पानी का लीकेज रोकने की मालवीय नगर की पहल दिल्ली का पायलट प्रोजेक्ट होगा : अरविंद केजरीवाल

  • मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आबिद सुरती जी के कामों से प्रभावित हुआ

  • मुख्यमंत्री ने कहासुरती जी के मॉडल का दिल्ली में अनुसरण किया जाएगा


जाने-ने कार्टूनिस्ट, लेखक और जल संरक्षक आबिद सुरती के पानी बचाने का पायलट प्रोजेक्ट अब मालवीय नगर विधानसभा में होगा। इस पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों के आधार पर इसे पूरी दिल्ली में लागूकिया जाएगा। मैं आबिद सुरती जी कामों से बहुत प्रभावित हुआ हूं। आबिद सुरती जी मॉडल का दिल्ली में अनुसरण किया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने मालवीय नगर में आयोजित एक कार्यक्रम केदौरान इसकी घोषणा की।


इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, नीति आयोग ने 21 शहरों की एक लिस्‍ट निकाली है जहां पर आने वाले समय में पानी की बहुत समस्‍या  होने वाली है। दिल्ली का भी उसमें नाम है। मैं मानता हूं‍ कि आने वाले समय में पानीबहुत बड़ी चुनौती होने वाली है लेकिन मैं ये भी समझता हूं कि ये जो रिपोर्ट है ये थोड़ी सी ज्यादा अलार्म क्रिएट कर रही है। बाकी जगहों के बारे में मैं उतना नहीं जानता लेकिन दिल्‍ली के बारे में मैं ये कह सकता हूं कि आपकीअपनी सरकार  आप सब लोगों के साथ मिलकर दिल्‍ली के अंदर जो-जो कदम उठा रही है उससे हम उतनी अलार्मिंग सिचुएशन बिलकुल भी पैदा नहीं होने देंगे। बल्कि हमारा तो ये मानना है कि अगले 4-5 साल के अंदरदिल्‍ली में हम 24 घंटे पीने के पानी का इंतजाम कर देंगे।


उन्होंने कहा कि मैंने जल बोर्ड के साथ 3 घंटे की लंबी बैठक की है, जिसमें इस बात पर चर्चा हुई है कि दिल्‍ली में पीने के पानी का हमें  किसी भी तरह से इंतजाम करना है। जब हम लोगों ने साढ़े चार साले पहले दिल्‍ली कीजिम्‍मेदारी सम्‍भाली थी तब दिल्ली के 58 प्रतिशत घरों में पीने का पानी नल से आया करता था। बाकी दिल्‍ली में टैंकर से पानी जाया करता था। आप सोच सकते हैं और मुझे भी कई बार लगता है कि 70साल में हम देश कीराजधानी में घर-घर के अंदर टोंटी से पानी नहीं पहुंचा पाये तो बाकि देश का क्‍या हाल होगा। साल 2015 में 58 प्रतिशत घरों में टोंटी से पानी जा रहा था आज 93 प्रतिशत दिल्‍ली में टोंटी से पानी जा रहा है। बहुत बड़े स्‍केल केऊपर हमने पानी की पाइप लाइन बिछाने का काम दिल्‍ली में किया है और सात प्रतिशत दिल्‍ली जो बची है उसमें भी फॉरेस्‍ट एरिया में जो कॉलोनियां हैं और जो एएसआई के मॉन्युमेंट्स के एरिया में कॉलोनियां आती हैंउनमें हम कानूनी वजह से पाइप लाइन नहीं बिछा सकते, को छोड़ दिया जाए तो बाकी सारी दिल्‍ली के अंदर आने वाले एक से डेढ़ साल के अंदर दिल्‍ली में पीने के पानी की पाइप लाइन बिछ जायेगी और घर-घर के अंदरटोंटी से पानी जायेगा। ये मेरा सबसे पहला मिशन था कि युद्ध स्तर पर पानी की पाइप लाइन बिछाई जाएगी।  कम से कम लोगों को इज्‍जत से पानी तो मिल सके और वाटर टैंकर माफिया से छुटकारा मिल सके।


मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बहुत सारे इलाके ऐसे हैं जहां पर कहीं एक घंटा पानी आता है, कहीं आधा घंटा पानी आता है,  कहीं डेढ घंटा पानी आता है, कहीं सुबह पानी आता है, कहीं पर शाम को आता है, कहीं रातको तीन बजे आता है कहीं रात को चार बजे आता है। अब हमें पानी के मेनेजमेंट को ठीक करना है, पानी को कंजर्व करना है। हमें ज्यादा से ज्यादा पानी कंजर्व करना होगा। ज्यादा से ज्यादा पानी बचाना होगा। पानी कोरिचार्ज करना होगा। ज्यादा से ज्यादा ग्राउंड वाटर रिचार्ज करना होगा। बारिश के पानी को रोकना होगा। पानी के इस्तेमाल के बाद बचे गंदे पानी को रिसाइकिल करना होगा।


