

अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को लिखा पत्र
मुख्यमंत्री ने हरदीप सिंह पुरी से अनुरोध किया कि डीडीए को प्रक्रिया शुरू करने को कहें, केंद्र के सहयोग से हम संत रविदास जी के मंदिर को दोबारा बनवाएंगे
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय आवासीय एवं शहरी विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी को तुगलकाबाद स्थित ढहाये गये संत रविदास मंदिर की जमीन को लेकर बुधवार को एक पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में हरदीप सिंह पुरी से अनुरोध किया है कि केंद्र जमीन को, जो कि इस समय वन विभाग की है, मंदिर बनाने के लिए डि-नोटिफाई करे।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा है, “दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 10 अगस्त, 2019 को तुगलकाबाद गांव में संत रविदास जी का मंदिर ढहा दिया था। इससे करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस मंदिर को ढहाये जाने के बाद संत रविदास जी के अनुयायी दुनिया भर में और दिल्ली में भारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। संत रविदास जी न केवल दलित समाज के बल्कि सभी समुदायों के श्रद्धेय संत थे। पिछले पांच शताब्दियों से संत रविदास जी की शिक्षाएं हर पीढ़ी को सशक्त बना रही हैं और दिशा दिखा रही हैं।“
केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि हालांकि मंदिर और अन्य संपत्तियां ढहा दी गई हैं लेकिन अब भी मंदिर को दोबारा स्थापित करने की संभावनाएं बाकी हैं। उन्होंने लिखा है, “मुझे बताया गया है कि मंदिर को दोबारा स्थापित करने और इस अन्याय को ठीक करने का अभी भी अवसर है। जनता की भावनाओं के अनुरूप कार्य करने के लिए डीडीए अपने विवेक का इस्तेमाल कर सकती है।“
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में आगे लिखा है, “चूंकि जमीन पर डीडीए का स्वामित्व है और केवल केंद्र ही जमीन का डिनोटिफिकेशन कर सकता है। ये वन विभाग की जमीन है और डीडीए का नियंत्रण है। जमीन के बदलाव को नोटिफाई करने के लिए दिल्ली सरकार के जरिये डीडीए को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने की जरूरत होगी।“
मुख्यमंत्री ने हरदीप सिंह पुरी को आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार जमीन को डि-नोटिफाई करने के प्रस्ताव पर तय समय सीमा के भीतर काम करेगी। उन्होंने लिखा, “मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि राज्य सरकार तुरंत इस मामले पर करे और इस मामले में तय समय सीमा के भीतर कानून के हिसाब से निर्णय ले।“
मंदिर के दोबारा निर्माण को लेकर उन्होंने लिखा है, “भारत सरकार अगर मंदिर का संचालन करने वाली
इस मामले में दिल्ली के सोशल वेलफेयर मिनिस्टर राजेंद्र पाल गौतम पहले ही डीडीए के वाइस चेयरमैन को पत्र लिख चुके हैं। अपने पत्र में श्री गौतम ने कहा था कि जिस जमीन पर संत रविदास मंदिर था, उस जमीन को डि-नोटिफाई करने का प्रस्ताव डीडीए शुरू करे।
पत्र के अलावा राजेंद्र पाल गौतम ने डीडीए के वाइस चेयरमैन से टेलीफोन पर भी बातचीत की थी लेकिन अब तक उन्हें अपने पत्र का कोई जवाब नहीं मिला है।