कथा सुनने से मनुष्य का जीवन सुखमय हो जाता है-योगी



बह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज की 50 वीं पुण्यतिथि एवं महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की पांचवी पुण्यतिथि समारोह के तहत श्री गोरक्षनाथ मन्दिर में चल रहे 'श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ' में बुधवार  समापन पर कथाव्यास अनन्त श्रीविभूषित जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने रूकमणी विवाह, सुदामा चरित्र, मार्कण्डेय भगवान की कथा, सुकदेव पूजन कथा, राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा सुनाई। समापन के अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त योगी आदित्यनाथ महाराज, मुख्यमंत्री, ने उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए कहा कि कथा के माध्यम से हमें ऐसी आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है जिससे हम अच्छा करने के लिए सदैव प्रेरित होते है। दुनिया के अन्दर किसी भी मत-मजहब की उतनी आयु नही है जितने वर्षों से हम श्रीमद्भगवत कथा सुनते आ रहे है। पॉच हजार वर्षो से ऐसा केवल भारत में देखा जाता है कि एक वक्ता हो और तीन-चार घण्टे तक बोलता हो और हजारों की संख्या में लोग पूरे मनोयोग से उसे सुनते हो। यही कारण है कि बाकी देशों के लोगों को हमारी आध्यात्मिक ऊर्जा पर आश्चर्य होता है। यही आस्था भारत को जीवन्त और पवित्र बनाए रखी है। भारतीय मनीषियों ने शब्द को ब्रह्म माना है। भागवत महापुराण की कथा सुनने से मनुष्य का जीवन सुखमय हो जाता है और वह स्वतः गौरवान्वित महसूस करता है क्योकि जीवन के तमाम रहस्यों का समाधान कथाओं के माध्यम हो जाता है। ये कथाये हमारे इतिहास को जीवन्त और अक्षुण्य रखी है। गोरक्षपीठाधीश्वर ने कथाव्यास सहित श्रोताओं, यजमानों तथा व्यवस्था में जुड़े लोगों को आशीर्वचन देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।


 

 



 

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