देश व इंसानियत तभी बढ़ेगी जब इंसान स्वस्थ तथा शिक्षित होगा -अरविंद केजरीवाल

  • मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्वी दिल्ली में स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल में विभिन्न सुविधाओं का किया उद्घाटन

  • अब आम जनता को निजी अस्पताल जैसी सुविधाएं भी राजीव गांधी सुपर स्पेशियालिटी  अस्पताल में मिल सकेंगी



इंसान सबसे जरूरी है। इंसान का विकास होगा तभी देश व इंसानियत बढ़ेगी। इंसान तभी बढ़ेगा जब वह स्वस्थ्य व शिक्षित होगा। यह बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजीव गांधी सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल में विभिन्न सुविधाओं के उद्घाटन के दौरान कहीं। पूर्वी दिल्ली के नंदनगरी में स्थित इस अस्पताल में बृहस्पतिवार को 5 सुविधाओं को शुरू किया गया। जिससे अब आम जनता को निजी अस्पताल जैसे सुविधाएं इस अस्पताल में भी मिल सकेंगी।  इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन व राजेंद्र पाल गौतम भी मौजूद थें।  



2016 में शुरू हुई आइपीडी


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस दौरान कहा कि मुझे दिल से खुशी है कि आज इस अस्पताल में कई सुविधाएं शुरू हो रही है। पूर्वी दिल्ली व सभी दिल्ली के लोगों को इसके लिए बधाई। उन्होंने कहा कि सड़क के उस पार वर्ष 2000 से 2010 तक मैं सुंदर नगरी आता था। मेरे एनजीओ का दफ्तर था। मैं रोज गुजरता था तो यह अस्पताल बन रहा था। मैं रोज सोचता था यह अस्पताल कब चालू होगा। इस अस्पताल में 2008 में एक ओपीडी व 2013 में दूसरी ओपीडी चालू हुई। वर्ष 2016 में हमारी सरकार आने के बाद आईपीडी शुरू किया गया।


पहले कोई सोच भी नहीं सकता था कि सरकारी अस्पताल में निजी अस्पताल जैसी सुविधाएं मिलेंगी


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, जब मैं एनजीओ में था तो लोगों को अस्पताल ले जाते थे। GTB ही एक अस्पताल था। डाक्टर को वहां शांति बनाए रखे देखना बड़ी बात होती है। अस्पताल में भारी भीड़ के बाद भी डाक्टर का शांति बनाए रखना अजूबा ही है। दिल्ली में अब अस्पतालों का विकास हो रहा है। मोहल्ला क्लीनिक का विकास हो रहा है। नए अस्पताल खुल रहे हैं। अस्पतालों में सुविधाओं का विकास हो रहा है। अब राजीव गांधी अस्पताल में कई सुविधाओं का विकास हो रहा है। आज किसी निजी अस्पताल से बेहतर सुविधा इस अस्पताल में है। पहले यह कोई सोच भी नहीं सकता था कि गरीबों को सरकारी अस्पताल में इतनी अच्छी और आराम से सुविधा मिल सकती हैं। दिल्ली के सरकारी अस्पताल में डाक्टर भी बहुत अच्छे हैं। कई डाक्टर ऐसे हैं, जिन्हें निजी अस्पताल में बेहतर पैसा मिल सकता है लेकिन वह सेवा भाव से सरकारी अस्पताल में सेवा कर रहे हैं।



निजी अस्पतालों ने 3-4 दिन जिंदगी बताई, सरकारी अस्पताल ने 1 सप्ताह में किया स्वस्थ


सीएम ने कहा मेरा एक निजी अनुभव भी है। मेरे एक जानकारी के रिश्तेदार का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके पास पैसे की भी कमी नहीं है। निजी अस्पताल में डाक्टरों ने जवाब दे दिया। उन्होंने मुझसे संपर्क किया। हमने जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया। निजी अस्पताल में उनका डेढ - दो लाख का प्रतिदिन का खर्च आ रहा था। निजी अस्पताल ने जवाब दे दिया था कि तीन-चार दिन के मेहमान हैं। सरकारी अस्पताल के डाक्टरों ने एक सप्ताह में मरीज को ठीक कर घर भेज दिया। 



