बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने बैंक के बारे में अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध पुणे पुलिस और साइबर सेल में पुलिस शिकायत दर्ज की

 


बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने वाट्सऐप, समाचार साईट और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैंक की वित्तीय स्थिति के बारे में गलत जानकारी परिचालित करने और अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध पुणे पुलिस और साइबर सेल में शिकायत दर्ज की है।


यह शिकायत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र की छवि को क्षति पहुंचाने वालों के विरुद्ध की गई है। प्राधिकारियों को समाचार पोर्टल और संबंधित ट्विटर हैंडल की जानकारी दी गई है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने प्राधिकारियों से अनुरोध किया है कि इस गलत जानकारी के मूल स्रोत की पहचान करें तथा इस कृत्य के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें।


बैंक अच्छी तरह से पूंजीकृत है और उसके पास 27 मिलियन से अधिक निष्ठावान ग्राहकों का आधार है तथा यह दिन-प्रतिदिन अधिक सुदृढ़ होता जा रहा है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के बारे में गुप्त प्रयोजन से प्रकाशित गलत जानकारी से सामान्य जनता भ्रमित हो रही है। सोशल मीडिया पर प्रदर्शित समाचार सही नहीं है और तथ्यों को जाने बिना निष्कर्ष निकाले गए हैं।


बैंक ने केवल अपनी आर क्षति (रिज़र्व) के प्रति हानि के लेखांकन समायोजन हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक से संपर्क किया था और ऐसा न होने पर भी बैंक की वित्तीय स्थिति बेहतर और अपरिवर्तित रहेगीबैंक ऑफ महाराष्ट्र की स्थिति को किसी ऐसे बैंक के समान बताना जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रियल्टी सेक्टर धोखाधड़ी के आधार पर कार्रवाई की गई है, एक प्रकार से दुष्प्रचार है और गलत है। धोखाधड़ी से संबंधित समाचार में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की सहभागिता के उल्लिखित आंकड़े भ्रामक/ गलत हैं। चूककर्ता रियल्टी सेक्टर कंपनियों में हमारा एक्स्पोजर बहुत कम है और इससे बैंक के तुलनपत्र और लाभप्रदता पर बहुत कम प्रभाव पड़ेगा


बैंक अपने सभी मूल्यवान हितधारकों के हित की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध है तथा शरारती तत्वों एवं घबराहट फैलाने वालों के विरुद्ध कठोर कदम उठा रहा है। बैंक अपने भरोसेमंद संरक्षकों से अपील करता है कि भ्रामक/ गलत जानकारी फैलाने वालों से सावधान रहें तथा आश्वस्त करता है कि उसकी वित्तीय स्थिति पूर्ण रूप से सुरक्षित और बेहतर रहेगी


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