दुनिया भर के शहर बहुत बड़े स्‍तर के ऊपर पानी को रिचार्ज और रिसाइकिल कर रहे हैं। हमारे देश के  अंदर ये नहीं हो पा रहा है। इसके लिए भी दिल्‍ली सरकार ने बहुत बड़े प्‍लान बनाये हैं। दिल्‍ली के पास अपना पानी नहींहै। हम हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश से पानी लेते हैं। हरियाणा से हमारा पानी के ऊपर लड़ाई-झगड़ा खूब चलता रहता है और कोर्ट में केस चल रहे हैं। 150 क्‍यूसेक पानी के लिए हमारा हरियाणा से झगड़ा चल रहा है। कई सालोंसे सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है। बारिश के दिनों में एक दिन में पानी इतना हो जाता है कि हरियाणा उसको रोक नहीं सकता। हरियाणा को उसको यमुना में बहाना पड़ता है। बारिश के दिनों में एक दिन में हरियाणा यमुनाके अंदर 6 लाख क्‍यूसेक पानी छोड़ता है। पिछले कई सालों से हम सुप्रीम कोर्ट में 110 क्‍यूसेक पानी के लिए हरियाणा से लड़ रहे हैं। 6 लाख क्‍यूसेक पानी हरियाणा एक दिन में यमुना में छोड़ देता है और हम यमुना से फिरआगे उत्‍तर प्रदेश में छोड़ देते हैं क्‍योंकि हम भी उसको रोक नहीं पाते। अगर उस पानी को हम रोक लें और एक दिन के पानी को अगर हम उसको अपनी जमीन के अंदर किसी तरह से कंजर्व कर लें तो पूरे साल की पूरीदिल्‍ली के पानी की समस्या खत्‍म हो जायेगी। इस पर हम एक पायलट प्रोजेक्ट कर रहे हैं। यमुना के किनारे 40 एकड़ जमीन हम लोगों ने अभी ली है। उस 40 एकड़ जमीन में हम लोगों ने एक मीटर गड्डा खोदा है।अभी समस्या ये थी कि जमीन के ऊपरी सतह पर एग्रीकल्चर हो रही थी। एग्रीकल्चर की वजह से फर्टिलाइजर की वहज से उसके ऊपर एक मिट्टी की परत पड़ गई थी जिसकी वहज से पानी परक्‍यूलेट नहीं होता था। हमने वोएक मीटर गड्डा खोद कर वो सारी परत हटा दी अब नीचे सारी रेत ही रेत है। वो जो रेत है वो बहुत बड़ा पानी का बहुत बड़ा रिजर्व वायर है। 40 मीटर डीप रेत है और कई किलोमीटर चौड़ी रेत है। ये पानी का इतना बड़ा रिजर्ववायर है। इसके लिए हमें कोई अलग से जगह नहीं बनानी। जब बाढ़ आयेगी, जब यमुनाओवरफ्लो होगी तो इस गड्डे में पानी थोड़ी देर रुकेगा तो वो पानी परक्‍यूलेट कर जायेगा नहीं तो यमुना जब बहती है तो पानी कोपरक्‍यूलेट करने का टाइम नहीं मिलता। इससे वो पानी रुकेगा और वो पानी नीचे परक्‍यूलेट करेगा पानी साइड में जायेगा तो इस बार हम पानी की स्‍पीड नापेंगे। कुछ प्रयोग करेंगे कि कितनी स्‍पीड से नीचे जाता है औरकितनी स्‍पीड से साइड में जाता है। अगले साल लगभग 1500 एकड़ जमीन अधिग्रहीत करके हम उसमें इसी तरह के गड्डे खोदकर पानी को स्‍टोर करेंगे।


मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, मैं पूरी जिम्‍मेदारी के साथ कह सकता हूं कि दिल्‍ली में पानी की कमी नहीं होने देंगे। एक बात और, सिंगापुर में भी पानी की बहुत कमी है लेकिन वो सारा गंदा पानी लेते हैं और उसकोसाफ करते हैं और वो उसको साफ करने के बाद अपनी नदी के कई किलोमीटर दूर नदी में छोड़ देते हैं वो नदी से पानी बहता हुआ आता है तो उसमें ऑक्‍सीजन भी मिल जाती है और आगे आने पर उसे वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट मेंउसको साफ करके उसको वापस शहर को देते हैं। इसी तरह से कनाडा में भी होता है। इसी तरह से दुनिया के कई अन्य शहरों में भी होता है। ये हमारे देश में कभी नहीं हुआ। इसको हम पहली बार लागू करने जा रहे हैं। हमेंइसके लिए सभी जरूरी अनुमति मिल गई है। हम यमुना में  इसको पल्ला में छोंडेंगे और वजीराबाद में पानी को कैप्‍चर करेंगे। वहां पर वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट में साफ करके लगभग 100 एमजीडी पानी मिलेगा। मुझे लगता हैकि अगले तीन साल के अंदर आज दिल्‍ली में जितना पानी उपलब्ध है, उसमें हम आने वाले तीन से चार साल के अंदर 50 फीसदी का इजाफा करेंगे। हमारा पहला लक्ष्य ये था कि सबसे पहले सबके घर में पाइप लाइन बिछादें। दूसरा लक्ष्य ये है कि उसके बाद पानी के प्रबंधन को ठीक करें। पानी की उपलब्धता को बढ़ाएं ताकि आप लोगों को 24 घंटे पानी हम दे सकें। 


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