ।इससे कुलपति के खिलाफ मामला सतह पर आ गया ।


श्री पाठक ने कहा कि हम शुरू से कह रहे हैं ,कि वाहर से आयातित कुलपति बिहार को लूट रहे हैं ।इनके पीछे दलालों का एक बड़ा गैंग काम करता है ।


उन्होंने कहा कि स्थानीय दलालों की मिलीभगत से विश्वविद्यालय की तमाम योजनाओं , यू जी सी, प्रायोजित योजनाओं . सहित दुरस्त शिक्षा इग्नू में भारी लूट है ।चोर दरवाजे से नॉकरियां भी देने की कोशिश की गई थी।पैसा नहीं मिला तो अनुकंपा पाल्यों की नियुक्ति को टाल दिया गया ।


उन्होंने कहा कि गत दिनों महाराजा कालेज में हुई बैठक में सामने आया क़ि लूट खसोट मचाकर कुलपति ने अपने पदस्थापना पूंजी 6 करोड़ लागत मूल्य से 20 गुणा अधिक 120 करोड़ की राशि का हेराफेरी कर लिया  है। प्रमुख कालेजो के प्रधानों से  5 लाख जबरदस्ती उसूला जा रहा है।यह क्या है ?इनकी जाँच होनी चाहिए ।


श्री पाठक ने कहा कि छात्र पढ़ाई न होने एवं शिक्षक ,कर्मचारी अपने वेतन के लिए महीनों से छटपटा रहे है ।अवकाश प्राप्त शिक्षक एवं कर्मियों को भी गुजर बसर करने में कठिनाई हो रही है,लेकिन ये बनारसी बाबू दूसरी दुनियां में व्यस्त हैं । विश्वविद्यालय को कबाड़ी की दुकान बना दिया गया है। सीनेट- सिंडीकेट में नियुक्तियां लंवित है ।


उन्होंने कहा कि गत 24 सितम्बर को  दरभंगा में चौरंगी पर  विश्वविद्यालय बचाओ संघर्ष मोर्चा  के आंदोलन को उनका पूरा समर्थन था।


- तरुण/ अभय/ नीरज।


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