सीएम ने बताया कि रोहिणी में एक सरकारी स्कूल दिल्ली सरकार ने बनाया। नौ सौ बच्चे के स्कूल में साढ़े सात सौ बच्चे निजी स्कूल से नाम कटाकर आए। यह गर्व की बात है लेकिन यह चुनौती भी है। यही स्थिति सरकारी अस्पतालों में भी है। पांच साल पहले सरकारी अस्पताल में 3 करोड़ ओपीडी होती थी। अब यह 6 करोड़ हो गई है। जैसे जैसे सुविधाएं बेहतर होंगी, हमारी चुनौती बढ़ेगी। निजी अस्पताल में लोगों को एक यह भी डर होता है कि कहीं उनका जरूरत से ज्यादा इलाज तो नहीं हो रहा है। कुछ निजी अस्पताल में ऐसा होता है, इस कारण लोगों के मन में यह डर बना है। लेकिन सरकारी अस्पताल में ऐसा नहीं है। सरकार को व सरकारी डाक्टरों को पैसा नहीं कमाना है। इस कारण हमारे लिए चैलेंज है। सरकारी अस्पताल में जैसे जैसे सुविधा बढ़ेगी लोग निजी अस्पताल छोड़कर सरकारी में आएंगे। ऐसे में हमें चैलेंज के लिए तैयार रहना होगा। सरकार अस्पताल के क्षेत्र में विकास के लिए तैयार है। इंसान सबसे जरूरी है। इंसान का विकास होगा तभी देश व इंसानियत बढ़ेगी। इंसान तभी बढ़ेगा जब वह स्वस्थ्य व शिक्षित होगा। 


यह सुविधाएं हुई प्रारंभ 



  • ओपन हर्ट सर्जरी 

  • 16 बेड आईसीयू 

  • ओटी काम्प्लेक्स

  • हेप्टाटोबलरी, बिराट्रिक और मेटाबोलिक सर्जरी सेंटर 

  • गैस्ट्रोएंट्रोलाजी


हम चाहते हैं दिल्ली अन्य राज्यों के लिए मार्गदर्शक बने 


दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में 3 स्तरीय प्रणाली बनाई है। पहला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या मोहल्ला क्लीनिक है। दिल्ली में 300 से अधिक मोहल्ला क्लीनिक हैं, क्लीनिक के अंदर सभी प्राथमिक इलाज व दवाएं उपलब्ध हैं। दिल्ली में 125 पॉलीक्लिनिक्स हैं, जिनमें से 26 क्लीनिक के अंदर विशेषज्ञ हैं। 


स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र  जैन ने कहा दिल्ली में मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल हैं। राजीव गांधी अस्पताल सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक है, जहां बड़ी बीमारियों के इलाज और उपचार किया जाता है। मैं उनके परिसर में ओपन-हार्ट सर्जरी की शुरुआत के लिए अस्पताल को बधाई देना चाहता हूं। अस्पताल में 200 से अधिक बेड हैं और यह शहर के सबसे अच्छे सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक है। एक महीने के भीतर 500 एंजियोग्राफी टेस्ट और 150 एंजियोप्लास्टी आयोजित करना अस्पताल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। राजीव गांधी एंजियोप्लास्टी सर्जरी के लिए दिल्ली के शीर्ष अस्पतालों में से एक है। दिल्ली सरकार ने शहर में स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार के लिए प्रमुख रूप से काम किया है। इंग्लैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि देशों ने गुणवत्ता शिक्षा और गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवा में परांगत प्राप्त की है। बांग्लादेश और भारत जैसे देशों में लोगों के लिए पर्याप्त गुणवत्ता स्वास्थ्य, देखभाल और शिक्षा सुविधाएं नहीं हैं। हम अपने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के विजन पर काम करना चाहते हैं और चाहते हैं कि दिल्ली की गिनती दुनिया के बेहतरीन शहरों में हो। हम चाहते हैं कि दिल्ली भारत के अन्य राज्यों के लिए एक मार्गदर्शक बने ताकि भारत जल्द ही एक विकसित राष्ट्र बन सके। दिल्ली सरकार ने राज्य के किसी भी निजी या सरकारी अस्पतालों में दुर्घटना के शिकार लोगों की लागत को वहन करने की जिम्मेदारी भी ली है। मेरा मानना है कि दिल्ली सभी राज्यों के लिए प्रकाशस्तंभ होगी ताकि भारत दुनिया के सबसे प्रगतिशील देशों में से हो सके। 


टिप्पणियाँ