

- मुख्यमंत्री ने दीवाली पर पटाखों का इस्तेमाल न करने की अपील की
- दिल्ली में 4 से 15 नवंबर तक होगा ऑड-ईवन लागू
- सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए बड़े स्तर पर लोगों को मास्क उपलब्ध कराएगी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अक्टूबर-नवंबर में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाये जाने की वजह से और सर्दियों में मौसम परिवर्तन से होने वाले वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार के एक्शन प्लान की घोषणा शुक्रवार को की। दिल्ली सचिवालय में हुई प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा, “दिल्ली में प्रदूषण 25 फीसदी कम हो गया है। ये दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। दिल्ली देश का अकेला शहर है जहां प्रदूषण घटना शुरू हुआ है। अभी प्रदूषण को और कम करना है। हमें सतर्क रहना होगा कि ये फिर से ना बढ़ने पाये। इसके अलावा हमें कई सारे प्रयास करने हैं, जिससे हम इसे और कम कर सकें। अभी हमें प्रदूषण इतना कम करना है जब हम कह सकें कि ये 'गुड' की रेंज में आ गया है। पूरे साल में लगभग 10-11 महीने प्रदूषण कम हुआ है लेकिन नवंबर के महीने में आसपास के राज्यों से पराली जलने की वजह से धुआं दिल्ली पर छा जाता है, पूरी दिल्ली में घने धुएं के बादल मंडराने लगता है, सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, दिल्ली गैस चैंबर की तरह बन जाती है। इसको लेकर हमारा मानना है कि केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार अपने स्तर पर कोशिश कर रही हैं। दिल्ली सरकार अपनी तरफ से उस कोशिश में जो भी संभव होगा, पूरी मदद करेगी। हम अपनी तरफ से केंद्र सरकार, पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार से बातचीत करते रहे हैं, लिखते रहे हैं, लिखते रहेंगे, बातचीत करते रहेंगे ताकि वहां का धुआं न दिल्ली न आने पाये, वहां पराली जलनी बंद हो जाए। लेकिन जब तक ये धुआं आ रहा है, हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते। जब ये धुआं आता है तो हमें अपने परिवार की चिंता होती है, अपने बच्चों की चिंता होती है, अपने बुजुर्गों की चिंता होती है।“
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “पराली जलाने के दौरान जब धुआं आएगा उस समय हम प्रदूषण से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाएं, इसके लिए हमने जनता से सुझाव मांगे थे। हमने ये भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया ग्रेडेड एक्शन प्लान हम लागू करेंगे। लेकिन इसके अलावा भी हमें काफी कुछ करना है। पिछले हफ्ते-दस दिन के अंदर कई सारे आरडब्ल्यूए से चर्चा की, कई सारे एक्पट्र्स से चर्चा की। हमें 1200 से ज्यादा सुझाव मिले हैं। बहुत अच्छे-अच्छे सुझाव आए हैं। जिन लोगों ने हमें सुझाव भेजे हैं, हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सारे सुझावों और चर्चा के आधार पर हमने 7 प्वाइंट एक्शन प्लान बनाया है। पराली के प्रदूषण से निपटने के लिए 7 प्वाइंट एक्शन प्लान हैं :
मुख्यमंत्री ने ये भी बताया कि इसके अलावा एक वार रूम बनाया जा रहा है। प्रदूषण से संबंधित जितनी भी शिकायतें आएंगी वे वार-रूम में रिसीव होंगी और उन पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा स्कूली बच्चों के अंदर प्रदूषण और पर्यावरण को लेकर जागरूकता लाई जाएगी। बच्चों को बताया जाएगा कि प्रदूषण से बचने के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए। स्कूली बच्चों के जरिये उनके पैरेंट्स को भी प्रेरित किया जाएगा। 15 नवंबर के बाद जब पराली जलाने की वजह से होने वाला प्रदूषण कम हो जाएगा तब सात में दो प्वाइंट्स- ऑड-ईवन और दीवाली पर लेजर शो- को छोड़कर बाकी पांचों प्वाइंट्स पूरी सर्दियों में लागू रहेंगे। ये हमारा विंटर एक्शन प्लान होगा। इसके अलावा प्रदूषण कम करने के लिए हमारी लॉन्ग टर्म प्लानिंग भी है :
- अगले 8 से 10 महीने के भीतर 4,000 बसें दिल्ली की सड़कों पर आ जाएंगी। बसें आनी चालू हो गई हैं।
- बस एग्रीगेटर पॉलिसी जल्दी ही एनाउंस कर दी जाएगी, नोटिफाई कर दी जाएगी। हमें उम्मीद है कि इसमें बड़े स्तर पर प्राइवेट सेक्टर के लोग लग्जरी बसों में इन्वेस्ट करेंगे ताकि निजी वाहन वाले जो लोग हैं, वो अपने निजी वाहन को छोड़कर सार्वजनिक वाहनों में आना शुरू करें।
- दिल्ली में डीटीसी और क्लस्टर की बसों के रूट्स का नये सिरे निर्धारण पिछले एक साल से चल रहा है। नई बसें भी आ रही हैं। इससे भी बसों की फ्रीक्वेंसी काफी बढ़ जाएगी।
- मेट्रो फेस 4 लागू हो रहा है। सभी जगह से अप्रूवल आ चुकी है।
- लास्ट माइल कनेक्टिवटी के लिए बड़े स्तर पर छोटी इलेक्ट्रिक वीकल को लागू किया जाएगा।
- आने वाले दिनों में पूरी दिल्ली में बस स्टैंड्स को बदला जाएगा। इन बस स्टैंड्स को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जाएगा। यहां हर बस का एराइवल स्टेट्स बोर्ड पर मिलेगा।
- इलेक्ट्रिक वीकल पॉलिसी कुछ दिनों के अंदर नोटिफाई होने जा रही है। हमने वेबसाइट पर ड्राफ्ट पॉलिसी डाली थी जिन लोगों ने ड्राफ्ट पॉलिसी देखी है, उनका कहना है कि ये देश की सबसे बेहतरीन इलेक्ट्रिक वीकल पॉलिसी है।
- अभी 1000 इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली में आ रही हैं। इनके अनुभव के आधार पर दिल्ली में भविष्य में जो भी बसें खरीदी जाएंगे वो इलेक्ट्रिक बसें होंगी। हम किसी तरह के फ्यूल को अभी बैन नहीं कर रहे हैं लेकिन हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा दूसरे वीकल भी इलेक्ट्रिक वीकल की तरफ से शिफ्ट करें।
दिल्ली में ग्रीनिंग की दिशा में हम काम कर रहे हैं। इसके अलावा हम चाहते हैं कि दिल्ली में 100 फीसदी मैकेनाइज्ड स्वीपिंग लागू हो। हम इस दिशा में काम करेंगे।